रीवा की सियासत में फिर गरमाई गर्मी: पूर्व विधायक केपी त्रिपाठी जनता के लिए 'संकटमोचक' बन उतरे मैदान में, कांग्रेस MLA अभय मिश्रा पर FIR दर्ज करवाकर मचाई खलबली!

 
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ऋतुराज द्विवेदी,रीवा/भोपाल। (राज्य ब्यूरो) रीवा की राजनीति में एक बार फिर पूर्व भाजपा विधायक केपी त्रिपाठी का नाम जोर-शोर से गूंज रहा है। अपनी जनता के प्रति अटूट निष्ठा और हर सुख-दुख में खड़े रहने की छवि के कारण वे हमेशा सुर्खियों में रहते हैं। हाल ही में एक पीड़ित के लिए न्याय की लड़ाई लड़ते हुए उन्होंने कांग्रेस विधायक अभय मिश्रा पर एफआईआर दर्ज करवा दी, जिससे चोरहटा थाने में न केवल हाईवोल्टेज ड्रामा देखने को मिला, बल्कि पूरे विंध्य क्षेत्र की राजनीति में भी जबरदस्त खलबली मच गई है।

जननेता की छवि: विकास पुरुष से संकटमोचक तक
केपी त्रिपाठी को सेमरिया विधानसभा क्षेत्र में विकास पुरुष के रूप में जाना जाता है। उनके कार्यकाल में सेमरिया में सड़कें, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं सहित कई बड़े विकास कार्य हुए, जिन्होंने क्षेत्र की तस्वीर बदल दी। जनता के बीच उनकी यह पैठ आज भी बरकरार है। वे केवल चुनाव के समय नहीं, बल्कि हर आम आदमी की समस्या में उसके साथ खड़े दिखाई देते हैं। उनका यही अंदाज उन्हें एक सच्चा जननेता बनाता है और यही कारण है कि जनता भी उन पर अपार विश्वास करती है। उनका यह कदम (पीड़ित का साथ देना) उनकी इसी छवि को और भी मजबूत करता है।

क्या है पूरा मामला जिसने मचाई सनसनी?
पूरा मामला कांग्रेस विधायक अभय मिश्रा के आवास पर काम करने वाले दो कर्मचारियों के बीच हुए विवाद से शुरू हुआ। पीड़ित अभिषेक तिवारी नामक कर्मचारी का आरोप है कि उसने विधायक अभय मिश्रा से अपने बकाया वेतन की मांग की। अभिषेक के अनुसार, वेतन मांगने पर अभय मिश्रा और उनके कुछ सहयोगियों ने उसे बेरहमी से पीटा। इतना ही नहीं, मारपीट के दौरान एक कर्मचारी ने उसकी उंगली भी काट डाली। यह घटना बेहद गंभीर और अमानवीय बताई जा रही है।

केपी त्रिपाठी का कड़ा रुख और चोरहटा थाने में 'हंगामा'
इस दर्दनाक घटना के बाद, जब अभिषेक तिवारी को कहीं से न्याय की उम्मीद नहीं दिखी, तो वह सीधे पूर्व विधायक केपी त्रिपाठी की शरण में पहुंचा। केपी त्रिपाठी ने पीड़ित की पूरी बात सुनी और बिना देर किए, अपने समर्थकों के साथ उसे लेकर 25 जुलाई, शुक्रवार को चोरहटा थाने पहुंच गए।

थाने में पहुंचते ही, उन्होंने पुलिस से कांग्रेस विधायक अभय मिश्रा और उनके पांच सहयोगियों के खिलाफ तत्काल एफआईआर दर्ज करने की मांग की। इस दौरान थाने में जबरदस्त हंगामा और हाईवोल्टेज ड्रामा देखने को मिला। केपी त्रिपाठी और पुलिस अधिकारियों, जिनमें थाना प्रभारी आशीष मिश्रा और महिला सीएसपी रितु उपाध्याय शामिल थीं, के बीच तीखी नोकझोंक हुई। वायरल हुए वीडियो में केपी त्रिपाठी को कुछ आवेशपूर्ण शब्दों का प्रयोग करते देखा गया, जिसके लिए उन्होंने बाद में सार्वजनिक रूप से माफी भी मांगी और स्पष्ट किया कि वे महिला सीएसपी का सम्मान करते हैं और उन्हें अपनी छोटी बहन की तरह मानते हैं।

FIR दर्ज, अभय मिश्रा पर बढ़ा दबाव
देर रात तक चले इस गतिरोध के बाद, पुलिस को अंततः दबाव में झुकना पड़ा। कांग्रेस विधायक अभय मिश्रा सहित 5 लोगों पर मारपीट की धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया। वहीं, दूसरी ओर, अभय मिश्रा ने इन आरोपों को पूरी तरह से निराधार बताया है और इसे राजनीतिक साजिश करार दिया है, जिसका मकसद उनकी छवि को धूमिल करना है।

इस घटना ने रीवा ही नहीं, बल्कि पूरे मध्य प्रदेश में राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। केपी त्रिपाठी का यह कदम उनकी जनता के प्रति जवाबदेही और न्याय के लिए लड़ने के उनके दृढ़ संकल्प को दर्शाता है। यह स्पष्ट करता है कि वे जनता के बीच क्यों इतने लोकप्रिय हैं और कैसे वे हर मुश्किल घड़ी में उनके साथ खड़े रहते हैं। यह लड़ाई अभी लंबी चलेगी, लेकिन केपी त्रिपाठी ने एक बार फिर साबित कर दिया कि वे आम आदमी की आवाज बनने से पीछे नहीं हटते।

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