REWA : डीईओ का प्रभार बना तमाशा, बलात्कार के आरोपित प्राचार्य को मिला DEO का प्रभार : चंद घण्टों मे बदला आदेश

 
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MP/REWA NEWS : रीवा जिला शिक्षा अधिकारी की कुर्सी मजाक बन कर रह गई है। जहां जिम्मेदार अधिकारी चंद घण्टों मे अपने ही आदेश को बदल रहे हैं। गौरतलब है कि जिला शिक्षा अधिकारी गंगा प्रसाद उपाध्याय के अस्वस्थ होने के बाद पिछले दो दिन से नए प्रभारी को लेकर अटकलें चल रही थी। जिसमें कई नाम सामने आ रहे थे । 

मुख्य रूप से रमसा प्रभारी टी.आर.यादव , सहायक संचालक आरती सिंह , जेडी कार्यालय में पदस्थ सहायक संचालक के.पी तिवारी को प्रभार दिए जाने की अटकलें लगाई जा रही थी। वही आज दिन भर उत्कृष्ट विद्यालय के प्राचार्य को डी ई ओ का प्रभार देने की चर्चाएं चल रही थी।

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किंतु शाम को आए आदेश में संयुक्त संचालक लोक शिक्षण कार्यालय रीवा संभाग में पदस्थ सहायक संचालक के.पी तिवारी को रीवा जिले का जिला शिक्षा अधिकारी का प्रभार दिए जाने का आदेश आयुक्त लोक शिक्षण अभय वर्मा के हस्ताक्षर से जारी हुआ। 

किंतु चंद घंटों बाद देर शाम आये आदेश में पूर्व में जारी आदेश को निरस्त करते हुए बलात्कार के आरोपी उत्कृष्ट विद्यालय के प्राचार्य सुधीर बांडा को जिला शिक्षा अधिकारी रीवा का प्रभार देने संबंधी आदेश जारी किया गया । गौरतलब है कि प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी प्रीतम सिंह की अदालत ने प्रकरण क्रमांक 24 /2001 में सुधीर बंडा को धारा 376 के तहत दोषी पाया था।

गिरगिट को भी पीछे कर दिया शिक्षा विभाग ने 20 मिनट में संशोधित हुआ दूसरा आदेश

केपी तिवारी ने जिला शिक्षा अधिकारी के पद पर आमद दी ही थी कि 20 मिनट के अंदर दूसरा आदेश आयुक्त लोक शिक्षण कार्यालय से जारी किया, जिसमें उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मार्तंड क्रमांक 1 के प्राचार्य सुधीर कुमार बाण्डा को वर्तमान जिला शिक्षा अधिकारी गंगा प्रसाद उपाध्याय के स्वस्थ्य होने तक के लिए प्रभारी डीईओ नियुक्त किया गया। श्री बांडा कल कार्यालय में अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे। वहीं सूत्रों के हवाले से यह भी खबर है कि शीघ्र ही एक तीसरा आदेश भी जारी हो सकता है।

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इसके अलावा 2007 में डीपीसी के पद पर रहते हुए ओवीबी योजना के अंतर्गत क्रय की गई सामग्री में भ्रष्टाचार का दोषी पाया गया था। किंतु चुनावी वर्ष में शासन ने भ्रष्टाचार एवं बलात्कार के आरोपी प्राचार्य को रीवा के जिला शिक्षा अधिकारी का प्रभार देकर अपने सामने मुश्किलें खड़ी कर ली हैं। जिसकी चर्चा शिक्षा जगत के गलियारों में जोरो से है।

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