REWA : मतदाताओं एवं कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर कर पाएंगे शिवराज?

रीवा मऊगंज विधानसभा की तीन सीटों में करेंगे आज चुनाव प्रचार
ऋतुराज द्विवेदी,रीवा। मतदान की तरीकों के नजदीक आते-आते राजनीतिक सरगर्मियां जोर पकड़ रही हैं। कांग्रेस एवं भाजपा प्रत्याशियों सहित अन्य दलों के प्रत्याशियों द्वारा चुनाव जीतने के लिए पूरा दाम खम लगाया जा रहा है। बात अगर भारतीय जनता पार्टी की करी जाए तो चुनाव की तिथियां घोषित होने के पूर्व भाजपा द्वारा कराए गए सर्वे में विंध्य सहित पूरे प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की हालत अच्छी नहीं बताई जा रही है। जिसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा प्रदेश की आधी आबादी को साधने के लिए दना दन कई घोषणाएं की गई बावजूद इसके प्रदेश में पार्टी की स्थिति नहीं सुधर रही है। ऐसा पार्टी के सर्वे में ही सामने आ रहा है।
बहरहाल चुनाव की तिथियां नजदीक आते-आते भाजपा के कई दिग्गज विंध्य में चुनावी सभा को संबोधित करने के अलावा पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठक आयोजित कर पार्टी की स्थिति मजबूत करने में लगे हुए हैं। नामांकन वापस करने के 1 दिन पूर्व देश के नंबर दो नेता अमित शाह द्वारा रीवा के वृंदावन गार्डन में कार्यकर्ताओं एवं बागियों की बैठक का आयोजन कर बगावत में अंकुश लगाने की कोशिश की जिसमें वह कुछ हद तक कामयाब भी हुए जिसके उपरांत 2 दिन पूर्व भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी जिले की चार विधानसभा सीटों में आम सभा कर भाजपा प्रत्याशी को जिताने की अपील की है।
आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी रीवा जिले के दौरे में है। इस दौरान वे गुढ़, त्यौंथर,सिरमौर एवं सेमरिया विधानसभा में पार्टी प्रत्याशी के पक्ष में आम सभा का आयोजन कर मतदाताओं से पार्टी प्रत्याशी को जिताने की अपील करें। किंतु राजनीतिक सूत्रों की माने तो इन चारों विधानसभा में पार्टी प्रत्याशियों के खिलाफ जबरदस्त आक्रोश है। गुढ़ विधानसभा की बात की जाए तो 2 दिन पूर्व भाजपा प्रत्याशी का प्रचार करने गए कार्यकर्ताओं को गांव में घुसने नहीं दिया गया।
यही हाल सिरमौर विधानसभा क्षेत्र का भी है जहां का एक वीडियो वायरल हूआ उक्त वीडियो में भाजपा का झंडा लगे वाहन को देखकर ग्रामीण भड़क उठे और चुनाव प्रचार करने वाले कार्यकर्ताओं से दस साल का हिसाब मांगने लगे और गांव में घुसने नहीं दिया। यही हाल त्योंथर विधानसभा क्षेत्र का भी है। जहां पर अमित शाह के दौरे के बाद बागियों ने घर बैठने का फैसला जरूर कर लिया किंतु पार्टी प्रत्याशी के पक्ष में चुनाव प्रचार करेंगे या नहीं इस बात की कोई गारंटी नहीं है। रही बात सेमरिया विधानसभा क्षेत्र की तो इस क्षेत्र में भी पार्टी प्रत्याशी की छवि को लेकर तरह-तरह की कहानियां प्रचलित हैं। अब देखना यह दिलचस्प होगा कि जेपी नड्डा एवं शिवराज सिंह चौहान के दौरे के बाद मतदाताओं का रुख क्या होता है फिलहाल तो स्थितियां भारतीय जनता पार्टी के विपरीत ही नजर आ रही है।
