बसोर बस्ती: 'मिनी कर्फ्यू' में तब्दील! दो समुदायों में पथराव और तलवारें, पुलिस छावनी बना रीवा का ये इलाका

 
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ऋतुराज द्विवेदी,रीवा/भोपाल। (राज्य ब्यूरो) शनिवार की रात रीवा शहर के रानी तालाब क्षेत्र में स्थित बसोर बस्ती उस समय अशांत हो गई जब दो समुदायों के बीच एक मामूली विवाद ने हिंसक रूप ले लिया। यह घटना रीवा के शांतिपूर्ण माहौल के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई। कुचवधिया और बंसल समाज के लोगों के बीच हुई इस झड़प ने न सिर्फ तीन लोगों को घायल किया, बल्कि पूरे इलाके में भय और तनाव का माहौल भी पैदा कर दिया। यह घटना दिखाती है कि छोटी-सी बात भी कैसे बड़े संघर्ष का रूप ले सकती है, जब दोनों पक्ष नशे की हालत में हों और स्थिति को संभालने के बजाय उकसाने में लगें। देर रात तक चली इस हिंसक झड़प में उपद्रवियों ने पत्थर और शराब की बोतलें एक-दूसरे पर फेंकीं। यह सब यहीं नहीं रुका, बल्कि कुछ अराजक तत्वों ने तो तलवारें लहराकर दहशत फैलाने की कोशिश भी की। इस तरह के हथियार का उपयोग दिखाता है कि यह महज एक कहासुनी नहीं थी, बल्कि यह पूरी तरह से एक हिंसक और खतरनाक संघर्ष था।

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विवाद की जड़: क्या हुआ था उस रात?
पुलिस के अनुसार, इस पूरे विवाद की शुरुआत शराब को लेकर हुई थी। यह जानकर हैरानी होती है कि एक छोटी सी बात, जो नशे की हालत में शुरू हुई, उसने इतना बड़ा हिंसक रूप ले लिया। सीएसपी राजीव पाठक ने बताया कि दोनों पक्षों के लोग शराब के नशे में थे। उनकी आपस में किसी बात को लेकर कहासुनी हुई, जिसने धीरे-धीरे झगड़े का रूप ले लिया। कुछ ही देर में यह झगड़ा गाली-गलौज और हाथापाई में बदल गया। इसी दौरान दोनों ओर से लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई और स्थिति बेकाबू हो गई। दोनों गुटों ने एक-दूसरे पर पथराव शुरू कर दिया। इस दौरान, आसपास के घरों से शराब की खाली और भरी बोतलें भी फेंकी गईं, जिससे माहौल और ज्यादा खराब हो गया। यह भी देखा गया कि इस झड़प में कई महिलाएं भी शामिल थीं, जो पथराव कर रही थीं। यह इस घटना की गंभीरता को और बढ़ा देता है, क्योंकि महिलाओं का इस तरह के हिंसक कृत्य में शामिल होना समाज में व्याप्त तनाव को दर्शाता है।

पुलिस की त्वरित कार्रवाई: कैसे नियंत्रित हुई स्थिति?
पुलिस को जैसे ही इस तनावपूर्ण स्थिति की सूचना मिली, उन्होंने तुरंत कार्रवाई की। नगर पुलिस अधीक्षक (सीएसपी) राजीव पाठक के नेतृत्व में पुलिस बल तुरंत घटनास्थल पर पहुंचा। बिछिया, कोतवाली, समान और सिविल लाइन जैसे कई थानों से पुलिस बल को बुलाया गया ताकि स्थिति को जल्द से जल्द नियंत्रित किया जा सके। पुलिस ने किसी भी तरह के बड़े दंगे या अप्रिय घटना को रोकने के लिए पूरे इलाके को पुलिस छावनी में बदल दिया। उन्होंने दोनों पक्षों के लोगों को समझा-बुझाकर शांत करने की कोशिश की और उपद्रवियों को खदेड़ा। पुलिस ने कड़ी मशक्कत के बाद स्थिति पर काबू पाया। अगर पुलिस समय रहते नहीं पहुँचती, तो यह विवाद और भी गंभीर रूप ले सकता था, जिसमें जान-माल का बड़ा नुकसान हो सकता था। पुलिस की त्वरित कार्रवाई ने निश्चित रूप से एक बड़ी त्रासदी को टाल दिया।

घायलों का उपचार: क्या है ताजा अपडेट?
इस हिंसक झड़प में तीन लोग घायल हुए हैं। उन्हें तत्काल इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया गया। हालांकि, पुलिस ने अभी तक घायलों की पहचान और उनकी चोटों की प्रकृति के बारे में कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी है। घायलों का उपचार चल रहा है और वे खतरे से बाहर बताए जा रहे हैं। पुलिस अब भी इस बात की जाँच कर रही है कि क्या इन घायलों में से किसी ने भी इस झड़प को भड़काने में कोई भूमिका निभाई थी। घायलों के ठीक होने के बाद उनसे पूछताछ भी की जाएगी ताकि घटना के बारे में और जानकारी मिल सके।

क्षेत्र में तनाव और सुरक्षा व्यवस्था
घटना के बाद भी बसोर बस्ती और उसके आसपास के इलाके में तनाव की स्थिति बनी हुई है। हालांकि, पुलिस की मौजूदगी से माहौल शांत है, लेकिन लोगों में डर साफ देखा जा सकता है। पुलिस ने एहतियातन इलाके में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी है ताकि किसी भी तरह की अफवाह या बदले की भावना से होने वाली घटना को रोका जा सके। अतिरिक्त पुलिस बल को तैनात किया गया है और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी लगातार स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। वे लोगों से शांति बनाए रखने की अपील कर रहे हैं और उन्हें भरोसा दिला रहे हैं कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

आगे की जाँच और कानूनी कार्रवाई
पुलिस ने इस मामले में दोनों पक्षों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। वे वीडियो फुटेज और प्रत्यक्षदर्शियों के बयानों के आधार पर उपद्रवियों की पहचान कर रहे हैं। सीएसपी राजीव पाठक ने बताया कि इस मामले में किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। जो लोग तलवारें लहरा रहे थे या पथराव कर रहे थे, उनकी पहचान करके उन पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने इस संबंध में कई लोगों को हिरासत में भी लिया है और उनसे पूछताछ कर रही है। पुलिस का मुख्य उद्देश्य इस घटना के पीछे के असली कारणों और दोषियों को उजागर करना है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।

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