रीवा में 2 दिन का मेगा इवेंट: रीवा पर्यटन कॉन्क्लेव से बदलेगी विंध्य की तस्वीर! कैसे विंध्य को मिलेगी अंतर्राष्ट्रीय पहचान?

 
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रीवा पर्यटन कॉन्क्लेव का उद्देश्य विंध्य क्षेत्र के पर्यटन स्थलों को अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिलाना है, जिसमें प्राकृतिक, धार्मिक और विरासत पर्यटन पर चर्चा होगी, साथ ही निवेशकों को आकर्षित करने पर भी ध्यान दिया जाएगा।

ऋतुराज द्विवेदी,रीवा/भोपाल। (राज्य ब्यूरो) मध्य प्रदेश के विंध्य क्षेत्र में पर्यटन को एक नया आयाम देने के उद्देश्य से 26 और 27 जुलाई को रीवा में एक महत्वपूर्ण पर्यटन कॉन्क्लेव का आयोजन किया जा रहा है। यह आयोजन रीवा और उसके आसपास के प्राकृतिक सौंदर्य, समृद्ध धार्मिक विरासत और ऐतिहासिक महत्व को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मंच पर लाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इस कॉन्क्लेव का उद्घाटन मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव 26 जुलाई को शाम 4 बजे कृष्णा राजकपूर ऑडिटोरियम में करेंगे, जो इस आयोजन के महत्व को दर्शाता है।

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इस दो दिवसीय आयोजन से पहले, उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने नवीन सर्किट हाउस में कॉन्क्लेव की तैयारियों की गहन समीक्षा की, और कलेक्टर प्रतिभा पाल ने भी ऑडिटोरियम का निरीक्षण कर आवश्यक निर्देश दिए। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि कॉन्क्लेव सुचारू रूप से संपन्न हो और अपने उद्देश्यों को प्राप्त कर सके।

कॉन्क्लेव का उद्देश्य और महत्व
मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड की सहायक प्रबंध संचालक विदिशा मुखर्जी ने बताया कि इस रीवा पर्यटन कॉन्क्लेव का मुख्य उद्देश्य रीवा और उसके आसपास के पर्यटन स्थलों को अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिलाना है। यह केवल प्रचार-प्रसार तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका लक्ष्य क्षेत्र में पर्यटन के लिए एक स्थायी और समृद्ध पारिस्थितिकी तंत्र बनाना है। कॉन्क्लेव में विशेष रूप से प्राकृतिक पर्यटन, धार्मिक पर्यटन, और विरासत पर्यटन पर विस्तृत चर्चा की जाएगी। इन तीनों पहलुओं को बढ़ावा देकर विंध्य क्षेत्र को एक समग्र पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की योजना है।

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मुख्यमंत्री पर्यटन निवेशक, टूर ऑपरेटर, होटल व्यवसायी और क्षेत्र के प्रमुख हितधारकों को संबोधित करेंगे। यह संबोधन निवेशकों को आकर्षित करने और पर्यटन से संबंधित व्यवसायों को बढ़ावा देने के लिए एक मंच प्रदान करेगा। इस तरह के आयोजनों से न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलता है, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी सृजित होते हैं, जिससे स्थानीय लोगों का जीवन स्तर सुधरता है।

विंध्य क्षेत्र की पर्यटन क्षमता
विंध्य क्षेत्र, विशेष रूप से रीवा, अपनी अनूठी भौगोलिक और सांस्कृतिक विशेषताओं के लिए जाना जाता है। रीवा में सर्वाधिक जलप्रपात हैं, जो इसे प्रकृति प्रेमियों और साहसिक पर्यटकों के लिए एक आकर्षक गंतव्य बनाते हैं। इन जलप्रपातों की गर्जना और आसपास का हरा-भरा वातावरण मन को शांति प्रदान करता है। इसके अतिरिक्त, यहां कई धार्मिक और पुरातात्विक स्थल भी हैं, जो इतिहास और आध्यात्मिकता में रुचि रखने वाले पर्यटकों को अपनी ओर खींचते हैं।

दुर्भाग्यवश, संसाधनों की कमी और उचित प्रचार-प्रसार के अभाव में यहां बाहरी पर्यटकों की संख्या अपेक्षाकृत कम है। यह कॉन्क्लेव इस कमी को दूर करने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है। यह उन चुनौतियों को संबोधित करेगा जो विंध्य क्षेत्र को एक प्रमुख पर्यटन स्थल बनने से रोक रही हैं, और उनके समाधान पर विचार-विमर्श करेगा।

निवेशकों के लिए अवसर और सुविधाएं
इस पर्यटन कॉन्क्लेव रीवा में पर्यटन क्षेत्र में निवेशकों को दी जाने वाली सुविधाओं पर भी विशेष चर्चा होगी। मध्य प्रदेश सरकार पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है और निवेशकों को आकर्षित करने के लिए विभिन्न नीतियां और प्रोत्साहन प्रदान कर रही है। इसमें भूमि आवंटन में आसानी, वित्तीय सहायता, कर छूट और अन्य नियामक राहत शामिल हो सकती है। निवेशकों को यह समझने का अवसर मिलेगा कि रीवा पर्यटन में क्यों रुचि लें और यहां निवेश करने से उन्हें क्या लाभ मिल सकते हैं। यह कॉन्क्लेव निवेशकों और सरकार के बीच एक सीधा संवाद स्थापित करने का भी अवसर प्रदान करेगा, जिससे निवेश प्रक्रिया को सुव्यवस्थित किया जा सके।

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पर्यटन के विभिन्न आयामों पर चर्चा
कॉन्क्लेव में केवल प्राकृतिक सौंदर्य या धार्मिक स्थलों पर ही नहीं, बल्कि पर्यटन के विभिन्न आयामों पर भी विस्तृत चर्चा होगी। इसमें शामिल हो सकते हैं:

इको-टूरिज्म: पर्यावरण के अनुकूल पर्यटन प्रथाओं को बढ़ावा देना और स्थानीय जैव विविधता का संरक्षण करना।
ग्रामीण पर्यटन: स्थानीय संस्कृति, शिल्प और जीवनशैली का अनुभव करने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यटन को प्रोत्साहित करना।
साहसिक पर्यटन: ट्रेकिंग, रिवर राफ्टिंग और अन्य साहसिक गतिविधियों के लिए अवसरों का पता लगाना।
सांस्कृतिक पर्यटन: स्थानीय त्योहारों, कला रूपों और परंपराओं को उजागर करना।
आतिथ्य क्षेत्र का विकास: पर्यटकों के लिए उच्च गुणवत्ता वाली आवास सुविधाएं, भोजन और अन्य सेवाएं प्रदान करना।

इन सभी पहलुओं पर चर्चा करके, कॉन्क्लेव का लक्ष्य विंध्य क्षेत्र में पर्यटन के क्या अवसर हैं और उन्हें कैसे भुनाया जा सकता है, इस पर एक व्यापक दृष्टिकोण विकसित करना है।

रीवा: जलप्रपातों, धर्म और इतिहास का संगम
रीवा को अक्सर "श्वेत बाघों की भूमि" के रूप में जाना जाता है, लेकिन इसकी पहचान सिर्फ यहीं तक सीमित नहीं है। यहां कई शानदार जलप्रपात हैं, जिनमें चचाई जलप्रपात, केंवटी जलप्रपात, और बहुती जलप्रपात प्रमुख हैं। ये जलप्रपात न केवल दर्शनीय हैं, बल्कि पर्यटकों को प्रकृति की भव्यता का अनुभव भी कराते हैं।

धार्मिक दृष्टि से, रीवा में कई प्राचीन मंदिर और पवित्र स्थल हैं जो श्रद्धालुओं को आकर्षित करते हैं। इनमें गोविंदगढ़ किला, रीवा किला, और कई अन्य ऐतिहासिक स्थल शामिल हैं जो क्षेत्र के समृद्ध इतिहास और वास्तुकला को दर्शाते हैं। रीवा के धार्मिक स्थल कौन से हैं और रीवा में घूमने लायक जगहें कौन सी हैं इस पर कॉन्क्लेव में विस्तार से जानकारी दी जाएगी, ताकि पर्यटकों को इन स्थलों के बारे में पता चल सके।

आगे की राह और भविष्य की संभावनाएं
यह पर्यटन कॉन्क्लेव रीवा विंध्य क्षेत्र में पर्यटन के भविष्य के लिए एक मील का पत्थर साबित हो सकता है। यह न केवल वर्तमान चुनौतियों का समाधान करेगा, बल्कि भविष्य के लिए एक रोडमैप भी तैयार करेगा। यदि इस कॉन्क्लेव में लिए गए निर्णयों और निवेशों को प्रभावी ढंग से लागू किया जाता है, तो रीवा और विंध्य क्षेत्र निश्चित रूप से भारत के पर्यटन मानचित्र पर एक प्रमुख स्थान प्राप्त कर सकते हैं।

इस कॉन्क्लेव से यह उम्मीद की जा सकती है कि रीवा में पर्यटन को कैसे बढ़ावा दें इस पर एक स्पष्ट कार्ययोजना बनेगी, जिससे इस क्षेत्र को नई ऊंचाइयों पर ले जाया जा सकेगा और यह पर्यटकों के लिए एक पसंदीदा गंतव्य बन सकेगा।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
Q1: रीवा पर्यटन कॉन्क्लेव का मुख्य उद्देश्य क्या है?
A1: रीवा पर्यटन कॉन्क्लेव का मुख्य उद्देश्य रीवा और आसपास के पर्यटन स्थलों को अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिलाना है, साथ ही प्राकृतिक, धार्मिक और विरासत पर्यटन को बढ़ावा देना और निवेशकों को आकर्षित करना है।

Q2: यह कॉन्क्लेव कब और कहाँ आयोजित हो रहा है?
A2: यह कॉन्क्लेव 26 और 27 जुलाई को रीवा के कृष्णा राजकपूर ऑडिटोरियम में आयोजित हो रहा है।

Q3: कॉन्क्लेव में किन विषयों पर चर्चा होगी?
A3: कॉन्क्लेव में प्राकृतिक पर्यटन, धार्मिक पर्यटन, और विरासत पर्यटन पर चर्चा होगी। साथ ही पर्यटन क्षेत्र में निवेशकों को दी जाने वाली सुविधाओं पर भी बात की जाएगी।

Q4: रीवा में प्रमुख पर्यटन स्थल कौन से हैं?
A4: रीवा में सर्वाधिक जलप्रपात हैं जैसे चचाई, केंवटी, और बहुती जलप्रपात। इसके अलावा कई धार्मिक और पुरातात्विक स्थल भी हैं, जिनमें गोविंदगढ़ किला और रीवा किला प्रमुख हैं।

Q5: मुख्यमंत्री कॉन्क्लेव में किसे संबोधित करेंगे?
A5: मुख्यमंत्री पर्यटन निवेशक, टूर ऑपरेटर, होटल व्यवसायी और क्षेत्र के प्रमुख हितधारकों को संबोधित करेंगे।

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