सरकारी मेडिकल कॉलेजों में पहली बार ट्रिपल क्राउन उपलब्धि : रीवा के डॉक्टरों ने कर दिखाया चमत्कार, CRTD, CSP, AICD प्रोसीजर में बनाया स्टेट रिकॉर्ड 

 
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ऋतुराज द्विवेदी,रीवा/भोपाल। (राज्य ब्यूरो) रीवा, मध्य प्रदेश। चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में मध्य प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेजों के लिए एक अभूतपूर्व दिन! सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, रीवा के कार्डियोलॉजी विभाग ने एक ही सप्ताह के भीतर तीन अत्यंत जटिल हृदय प्रक्रियाएँ— CRTD (Cardiac Resynchronization Therapy Defibrillator), CSP (Conduction System Pacing) और AICD (Automated Implantable Cardioverter Defibrillator) इम्प्लांटेशन— सफलतापूर्वक सम्पन्न कर राज्य स्तर पर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है।

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इस महत्वपूर्ण सफलता ने यह साबित कर दिया है कि अब जीवनरक्षक हृदय उपचार के लिए मध्य प्रदेश के मरीज़ों को महँगे निजी अस्पतालों या बड़े महानगरों की ओर रुख करने की आवश्यकता नहीं है। यह उपलब्धि न केवल रीवा के लिए गौरव का विषय है, बल्कि विंध्य प्रदेश सहित पूरे मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य इतिहास का एक स्वर्णिम अध्याय है।

क्या हैं ये तीन जटिल हृदय प्रक्रियाएँ? (What Are These Three Complex Cardiac Procedures?)
वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. एस. के. त्रिपाठी ने बताया कि ये प्रोसीजर हृदय विफलता (Heart Failure) और खतरनाक अनियमित हृदय ताल (Arrhythmias) से जूझ रहे मरीज़ों के लिए जीवनरक्षक साबित होते हैं। ये तकनीकें पहले केवल निजी और बड़े शहरी केंद्रों तक ही सीमित थीं।

प्रक्रिया (Procedure) कार्यक्षमता (Functionality) हृदय रोगी के लिए लाभ (Benefit)
CRTD हृदय के दोनों वेंट्रिकल्स (Ventricles) को सिंक्रनाइज़ करता है। हृदय विफलता वाले मरीज़ों में हृदय की पंपिंग क्षमता बढ़ाता है।
CSP हृदय के प्राकृतिक विद्युत चालन मार्ग (Natural conduction system) को पेस करता है। यह पेसमेकर की सबसे उन्नत तकनीक है, जो हृदय गति को प्राकृतिक तरीके से नियंत्रित करती है।
AICD हृदय गति के बहुत तेज़ होने पर बिजली का झटका (Shock) देकर नियंत्रित करता है। अचानक कार्डियक अरेस्ट (Cardiac Arrest) से मरीज़ को बचाता है।

डॉ. त्रिपाठी के अनुसार, इन आधुनिक उपकरणों की विशेषता यह है कि ये धीमी (Bradycardia) और तेज़ (Tachycardia) दोनों प्रकार की अनियमित हृदय गतियों को नियंत्रित करने में सक्षम हैं, जिससे मरीज़ को चौतरफा सुरक्षा मिलती है।

डॉ. त्रिपाठी: विंध्य क्षेत्र के हृदय उपचार के सूत्रधार (Dr. Tripathi: Architect of Cardiac Care in Vindhya)
यह उल्लेखनीय सफलता डॉ. एस. के. त्रिपाठी (कार्डियोलॉजिस्ट) की दशकों की विशेषज्ञता और उनके टीम के समर्पण का परिणाम है। डॉ. त्रिपाठी ने विगत 5 वर्षों में सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल रीवा के कार्डियोलॉजी विभाग को एक अत्याधुनिक केंद्र के रूप में विकसित करने में निर्णायक भूमिका निभाई है।

उन्होंने बताया कि जटिल हृदय प्रत्यारोपण प्रक्रियाएँ (Complex Cardiac Procedures) अब रीवा में आसानी से उपलब्ध हैं। इस सफलता के बाद, अस्पताल के डीन डॉ. सुनील अग्रवाल और अधीक्षक डॉ. अक्षय श्रीवास्तव ने डॉ. त्रिपाठी और उनकी टीम को बधाई दी और इसे रीवा के चिकित्सा इतिहास का मील का पत्थर बताया।

उपमुख्यमंत्री श्री शुक्ल का विशेष योगदान (Special Contribution of Deputy CM Shri Shukla)
चिकित्सा के क्षेत्र में रीवा की इस प्रगति के पीछे मध्य प्रदेश के उपमुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल जी का सतत मार्गदर्शन और विशेष योगदान रहा है।

डॉ. वी. डी. त्रिपाठी (कार्डियोलॉजी विभागाध्यक्ष) ने कहा कि उपमुख्यमंत्री जी के सक्रिय सहयोग और प्रयासों से ही रीवा के कार्डियोलॉजी विभाग को उन्नत उपकरण और बुनियादी ढाँचा मिला, जिसके परिणामस्वरूप आज यह जटिल स्तर की चिकित्सा सुविधाएँ रीवा में संभव हो पाई हैं। उनका लक्ष्य है कि रीवा को देश के प्रमुख चिकित्सा केंद्रों में गिना जाए।

समग्र टीम का समर्पण और दक्षता (Dedication and Efficiency of the Entire Team)
इन प्रक्रियाओं की सफलता में न केवल विशेषज्ञ डॉक्टर, बल्कि पूरी टीम का समर्पण शामिल है। जय नारायण मिश्रा, सत्यम, सुमन, मनीष, सुधांशु, सोनाली, विजय तथा पूरा नर्सिंग स्टाफ इस उपलब्धि का श्रेय साझा करता है। इनकी निष्ठा, दक्षता और चौकस देखभाल ने इन जटिल सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम देने में महत्वपूर्ण सहयोग दिया।

रीवा की अन्य प्रमुख कार्डियोलॉजी उपलब्धियाँ (Rewa's Other Key Cardiology Achievements)
डॉ. एस. के. त्रिपाठी और उनकी टीम ने पिछले पाँच वर्षों में कई ऐसी जटिल हृदय संबंधी प्रक्रियाएँ की हैं जो मध्य प्रदेश के सरकारी कार्डियक सेंटर्स में पहली बार की गई हैं। इन उपलब्धियों ने विंध्य प्रदेश के साथ-साथ आसपास के अन्य जिलों के हृदय रोगी मरीज़ों को उत्कृष्ट उपचार प्रदान कर जीवन रक्षा संभव की है:

  1. लीड लेस पेसमेकर (Lead Less Pacemaker): तार रहित पेसमेकर का सफल इम्प्लांटेशन।
  2. एलओटी सीआरटी (LOT CRT): हृदय को सिंक्रनाइज़ करने की उच्च तकनीक।
  3. सीएसपी – कंडक्शन सिस्टम पेसिंग (CSP - Conduction System Pacing): प्राकृतिक चालन प्रणाली पर आधारित पेसिंग।
  4. रोटाब्लेटर मशीन द्वारा जटिल एंजियोप्लास्टी (Complex Angioplasty with Rotablator Machine): कैल्सिफाइड धमनियों को खोलने के लिए रोटाब्लेटर का उपयोग।

यह स्पष्ट है कि सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल रीवा अब मध्य प्रदेश के सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं में जटिल हृदय उपचार का एक नया मानक स्थापित कर चुका है।

FAQs
Q1. क्या यह उपलब्धि मध्य प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में पहली बार है? (Is this achievement a first for Government Medical Colleges in Madhya Pradesh?)

उत्तर: हाँ, एक ही सप्ताह में CRTD, CSP और AICD जैसी तीन जटिल हृदय प्रक्रियाएँ सफलतापूर्वक करना मध्य प्रदेश के किसी भी सरकारी मेडिकल कॉलेज के लिए पहली बार है।

Q2. CRTD और AICD प्रोसीजर का उपयोग किस बीमारी के उपचार में होता है? (In which disease is CRTD and AICD procedure used?)

उत्तर: इन प्रक्रियाओं का उपयोग मुख्य रूप से हृदय विफलता (Heart Failure) और अचानक कार्डियक अरेस्ट के उच्च जोखिम वाले मरीज़ों के लिए जीवनरक्षक उपचार के रूप में किया जाता है।

Q3. डॉ. एस. के. त्रिपाठी कौन हैं? (Who is Dr. S. K. Tripathi?)

उत्तर: डॉ. एस. के. त्रिपाठी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, रीवा के वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ (कार्डियोलॉजिस्ट) हैं, जो जटिल हृदय प्रक्रियाओं को सफलतापूर्वक करने के लिए जाने जाते हैं।

Q4. विंध्य क्षेत्र के मरीज़ों को इस उपलब्धि से क्या लाभ होगा? (What benefit will patients of the Vindhya region get from this achievement?)

उत्तर: अब विंध्य क्षेत्र और आसपास के जिलों के मरीज़ों को जटिल और उन्नत हृदय उपचार के लिए बड़े शहरों के महँगे अस्पतालों में जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।

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