REWA : नेताओं के यहां अटैक शिक्षकों को हटाया : 11 दिन बीत जाने के बाद भी नहीं लौटे मूल विभाग

 
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REWA NEWS : शिक्षा विभाग शुरू से ही राजनीतिज्ञों के लिए अखाड़ा बना हुआ है। शिक्षा विभाग में पदस्थ शिक्षकों को नेताओं एवं मंत्रियों द्वारा अपने यहां अटैच कर काम लिए जाने की परंपरा बहुत पुरानी है। इन नेताओं एवं मंत्रियों के यहां अटैक शिक्षा के कर्मचारी खुद को भी नेताओं से बड़ा एवं नियम कायदाओं से बड़ा मानने लगे हैं। हाल की बात की जाए तो नेताओं के यहां अटैच कई शिक्षकों का अटैचमेंट समाप्त किए जाने का आदेश कलेक्टर एवं जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा जारी किया गया।

लगभग एक सप्ताह से भी अधिक का समय बीत जाने के बावजूद भी शिक्षकों का अटैचमेंट समाप्त किया गया उन शिक्षकों द्वारा अब तक मूल विभाग में उपस्थिति दर्ज नहीं दर्ज कराई गई है। इसी से यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि नेताओं एवं मंत्री के यहां अटैक शिक्षक खुद को नियम कायदे एवं कानून से ऊपर समझते हैं। जिला प्रशासन को चाहिए कि ऐसे शिक्षकों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही की जाए जिससे की इस प्रकार की गतिविधियों में रोक लग सके।

वही माध्यमिक शिक्षा मंडल बोर्ड की परीक्षाएं इन दिनों प्रारंभ है। सभी प्रकार के अवकाशों पर प्रतिबंध है। परीक्षा को अत्यावश्यक सेवाएं (एस्मा) घोषित किया गया है। जिस पर गंभीरता से विचार करते हुए जिला कलेक्टर प्रतिभा पाल ने जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया कि शिक्षा विभाग के ऐसे कर्मचारी जो लंबे समय से मंत्री, नेता या किसी कार्यालय में पठन-पाठन का कार्य छोड़कर नेताओं की जी हुजूरी एवं लिपिकीय कार्य में सन्लिप्त हैं उन्हें तत्काल उनकी मूल स्थापना में उपस्थित कराया जाए जाए।

कलेक्टर के निर्देश का पालन करते हुये जिला शिक्षा अधिकारी गंगा प्रसाद उपाध्याय ने कार्यालयीन पत्र क्र/170 रीवा दिनांक 31/01/24 के तहत मंत्री, विधायकों एवं लंबे समय से अन्य कार्यालयों लिपकीय कार्य के लिए अटैक शिक्षकों को का आदेश तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया।
लेकिन आश्चर्य की बात तो यह है कि 11 दिवस बीत जाने के बावजूद यह अपने मूल संस्था में उपस्थित नहीं हुए। जब उनके आदेश निरस्त हैं और यह मूल संस्था में उपस्थित नहीं हुए तब इन्हें वेतन किस हिसाब पर दिया जा रहा यह बड़ा सवाल है।

किनके आदेश हुए निरस्त

  • 1-बंसीलाल कोल, संकुल निपानिया, निज सहायक, अध्यक्ष जिला पंचायत रीवा
  • 2- अशोक शुक्ला प्राथमिक शिक्षक संकुल बालक सेमरिया अटैच कलेक्टर कार्यालय रीवा
  • 3- राजीव तिवारी माध्यमिक शिक्षक संकुल मार्तण्ड 3 अटैच डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल के यहां लिपकीय कार्य
  • 4-गणेश तिवारी, माध्यमिक शिक्षक, मार्तंण्ड -2 अटैच त्योथर विधायक सिद्धार्थ तिवारी के यहां लिपकीय कार्य
  • 5- गौरी शंकर यादव माध्यमिक शिक्षक दोनों अटैच त्योथर विधायक सिद्धार्थ तिवारी के यहां लिपकीय कार्य
  • 6- उमेश द्विवेदी सहायक अध्यापक अटैच कलेक्टर एनआईसी कक्ष

सबसे आश्चर्य की बात तो यह है कि जब स्वयं जिला कलेक्टर कार्यालय में 10-12 वर्ष से शिक्षक अटैच है और उन्हें कलेक्टर द्वारा मुक्त नहीं किया जा रहा तो फिर मंत्री, विधायकों के यहां अटैच शिक्षकों को मुक्त किए जाने के निर्देश क्यों जारी किए जाते हैं। हालांकि ऐसी भी जानकारी मिली है कि विधानसभा प्रश्नों के उत्तर देने के आदान-प्रदान किए जाने के लिए उक्त आदेश जारी किया गया जो मात्र दिखावा है। यही कारण है कि 11 दिवस बीत जाने के बाद भी शिक्षक अपने मूल संस्था पर हाजिर नहीं हुए हैं।

उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला के यहां अटैक शिक्षक राजीव तिवारी निर्वाचन कार्य के दौरान भी उन्हें कार्य मुक्त नहीं किया गया था, निर्वाचन के दौरान अटैचमेंट समाप्त करने के आदेश निर्वाचन आयोग द्वारा दिए गए थे, लेकिन राजीव तिवारी को मुक्त नहीं किया गया। जिससे यह प्रतीत होता है कि इन्हें निर्वाचन कार्य के दौरान भी स्थानीय विधायक का वर्तमान उपमुख्यमंत्री के यहां निर्वाचन कार्य के दौरान भी तैनात रहे। सतना जिले से रीवा पदस्थ हुए राजीव तिवारी के पदस्थापना को लेकर भी सवाल उठाते रहे मार्तण्ड तीन में एक भी जगह न होने के बाद भी इनका स्थानांतरण सतना से रीवा कैसे किया गया यह भी जांच का विषय है।

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