REWA : विकास पुरुष के आम से खास बनने की कहानी...

 
XVB

ऋतुराज द्विवेदी,रीवा। विंध्य के कद्दावर बीजेपी नेता राजेंद्र शुक्ला (rajendra shukla) की गिनती ऐसे नेताओं में होती है जो जब जब चुनाव जीते उन्हें हर बार मंत्री पद मिला। चाहे उमा भारती की सरकार रही हो या फिर बाबूलाल गौर की। उसके उपरांत शिवराज सिंह चौहान की नेतृत्व वाली सरकार में भी उन्हें महत्वपूर्ण मंत्रालय से नवाजा गया। 2003 में पहली बार चुनाव जीतने वाले राजेंद्र शुक्ला 2008, 2013 और हाल ही में शिवराज सरकार (shivraj cabinet) के मंत्रिमंडल विस्तार में उन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंप गई। 2018 के विधानसभा चुनाव में विंध्य क्षेत्र से कांग्रेस का सुपड़ा साफ होने का श्रेय भी राजेंद्र शुक्ला को ही जाता है।

विकास पुरुष के सहारे ही पिछला प्रदर्शन दोहराने की उम्मीद में भाजपा
2018 के विधानसभा चुनाव के परिणाम जब आए तो भाजपा-कांग्रेस से महज कुछ सीटों से पिछड़ गई और कांग्रेस ने प्रदेश की सत्ता की बागडोर संभाली बावजूद इसके पूरे विंध्य में कांग्रेस का लगभग सुपड़ा साफ हो चुका था। जिसका श्रेय भी राजेंद्र शुक्ला को ही जाता है।

रीवा विधानसभा क्षेत्र से विधायक राजेंद्र शुक्ला का बड़ा नाम माना जाता है। साल 2018 में शुक्ला चौथी बार चुनाव तब जीतकर विधानसभा पहुंचे, जबकि भाजपा प्रदेश में चुनाव हार गई थी। राजेंद्र शुक्ल 2003 में पहली बार भाजपा के टिकट पर चुनाव जीते थे। तब से लगातार अपराजेय हैं। 2018 में जब भाजपा ने सत्ता गंवा दी थी, तब भी भाजपा को विंध्य क्षेत्र में बड़ी सफलता मिली थी। रीवा जिले की सभी आठों विधानसभा सीटों पर भाजपा उम्मीदवार चुनाव जीते थे। राजेन्द्र शुक्ला की छवि 'रीवा के विकास पुरुष' के तौर पर है। अब भाजपा यही प्रदर्शन 2023 में फिर दोहराना चाहती है।

रीवा के विकास में शुक्ला का अहम योगदान
पिछले एक दशक से रीवा शहर का जिस तेजी से विकास हुआ है इसका श्रेय भी राजेंद्र शुक्ला को ही जाता है चाहे वह गुड़ में एशिया का सबसे बड़ा सोलर प्लांट लगाने की बात हो या फिर शहर में चार-चार फ्लावर बनाने के साथ ही कई ऐसे विकास कार्य किए गए हैं जिससे की रीवा की गिनती प्रदेश के बड़े महानगरों इंदौर एवं भोपाल के बाद होने लगी है।

कब-कब रहे शुक्ल मंत्री

  • 2003 में राजेंद्र शुक्ला पहली बार मध्य प्रदेश विधानसभा के लिए चुने गए। उन्हें आवास और पर्यावरण के लिए राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के रूप में मंत्रिपरिषद में शामिल किया गया था।
  • 2008 में उन्हें रीवा निर्वाचन क्षेत्र से दूसरी बार मध्य प्रदेश विधानसभा में चुना गया था। वह मध्य प्रदेश राज्य सरकार में ऊर्जा और खनिज संसाधन मंत्री बने।
  • 2013 में वह मध्य प्रदेश की 14 वीं विधान सभा के लिए चुने गए। उन्होंने उद्योग नीति और निवेश संवर्धन पर कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली। वे जनसंपर्क मंत्री भी रहे। मध्य प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम के अध्यक्ष भी चुने गए।
  • 2018 में चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे, लेकिन प्रदेश में भाजपा की सरकार नहीं बन सकी, मंत्री बनना संभव ही नहीं था।
  • 2020 में ही मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार गिर गई तो भाजपा ने फिर सरकार बनाई, अब 2023 में राजेंद्र शुक्ला को फिर मंत्री बनाया गया है।

प्रदेश के बड़े संविदाकारों में गिनती होती थी भैयालाल शुक्ल की
पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ला के पिता भैयालाल प्रदेश के प्रमुख संविदाकारों में शामिल थे। कार्य में गुणवत्ता ही उनकी पहचान थी। सामान्य परिवार में जन्म लेने वाले भैयालाल ने स्वयं बड़े कारोबार का नेटवर्क स्थापित किया। वह राजेन्द्र शुक्ला को भी उसी क्षेत्र में ले जाना चाहते थे लेकिन इन्होंने राजनीति का क्षेत्र अपनाया और दूसरे भाई विनोद शुक्ला पिता की विरासत को संभाल रहे हैं।

विंध्य को दिलाया अंतरराष्ट्रीय स्तर का प्रोजेक्ट
रीवा विधायक व शिवराज सरकार  के कैविनेट मंत्री  राजेंद्र शुक्ल सरकार में रहते हुए क्षेत्र के लिए कई अहम योजनाएं लेकर आए। दुनिया का पहला ह्वाइट टाइगर सफारी मुकुंदपुर में स्थापित कराया. सोलर के क्षेत्र में बड़ा प्रोजेक्ट तैयार कराया और बदवार पहाड़ में 750 मेगावाट का सोलर पॉवर प्लांट स्थापित हुआ मध्यप्रदेश में यह सोलर एनर्जी का अब तक का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट है. विंध्यवासियों को इलाज के दूर शहरों तक न भटकना पड़े इसके लिए सुपर स्पेशलिटी अस्पताल रीवा शहर में लेकर आए. 2023 में सर्व सुविधायुक्त स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स बनकर तैयार हुआ, वहीं बीहर नदी के टापु में बना  ईको पार्क और एयरपोर्ट भी जल्द ही रीवा वासियों को समर्पित किया जाएगा. इसके अलावा हाल ही में रीवा के लक्ष्मणबाग में संस्कृत विश्वविद्यालय खोले जाने की भी अनुमति सरकार द्वारा दी गई है. इसके लिए श्री शुक्ल लंबे समय से प्रयासरत रहें हैं. रीवा शहर में कई विकास कार्य हुए हैं और निरंतर अभी भी जारी है।

कांग्रेस से शुरु की थी राजनीति
राजनीति की शुरुआत राजेन्द्र ने युवा कांग्रेस से शुरू की थी। कई वर्षों तक अलग-अलग पदों पर रहे लेकिन पार्टी से मोह भंग हुआ और भाजपा में शामिल हो गए।भाजपा की टिकट पर वर्ष 2003 से लगातार विधायक चुने जा रहे हैं। राजेंद्र खनिज साधन, वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार, प्रवासी भारतीय विभाग, जनसमपर्क सहित अन्य अहम् विभाग में मंत्री रह चुके है।

छात्र राजनीति में भी रहे सक्रिय
वर्ष 1986 में इंजीनियरिंग कॉलेज रीवा में छात्र संघ के अध्यक्ष चुने जाने के बाद ही नेतृत्व की ओर रुझान बढ़ा था ।1992 में वृहद युवा सम्मेलन आयोजित कर सबको आकर्षित किया था । छात्र राजनीति के दौरान कई बड़े आंदोलनों में भी सक्रिय रूप से शामिल रहे।

Related Topics

Latest News