रीवा-ग्वालियर बस डंपर से टकराकर पलटी, खाई में बस के गिरने से 20 यात्री घायल : 3 गंभीर घायल ग्वालियर रेफर जबकि एक छात्र की मौत

छतरपुर में टायर फटने से बेकाबू ट्रॉले ने बस को टक्कर मार दी। बस दो बार पलटकर सड़क से उतरी और गड्ढे में जा गिरी। हादसे में 13 साल के बच्चे की मौत हो गई जबकि 19 यात्री घायल हो गए। तीन की हालत गंभीर है, जिन्हें ग्वालियर रेफर किया गया है। हादसा बमीठा थाना इलाके की बागेश्वर चौकी क्षेत्र में रविवार देर रात करीब 11:45 बजे हुआ। मौके से गुजर रहे बाइक सवारों ने बस को पलटते देखा और गश्त कर रहे पुलिस SDOP (सब डिविजनल पुलिस ऑफिसर) को सूचना दी। घायलों को निकालकर NHAI (नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया) की एंबुलेंस से जिला अस्पताल भेजा गया।
खजुराहो SDOP सलिल शर्मा ने बताया, 'हम रविवार रात गश्त पर थे। बागेश्वर धाम चौराहा के पास 2 लोगों ने आवाज लगाकर बताया कि ट्रॉले ने रीवा से ग्वालियर जा रही बस नंबर MP35 P 0273 को टक्कर मार दी है। मैंने ड्राइवर और दो लोगों की मदद से घायलों को बाहर निकाला और इलाज के लिए छतरपुर जिला अस्पताल भिजवाया। हादसे में 13 साल के समर (13) पिता दिनेश राठौर की मौत हो गई।'
बस के नीचे दबा 13 साल का बच्चा प्रत्यक्षदर्शी रामेश्वर पटेल ने कहा, 'हम दो लोग बाइक से बागेश्वर धाम से गंज जा रहे थे। 100 मीटर दूर पहुंचे थे, देखा कि ट्रॉले का टायर फटा और वह बस से टकरा गया। बस गड्ढे में पलट गई। हमने पुलिस की गाड़ी को देखकर उन्हें सूचना दी। एक बच्चा बस के नीचे दबा हुआ था।'
दिवाली पर घर जा रहा था समर पुलिस ने बताया कि भिंड निवासी समर अपने पिता के साथ बस में पीछे की सीट पर बैठा था। दोनों रीवा से ग्वालियर जा रहे थे। दिनेश के दो बेटे हैं। समर छोटा था। इसी साल रीवा के सैनिक स्कूल में सिलेक्ट होकर कक्षा 6वीं में पढ़ रहा था। दिवाली की छुटि्टयों में पिता के साथ घर जा रहा था।
बेटे ने फोन किया था-पापा मुझे लेने आ जाओ हादसे में बेटे को खोने वाले दिनेश राठौर ने सिसकते हुए कहा- बेटा रीवा के सैनिक स्कूल में पढ़ता था। दो दिन पहले उसने फोन किया कि दीपावली की छुट्टियां हैं, पापा मुझे लेने आ जाओ। मैं बेटे को लेकर बस से आ रहा था। तभी छतरपुर के बागेश्वर धाम के पास एक्सीडेंट हो गया।
हादसे के बाद लोग चिल्ला रहे थे। मैं अपने बेटे को इधर-उधर ढूंढ रहा था। वह बस के नीचे दबा दिखा। मैंने लोगों से मदद के लिए कहा। चिल्लाया कि मेरे बेटे को निकालो, लेकिन किसी ने नहीं सुनी। काफी देर बाद बेटे को निकाला गया। जब तक उसने दम तोड़ दिया।
ये छतरपुर जिला अस्पताल में भर्ती 1. आइबिल पसना पिता अलेक्जेंडर, 49, पन्ना 2. नीरज सिंह गुर्जर पिता सियाराम, 41, पन्ना 3. राकेश पिता लालमन, 30, रीवा 4. रामदीन शर्मा पिता रामगोपाल, 55, खुरदई 5. आकाश पिता मनीष जगत, 22, चिनैनी 6. सुमित पिता शंकर सेन, 30, सतना 7. मोहम्मद याकूब पिता इमाम, 45, बक्सवाह, छतरपुर 8. बंसराज आदिवासी पिता सम्पत, 55, सतना 9. संजय, 45 10. सुजीत पिता राजकुमार, 31 11. राजकुमार, 59 12. पंकज, 50 13. प्रमोद पिता मुरलीधर, 42 14. सुधीर सिंह पिता रामबीर, 28 15. राजकली आदिवासी पति मनसुख, 50 16. अंजू आदिवासी पति रामबली, 42
ये तीन ग्वालियर रेफर
1. माताप्रसाद गौतम पिता बांकेलाल, 47, हाथरस (उत्तर प्रदेश) 2. ललित कुमार गौतम पिता रामदीन, 45, हाथरस (उत्तर प्रदेश) 3. गंगाराम पिता हरिराम, 30, बबीना (उत्तर प्रदेश)
ट्रक में घुसी कार; पति-पत्नी की मौत, बेटा गंभीर सागर के देवरी थाना क्षेत्र में नेशनल हाईवे 44 पर सोमवार सुबह करीब 5 बजे तेज रफ्तार कार आगे चल रहे ट्रक में घुस गई। कार सवार श्यामलाल ठाकुर (55) और उनकी पत्नी मुन्नी बाई (50) की मौत हो गई जबकि बेटा कन्हैया गंभीर है। उसे देवरी अस्पताल में प्रारंभिक इलाज के बाद जबलपुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर किया गया है।
प्रारंभिक तौर पर हादसे का कारण कार ड्राइवर को नींद का झोंका आना बताया गया है। परिवार ग्वालियर से जबलपुर जा रहा था। हादसे में कार के परखच्चे उड़ गए। ट्रक के नीचे फंसी कार को क्रेन की मदद से खींचकर बाहर निकाला गया।