डिप्टी सीएम ने दिया विंध्य को सबसे बड़ा तोहफा! 8 करोड़ की कैथलैब से रीवा बना मेडिकल हब : दिल के मरीजों की एंजियोग्राफी-एंजियोप्लास्टी अब होगी आसान

 
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ऋतुराज द्विवेदी,रीवा/भोपाल। (राज्य ब्यूरो) मध्यप्रदेश के स्वास्थ्य क्षेत्र में विंध्य ने एक नई पहचान बनाई है, और इसका सबसे बड़ा श्रेय रीवा के सुपर स्पेशलिटी अस्पताल को जाता है। 15 अगस्त की शाम को, प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला ने इस अस्पताल को एक और बड़ी सौगात दी। उन्होंने कार्डियोलॉजी विभाग में 8 करोड़ रुपये की अत्याधुनिक नई कैथलैब मशीन का औपचारिक शुभारंभ किया। इस मशीन के शुरू होने से अब रीवा और आसपास के क्षेत्रों के दिल के मरीजों को और भी बेहतर और तेज इलाज मिल सकेगा। यह मशीन न केवल इलाज की गति बढ़ाएगी, बल्कि एंजियोग्राफी और एंजियोप्लास्टी जैसे महत्वपूर्ण ऑपरेशन को और अधिक सटीकता के साथ करने में मदद करेगी। यह कदम विंध्य क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हो सकता है।

रीवा का सुपर स्पेशलिटी अस्पताल: दिल के इलाज का नया केंद्र
रीवा का सुपर स्पेशलिटी अस्पताल अब केवल एक स्थानीय अस्पताल नहीं रह गया है, बल्कि इसने पूरे प्रदेश और पड़ोसी राज्यों में दिल के आपरेशन के लिए अपनी एक विशेष पहचान बनाई है। कार्डियोलॉजी विभाग ने अपनी उत्कृष्ट सेवाओं और सफल ऑपरेशनों के दम पर मरीजों का भरोसा जीता है। यहाँ सिर्फ विंध्य ही नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश और झारखंड जैसे राज्यों से भी मरीज इलाज के लिए आने लगे हैं। पिछले कुछ सालों में, इस अस्पताल के कार्डियोलॉजी विभाग ने हजारों की संख्या में एंजियोग्राफी और एंजियोप्लास्टी की हैं, जो संख्या के मामले में प्रदेश के अन्य सरकारी अस्पतालों की तुलना में सबसे अधिक है। यह उपलब्धि इस बात का प्रमाण है कि रीवा अब बड़े शहरों की तरह ही विशेषज्ञ चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने में सक्षम है। यह अस्पताल उन मरीजों के लिए एक वरदान साबित हुआ है, जिन्हें पहले इलाज के लिए दिल्ली, मुंबई या चेन्नई जैसे दूरदराज के शहरों की यात्रा करनी पड़ती थी, जिससे उनका समय, पैसा और ऊर्जा तीनों की बचत हो रही है। इस अस्पताल ने न सिर्फ चिकित्सा सुविधाएं दी हैं, बल्कि मरीजों और उनके परिवारों को मानसिक और आर्थिक रूप से भी राहत पहुंचाई है।

पुरानी मशीन और नई जरूरत
सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में दिल के आपरेशन की बढ़ती संख्या के साथ, एक चुनौती भी सामने आ रही थी। विभाग में लगी पुरानी कैथलैब मशीन अपनी क्षमता खोने लगी थी और उम्रदराज होने के कारण अक्सर खराब हो जाती थी। आपरेशनों की संख्या लगातार बढ़ रही थी और मशीन पर दबाव भी बढ़ रहा था। इस स्थिति ने डॉक्टरों और स्टाफ के लिए इलाज जारी रखना मुश्किल बना दिया था। मरीजों को भी लंबी प्रतीक्षा सूची का सामना करना पड़ रहा था। ऐसे में, कार्डियोलॉजी विभाग के वरिष्ठ चिकित्सकों ने उप-मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला के सामने एक नई और आधुनिक कैथलैब मशीन स्थापित करने की मांग रखी। उप-मुख्यमंत्री ने बिना किसी देरी के इस मांग को स्वीकार किया और तुरंत इसके लिए मंजूरी दे दी। यह उनकी दूरदर्शिता और स्वास्थ्य सेवाओं को प्राथमिकता देने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। कुछ ही समय में नई मशीन रीवा पहुँच गई और उसे इंस्टाल करने का काम शुरू हुआ।

आधुनिक कैथलैब मशीन की विशेषताएं और लाभ
यह नई 8 करोड़ की कैथलैब मशीन कोई साधारण मशीन नहीं है। यह अत्याधुनिक तकनीक से लैस है जो दिल के रोगों के निदान और उपचार में क्रांति ला सकती है।

  • उच्च-रिज़ॉल्यूशन इमेजिंग: यह मशीन हृदय की धमनियों की बहुत ही स्पष्ट और विस्तृत छवियां प्रदान करती है। इससे डॉक्टर छोटी से छोटी रुकावटों का भी आसानी से पता लगा सकते हैं, जिससे इलाज की सटीकता कई गुना बढ़ जाती है।
  • कम रेडिएशन: पुरानी मशीनों की तुलना में, यह नई कैथलैब मशीन कम रेडिएशन का उपयोग करती है। यह न केवल मरीजों के लिए, बल्कि लगातार ऑपरेशन करने वाले डॉक्टरों और तकनीकी स्टाफ के लिए भी सुरक्षित है।
  • तेज प्रक्रिया: इस मशीन के उन्नत सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर से एंजियोग्राफी और एंजियोप्लास्टी जैसी प्रक्रियाओं में लगने वाला समय कम हो जाएगा। इससे एक दिन में अधिक मरीजों का इलाज संभव हो पाएगा और वेटिंग लिस्ट भी कम होगी।
  • बेहतर सटीक नियंत्रण: यह मशीन डॉक्टरों को प्रक्रिया के दौरान अधिक सटीक नियंत्रण प्रदान करती है, जिससे जटिल मामलों में भी सफलता की दर बढ़ती है।
  • डॉक्टरों के अनुसार, यह नई मशीन न केवल उनकी कार्यक्षमता को बढ़ाएगी, बल्कि दिल के मरीजों के लिए एक नया जीवन लेकर आएगी। इस मशीन की मदद से और अधिक जटिल हृदय संबंधी समस्याओं का समाधान भी रीवा में ही संभव हो जाएगा।

विंध्य के लोगों के लिए स्वास्थ्य क्रांति
इस नई मशीन का शुभारंभ सिर्फ एक उद्घाटन नहीं है, बल्कि यह विंध्य क्षेत्र के लोगों के लिए स्वास्थ्य क्रांति की शुरुआत है। पहले, जब भी किसी को दिल से जुड़ी कोई गंभीर बीमारी होती थी, तो परिवार के सदस्य चिंतित हो जाते थे क्योंकि उन्हें बड़े शहरों में जाकर लाखों रुपये खर्च करने पड़ते थे। इस अस्पताल और अब इस नई मशीन ने उस चिंता को बहुत हद तक कम कर दिया है। मरीज अब अपने घर के पास ही विशेषज्ञ डॉक्टरों और अत्याधुनिक उपकरणों से इलाज करवा सकते हैं। इससे उनका न केवल पैसा बच रहा है, बल्कि इलाज के दौरान परिवार का भावनात्मक सहारा भी मिलता रहता है। डॉ. राहुल मिश्रा, जो इस अस्पताल के अधीक्षक हैं, ने कहा, "यह मशीन हमारे अस्पताल की क्षमता को कई गुना बढ़ा देगी। हम अब एक दिन में अधिक एंजियोप्लास्टी कर पाएंगे, और इससे उन मरीजों को लाभ मिलेगा जिन्हें आपातकालीन स्थिति में तुरंत इलाज की जरूरत होती है।"

सरकारी प्रयासों से बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं
यह एक बड़ा उदाहरण है कि कैसे सरकार सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। उप-मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला की सक्रियता और स्वास्थ्य विभाग की तत्परता ने इस परियोजना को सफलतापूर्वक पूरा किया। उनके प्रयासों से यह सुनिश्चित हुआ कि विंध्य के लोगों को भी वही आधुनिक चिकित्सा सुविधाएं मिलें जो बड़े शहरों में उपलब्ध हैं। इस शुभारंभ समारोह में डीन डॉ. अक्षय श्रीवास्तव, कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. वीडी त्रिपाठी, डॉ. एसके त्रिपाठी और डॉ. अवनीश शुक्ला सहित पूरा स्टाफ मौजूद रहा, जो यह दर्शाता है कि यह पूरी टीम मिलकर रीवा को एक मेडिकल हब बनाने के लिए काम कर रही है। आने वाले समय में, यह अस्पताल और भी कई नई तकनीकों और सुविधाओं से लैस हो सकता है, जिससे यहाँ के लोगों का स्वास्थ्य स्तर और भी बेहतर होगा।

भविष्य का रोडमैप: रीवा को मेडिकल हब बनाना
इस सफलता के बाद, अस्पताल प्रशासन और सरकार का लक्ष्य रीवा को मध्य प्रदेश का एक प्रमुख मेडिकल हब बनाना है। इस नई कैथलैब के साथ, अन्य विशेषज्ञता वाले विभागों में भी नई तकनीकें लाने की योजना है। इस तरह के प्रयासों से न केवल मरीजों को लाभ होगा, बल्कि रीवा और आसपास के क्षेत्रों में चिकित्सा शिक्षा और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। यह एक सतत प्रक्रिया है जिसमें सरकार, चिकित्सक और जनता को मिलकर काम करना होगा ताकि विंध्य का गौरव स्वास्थ्य के क्षेत्र में और भी अधिक ऊंचाइयों तक पहुंचे।

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