REWA की मशहूर चौपाटी एमपी 17 का मामला : अधिवक्ता और समाजसेवी ने खोला मोर्चा, निगम आयुक्त बोली- जल्द करेंगे व्यवसाइयों को विस्थापित

 
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Rewa News : रीवा की मशहूर चौपाटी एमपी 17 को सप्ताह भर पहले हटाया गया है। जिसको लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। वहीं अब दुकानदारों के साथ ही अधिवक्ता और समाज सेवी वी के माला ने भी इस विषय को लेकर नगर निगम के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। जहां उन्होंने नगर निगम पर सीधा आरोप लगाया है। साथ ही जल्द से जल्द व्यवसाइयों के विस्थापन की मांग भी की है।

वी के माला कहा कि नगर पालिका अधिनियम 1956 के अंतर्गत नगर निगम के भीतर कहीं भी अगर कोई व्यवसाय करता है। तो उसके लिए पहले से ही एक आवंटन प्रक्रिया होती है। विगत कई वर्षों से ये दुकानें वहां पर संचालित थी। उन्होंने कहा कि खुद नगर निगम ने ही आर सीसी और पी सीसी के माध्यम से दुकानों के संचालन के लिए अनुमति प्रदान की थी।

उन्होंने निगम पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर ये अतिक्रमण था तो आप ने इतनी दुकानों के लिए पूर्व में आवंटन या अनुमति क्यों प्रदान की थी। उन्होंने यह भी कहा कि अगर नगर निगम ने इसे अतिक्रमण बता कर हटाया है तो तीन वर्षों पहले ही इस अतिक्रमण को क्यों नहीं हटा दिया गया।

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वहीं मंगलवार को रीवा कलेक्टर को अपनी समस्याएं बताने पहुंचे हॉकर्स कॉर्नर में फूड स्टॉल लगाने वाले व्यापारियों का कहना है कि हम सभी छोटे व्यापारी हैं। हमारी दुकानें यहां से हटा दी गई हैं तो अब हम अपना जीवन-यापन कैसे करेंगे। व्यापारियों का कहना है कि तीन साल पहले तत्कालीन कलेक्टर इलैया राजा टी के द्वारा हमें चौपाटी लिए वो जगह दी गई थी।

व्यापारियों के मुताबिक इलैया राजा टी ने कहा था कि आप लोग यहां अपनी दुकानें लगाकर अपनी रोजी-रोटी चलाइए । लेकिन सप्ताह भर पहले बिना किसी पूर्व सूचना के और बिना किसी नोटिस के जेसीबी मशीन लगाकर हमारी दुकानों को हटा दिया गया है। वहां पर हम पिछले तीन सालों से चौपाटी लगाकर दुकानें चला रहे थे। हमें अब तक कोई भी दूसरी जगह अभी नहीं दी गई है जिसकी वजह से हमारे पास आजीविका का कोई और साधन भी नहीं है।

वहीं पूरे मामले में नगर निगम आयुक्त संस्कृति जैन का कहना है की राजस्व न्यायालय के निर्देश पर ये कार्यवाही की गई है। जिसमें नगर निगम के द्वारा सहयोगी भूमिका निभाई गई है। जितने भी व्यवसाई वहां पर दुकानें चला रहे थे उनको विस्थापित करने की प्रक्रिया नगर निगम के द्वारा की जा रही है। उन्होंने बताया कि कार्यवाही के एक दिन पहले राजस्व विभाग के द्वारा सभी को सूचना दी गई थी जिसके लिए अनॉउंसमेंट भी किया गया था।

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