REWA : मासूम की हत्या कर चैन की नींद सो रहे धरती के भगवान, ये भगवान है या हैवान?

 
IMAGE
भगवान ने हो नहीं कर दिया भगवान का कत्ल : आखिर कैसे आती होगी रात में नींद?

MP/REWA NEWS : जिले के पी के स्कूल के पीछे एक निजी अस्पताल में दो वर्षीय बच्चे को बुखार होने के चलते एडमिट कराया गया था जहां बच्चे ने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया है। आपको बता दें कि मृतक बच्चे के पिता शिवम मिश्रा निवासी रमकुई परिवार सहित नागपुर में निजी कंपनी में काम करते थे जो होली की छुट्टी में अपने गृह ग्राम रमकुई थाना चोरहटा में 5 मार्च को आये हुए थे तभी बच्चे को अचानक तेज बुखार आया तो अगले दिन डाक्टर बजाज को दिखाये तो डॉक्टर बजाज ने ही बच्चे का सीवीसी कराया तो उसमें हीमोग्लोबिन 4 पवाइन्ट निकला जिसके बाद बच्चे को तत्काल एडमिट करने का सुझाव डाक्टर बजाज के द्वारा दिया गया मगर परिजन डॉक्टर की बातों को दरकिनार करते हुए एडमिट नही किए और पी के स्कूल के पीछे संचालित निजी क्लिनिक में दिखाने गए जहा डॉक्टर गौरव त्रिपाठी के द्वारा बच्चे की रिपोर्ट देखी गई।

जिसके बाद उन्होंने भी एडमिट करने एवं तत्काल ब्लड चढ़ाने की बात कही वही डॉक्टर एवं मृतक बच्चे के परिजनों से थोड़ी बहुत कहासुनी भी हो गई थी डॉक्टर भर्ती करने का सुझाव दे रहे थे और मृतक बच्चे के पिता शिवम मिश्रा मेडिसिन लिखाने की बात कर रहे थे जिसके बाद डॉक्टर गौरव त्रिपाठी के निजी अस्पताल में परिजनों ने बुखार से कराह रहे दो वर्षीय बच्चे को एडमिट करने को तैयार हुए और एडमिट कर उपचार भी शुरू कर दिए और अगले दिन विंध्या ब्लड बैंक से बच्चे को ब्लड लाकर चढ़ाया गया।  बच्चे को ब्लड चढ़ाने के कुछ ही देर बाद बच्चे की तबीयत और बिगड़ी और बच्चे के पेट में जकड़न होने लगा और बच्चा तेजी से रोने लगा जिसके कुछ ही देर बाद बच्चे की हालत गंभीर हो गई जहां डॉक्टर गौरव त्रिपाठी बच्चे को लेकर परिजनों के साथ खुद मिनर्वा हॉस्पिटल लेकर पहुंचे मगर तब तक मासूम बच्चे की सांसे थम चुकी थी जहां मिनर्वा अस्प्ताल के डॉक्टर धर्मेश पटेल ने फिर भी बच्चे की जान बचाने की हर सम्भव कोशिश की और करीब एक घण्टे तक बच्चे को बचाने का प्रयास किये ।

मगर नन्हे से बच्चे को बचाया नही जा सका जिसके बाद परिजनों में आक्रोश व्याप्त हो गया और अस्प्ताल के बाहर ही बच्चे के शव को लेकर रोने बिलखने लगे और हंगामे की स्थिति निर्मित हुई। सूचना पाकर पहुँचे सिविल लाइन थाना प्रभारी हितेंद्र नाथ शर्मा ने मौके पर पहुंचकर परिजनों को काफी समझाइस दी और उचित कार्रवाई का आश्वासन देते हुए मर्ग कायम कर शव को पोस्टमार्टम के लिए रीवा के संजय गांधी अस्प्ताल में रखा दिए थे । जहाँ  आज रीवा के संजय गांधी अस्पताल में मृतक बच्चे का पोस्टमार्टम कर शव परिजनों को सुपुर्द कर दिया गया है और मौत होने की मुख्य जानकारी पीएम रिपोर्ट के आने बाद ही स्पष्ट हो पाएगी कि मौत आखिर किस बजह से हुई है । फिलहाल सिविल लाइन पुलिस ने मर्ग कायम कर आगे की जांच में जुट गई है

क्या कहना है मिनर्वा अस्प्ताल डाक्टर धर्मेश पटेल का

कल दिनाँक 11 मार्च की रात तकरीबन 9 बजे डाक्टर गौरव त्रिपाठी बच्चे के परिजनो के साथ खुद मिनर्वा हॉस्पिटल लेकर आये थे जहा बच्चे का हार्ड बी पी एक दम से निल था ,फिर भी हमलोगों ने एक  घंटे तक बच्चे को बचाने का हरसंभव प्रयास किया गया मगर बच्चे में बिल्कुल सुधार नहीं हुआ क्योकि बच्चे की मौत हमारे अस्प्ताल में आने से पहले ही हो चुकी थी। जहा परिजनों के आने जाने का पूरा सीसीटीव रिकार्डिंग भी है,और मिनर्वा हॉस्पिटल की जो खबर सोशल मीडिया में चल रही है वह बिलकुल गलत है ।

डॉक्टर त्रिपाठी का लाइसेंस निरस्त करने की मांग

इस घटना में परिजनों द्वारा यह आरोप लगाए जा रहे हैं कि मेरे पुत्र की जान डॉक्टर त्रिपाठी ने ली है उनके गलत उपचार के कारण आज मेरा पुत्र इस दुनिया को अलविदा कह चुका है। जहां एक अकेले मां-बाप का रो रो कर बुरा हाल है तो वही परिजन भी इस मृत्यु से शोक में है।

दर्ज हो डॉक्टर त्रिपाठी पर एफ आई आर

इस पूरे मामले में जानकारी देते हुए बताया है कि इस तरह के डॉक्टरों द्वारा गलत इलाज किया जाता है और पैसे की मांग की जाती है इन डॉक्टरों का तत्काल ही लाइसेंस निरस्त कर देना चाहिए। ऐसे डॉक्टरों को शहर में क्लीनिक चलाने का कोई अधिकार नहीं है जो बच्चों की जान के साथ खिलवाड़ करें।

वर्जन डॉक्टर त्रिपाठी

मीडिया से बातचीत करने के बाद डॉक्टर त्रिपाठी ने जानकारी दी गई थी हमने सरकार की गाइडलाइन का पालन किया है और जो दुनिया भर के आम अस्पतालों में मरीजों को सीपीआर दिया जाता है वही काम हमने भी किया, वही डॉक्टर साहब का यह कहना है कि हो सकता है कि मरीज को गलत रक्त देने के कारण मृत्यु हो गई हो।

बता दें कि इस पूरे घटना में अभी तक पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आना बाकी है वही यह जानकारी मिली है कि अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि बच्चे की मृत्यु डॉक्टर त्रिपाठी के हाथ हुई या रास्ते में ले जाने के कारण या मिनर्वा हॉस्पिटल की लापरवाही के कारण.

Related Topics

Latest News