जलप्रपात, मंदिर, विरासत: रीवा पर्यटन कॉन्क्लेव में जुटेंगे 600+ दिग्गज, फिल्म इंडस्ट्री की भी एंट्री!

 
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ऋतुराज द्विवेदी,रीवा/भोपाल। (राज्य ब्यूरो) मध्य प्रदेश का विंध्य क्षेत्र, अपनी अद्वितीय प्राकृतिक सुंदरता, भव्य जलप्रपातों, प्राचीन मंदिरों और ऐतिहासिक धरोहरों के साथ, अब पर्यटन के मानचित्र पर अपनी एक नई पहचान बनाने को तैयार है। इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, रीवा में 26 और 27 जुलाई को एक भव्य पर्यटन कॉन्क्लेव का आयोजन किया जा रहा है। इस कॉन्क्लेव का मुख्य उद्देश्य विंध्य को पर्यटन व्यवसाय से जोड़ना और देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों को यहां की प्राकृतिक खूबसूरती और समृद्ध विरासत से परिचित कराना है। यदि यह कॉन्क्लेव सफल रहा, तो इसका सबसे बड़ा लाभ विंध्य और रीवा को ही मिलेगा, जिससे क्षेत्र में आर्थिक समृद्धि और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।

कान्क्लेव में अतिथियों का जमावड़ा: राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय भागीदारी
यह कॉन्क्लेव सिर्फ एक साधारण बैठक नहीं है, बल्कि एक मेगा इवेंट है जिसमें देशभर से करीब 600 डेलिगेट्स रीवा पहुंच रहे हैं। इनमें 120 से अधिक बड़ी हस्तियां और 20 से अधिक वीआईपी शामिल हैं, जिनमें प्रमुख होटल व्यवसायी और एयरलाइंस कंपनियों के प्रतिनिधि भी होंगे। शेष डेलिगेट्स उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश से होंगे, जो क्षेत्रीय पर्यटन के विकास में गहरी रुचि रखते हैं। यह बड़ी भागीदारी इस बात का संकेत है कि विंध्य क्षेत्र में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं, जिन्हें अब गंभीरता से तलाशा जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव 26 जुलाई को शाम 4 बजे कृष्णा राजकपूर ऑडिटोरियम में इस कार्यक्रम का शुभारंभ करेंगे, जो इस पहल की गंभीरता और राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

पर्यटन कॉरिडोर की तैयारी: यूपी-एमपी का सीधा जुड़ाव
इस कॉन्क्लेव का एक प्रमुख एजेंडा पर्यटन कॉरिडोर बनाने की तैयारी है, जो उत्तर प्रदेश को मध्य प्रदेश से सीधे पर्यटन के क्षेत्र से जोड़ देगा। इस कॉरिडोर का केंद्र रीवा बनेगा, जिसका अर्थ है कि सभी पर्यटक यहीं से होकर गुजरेंगे। उत्तर प्रदेश में माँ गंगा और मध्य प्रदेश में माँ नर्मदा का उद्गम स्थल अमरकंटक जैसी पवित्र नदियों के क्षेत्र हैं, जहाँ बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं। वर्तमान में, यूपी के पर्यटक अक्सर एमपी की तरफ नहीं आते। इस कॉरिडोर का उद्देश्य इन पर्यटकों को विंध्य तक खींचना है, जो रीवा के चारों तरफ के पर्यटन क्षेत्रों को मिलाकर बनाया जाएगा। यह कॉरिडोर न केवल यात्रा को सुगम बनाएगा बल्कि दोनों राज्यों के बीच पर्यटन संबंधों को भी मजबूत करेगा।

रीवा: जलप्रपातों और ऐतिहासिक धरोहरों का संगम
रीवा को अक्सर "जलप्रपात की खूबियों से भरा हुआ" कहा जाता है। यहां के जलप्रपात जैसे चचाई, केंवटी और बहुती का नजारा कहीं और देखने को नहीं मिलता। ये जलप्रपात अपनी भव्यता और प्राकृतिक सुंदरता से पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देते हैं। अब जब यह क्षेत्र सीधे तौर पर पर्यटन कॉरिडोर से जुड़ जाएगा, तो रीवा के जलप्रपात की पहुंच देश और विदेशों तक हो जाएगी।

इसके साथ ही, सीधी में पर्सुली, अमरकंटक, मैहर में माँ शारदा माता का मंदिर, चित्रकूट धाम, देवतालाब और रीवा के शिव मंदिर जैसे धार्मिक और प्राकृतिक स्थल भी टूरिज्म के सबसे बड़े केंद्र बन जाएंगे। विंध्य क्षेत्र में कई टाईगर रिजर्व और अभ्यारण्य भी हैं, जो वन्यजीव प्रेमियों के लिए बड़े आकर्षण हैं। यहां की प्रचुर वन संपदा, नदियां और अन्य प्राकृतिक स्थल इसे एक अनूठा पर्यटन स्थल बनाते हैं। विंध्य की प्राकृतिक खूबसूरती और ऐतिहासिक धरोहरें, जैसे रीवा किला और बघेला म्यूजियम, इसे एक संपूर्ण पर्यटन अनुभव प्रदान करती हैं।

निवेश और रोजगार के अवसर: विंध्य में पर्यटन का आर्थिक प्रभाव
यह कॉन्क्लेव सिर्फ दर्शनीय स्थलों को बढ़ावा देने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका सीधा संबंध रोजगार के नए अवसरों के सृजन से भी है। जब पर्यटन बढ़ेगा, तो इससे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से स्थानीय लोगों को फायदा होगा। होटल उद्योग, वाहन उद्योग, सांस्कृतिक तथा सामाजिक संगठन, टूर ऑपरेटर्स और टूरिस्ट गाइड जैसे पर्यटन से जुड़े विभिन्न हितधारक इसमें शिरकत करेंगे। पर्यटन के विकास से विंध्य में स्थानीय व्यवसायों को बढ़ावा मिलेगा, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था मजबूत होगी और युवाओं के लिए रोजगार के नए रास्ते खुलेंगे। यह कॉन्क्लेव निवेशकों को आकर्षित करेगा और उन्हें क्षेत्र में निवेश के अवसरों के बारे में जानकारी देगा, जिससे पर्यटन कारोबार में बड़ी वृद्धि की उम्मीद है।

फिल्म इंडस्ट्री और ब्लॉगर्स का आगमन: ब्रांडिंग में मिलेगी मदद
इस कॉन्क्लेव की एक और खास बात यह है कि इसमें सिर्फ व्यवसायी और कारोबारी ही नहीं, बल्कि फिल्म इंडस्ट्री से भी कई लोग शिरकत कर रहे हैं। यहां फिल्मों की शूटिंग आदि की संभावनाओं को तलाशा जाएगा, जिससे रीवा और विंध्य को एक नए पहचान मिलेगी। इसके अलावा, कई यूट्यूब व्लॉगर्स भी आ रहे हैं। ये व्लॉगर्स यहां के पर्यटन स्थलों की ब्रांडिंग करने का काम करेंगे, जिससे लाखों लोगों तक रीवा की खूबसूरती पहुंचेगी। सोशल मीडिया के इस दौर में यह ब्रांडिंग विंध्य को एक बड़ा पर्यटक गंतव्य बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

कॉनक्लेव का दूसरा दिन: स्थलों का भ्रमण और भविष्य की योजनाएं
कॉन्क्लेव में दूसरे दिन यानी 27 जुलाई को पर्यटन विकास से जुड़े विभिन्न आयामों पर अलग-अलग तीन दलों द्वारा विचार मंथन किया जाएगा। दोपहर 2 बजे के बाद, इन दलों द्वारा विंध्य के प्रमुख पर्यटन स्थलों का भ्रमण भी किया जाएगा, जिनमें मुकुंदपुर व्हाइट टाइगर सफारी, पुरवा जलप्रपात, बसामन मामा गौ वन्य विहार अभ्यारण्य तथा रीवा में बघेला म्यूजियम किला और महामृत्युंजय मंदिर शामिल हैं। यह भ्रमण प्रतिनिधियों को क्षेत्र की वास्तविक सुंदरता और क्षमता का अनुभव कराएगा। कॉन्क्लेव में बाहर से आने वाले प्रतिनिधियों के साथ-साथ पर्यटन व्यवसाय से जुड़े विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया गया है, ताकि एक व्यापक दृष्टिकोण पर विचार-विमर्श हो सके।

उप मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को नगर की साज-सज्जा के संबंध में भी निर्देश दिए हैं, ताकि बाहर से आने वाले डेलिगेट्स के मन में "स्वच्छ, सुंदर और आकर्षक रीवा" की छवि जाए। कॉलेज के पर्यटन विभाग के प्राध्यापकों तथा विद्यार्थियों को भी कॉन्क्लेव में शामिल करने का निर्देश दिया गया है, ताकि उन्हें भी इस महत्वपूर्ण पहल का हिस्सा बनाया जा सके।

मुख्यमंत्री का शुभारंभ और सांस्कृतिक कार्यक्रम
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव 26 जुलाई को पर्यटन कॉन्क्लेव का विधिवत शुभारंभ करेंगे। उद्घाटन समारोह में रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जो विंध्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करेंगे। यह कॉन्क्लेव विंध्य में पर्यटन को एक नया आयाम देगा और क्षेत्र के आर्थिक तथा सामाजिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

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