सावन 2025: शिवभक्ति का पावन मास आरंभ, जानें शुभ सोमवार और रीवा में मंदिरों की भव्य तैयारियां

 
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मध्य प्रदेश सहित पूरे भारत में 11 जुलाई से शुरू हुआ सावन माह, शिव भक्त भोलेनाथ की आराधना में लीन; चार सावन सोमवार दिलाएंगे विशेष पुण्य। रीवा के प्रमुख शिवालयों में दर्शन और सुरक्षा के खास इंतजाम।

ऋतुराज द्विवेदी,रीवा/भोपाल। (राज्य ब्यूरो) मध्य प्रदेश सहित पूरे भारत में पूर्णिमा की समाप्ति के साथ ही, आज 11 जुलाई 2025 से भगवान शिव का अति प्रिय सावन माह विधिवत शुरू हो गया है। यह पूरा महीना शिव भक्तों के लिए विशेष आराध्य है, जब वे भोलेनाथ की भक्ति में पूरी तरह लीन रहेंगे। इस बार सावन में कुल चार सावन सोमवार का दुर्लभ संयोग बन रहा है, जिसका भक्तों को बेसब्री से इंतजार है। यह माह भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने का अनुपम अवसर प्रदान करता है, जब उनकी पूजा-अर्चना और जलाभिषेक से सभी दुख-दर्द दूर होते हैं और शुभ फलों की प्राप्ति होती है।

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सावन की तिथियां और प्रमुख सोमवार क्या हैं?

हिंदू धर्म में सावन मास का अत्यंत महत्व है। आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि समाप्त होने के साथ ही श्रावण मास का आरंभ हो गया है। इस पूरे माह भगवान शिव की विशेष पूजा-अर्चना, जलाभिषेक और कावड़ यात्रा का विधान है, जिससे कई गुना अधिक शुभ फलों की प्राप्ति होती है और दुख-दर्द दूर होते हैं।

  • सावन का आरंभ कब से है: 11 जुलाई 2025 (रात 1 बजकर 28 मिनट से)

  • सावन का समापन कब होगा: 9 अगस्त 2025 (रक्षाबंधन के साथ)

इस बार के सावन सोमवार कब-कब पड़ेंगे:

  • पहला सोमवार: 14 जुलाई 2025

  • दूसरा सोमवार: 21 जुलाई 2025

  • तीसरा सोमवार: 28 जुलाई 2025

  • चौथा सोमवार: 04 अगस्त 2025

यह चार सोमवार शिव भक्तों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि इन दिनों शिव पूजा का महत्व कई गुना बढ़ जाता है। भक्तगण इन दिनों व्रत रखते हैं और भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए विशेष अनुष्ठान करते हैं।

रीवा के शिवालयों में उमड़ेगी भक्तों की भीड़, मंदिरों में कैसी है भव्य तैयारी?

गुरु पूर्णिमा से ही रीवा के सभी प्रमुख शिव मंदिरों में सावन सोमवार की तैयारियां जोर-शोर से शुरू हो गई हैं। सावन सोमवार पर मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है, जो सुबह 4 बजे से ही दर्शन के लिए पहुंचने लगती है। इस भारी भीड़ को नियंत्रित करने और भक्तों को सुगम दर्शन कराने के लिए मंदिरों में खास व्यवस्थाएं की जा रही हैं:

  • महामृत्युंजय मंदिर (किला, रीवा) में क्या खास इंतजाम हैं?: रीवा किले में स्थित महामृत्युंजय भगवान के मंदिर में भक्तों का सबसे बड़ा सैलाब उमड़ता है। यह मंदिर अपनी ऐतिहासिक और धार्मिक महत्ता के लिए जाना जाता है। मंदिर प्रशासन ने भीड़ को सुचारू रूप से नियंत्रित करने और सभी भक्तों को आसानी से भगवान भोलेनाथ के दर्शन कराने के लिए पहले से ही पुख्ता इंतजाम कर लिए हैं। मंदिर को भी भव्य रूप से सजाया जा रहा है, जिससे यहां का माहौल अत्यंत भक्तिमय हो गया है।

  • देवतालाब शिव मंदिर (मऊगंज) में भक्तों के लिए क्या व्यवस्था है?: नवगठित मऊगंज जिले में स्थित ऐतिहासिक देवतालाब शिव मंदिर में भी सावन सोमवार पर दूर-दराज से लाखों भक्त दर्शनों के लिए पहुंचते हैं। यह मंदिर अपनी प्राचीनता और चमत्कारी शक्तियों के लिए प्रसिद्ध है। इस भारी भीड़ को संभालने के लिए विशेष रूप से पुलिस बल की तैनाती की जाती है और भक्तों के लिए सुगम दर्शन हेतु बैरिकेडिंग लगाई जाती है। इस बार भी मंदिर प्रशासन ने भीड़ प्रबंधन के लिए विशेष व्यवस्थाएं की हैं, ताकि किसी भी तरह की अव्यवस्था न फैले और सभी भक्त शांतिपूर्ण तरीके से दर्शन कर सकें।

  • चिरहुला मंदिर और मनकामनेश्वर मंदिर रीवा में क्या तैयारियां हैं?: रीवा में स्थित चिरहुला मंदिर, जहां 11 ज्योतिर्लिंग स्थापित हैं, और जीडीसी कॉलेज गेट के पास स्थित मनकामेश्वर शिव मंदिर में भी सावन में भक्तों की अच्छी खासी भीड़ रहती है। चिरहुला मंदिर में स्थापित ज्योतिर्लिंगों के दर्शन का विशेष महत्व है, जबकि मनकामेश्वर मंदिर में भक्त अपनी मनोकामनाएं पूरी करने आते हैं। इन मंदिरों में भी पूजा-अर्चना के साथ-साथ कई स्थानों पर भंडारे और धार्मिक आयोजन किए जाते हैं, जिससे भक्तों को प्रसाद ग्रहण करने और धर्म लाभ कमाने का अवसर मिलता है।

सावन का यह महीना पूरे रीवा और उसके आसपास के क्षेत्रों को शिव भक्ति के रंग में रंग देगा। इस दौरान भजन-कीर्तन, शिव चालीसा का पाठ और रुद्राभिषेक जैसे कार्यक्रम लगातार होते रहेंगे, जो वातावरण को और भी आध्यात्मिक बना देंगे।

सावन माह का धार्मिक महत्व क्या है और यह कैसे मनाया जाता है?

सावन मास को भगवान शिव का सबसे प्रिय महीना माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इसी महीने में भगवान शिव ने समुद्र मंथन से निकले विष का पान कर सृष्टि की रक्षा की थी। इसलिए उन्हें नीलकंठ भी कहा जाता है। इस महीने में शिव जी की पूजा करने से वे अत्यंत प्रसन्न होते हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।

  • जलाभिषेक और रुद्राभिषेक: सावन में भक्त शिवलिंग पर जल, दूध, बेलपत्र, धतूरा, भांग आदि चढ़ाकर जलाभिषेक करते हैं। रुद्राभिषेक का भी विशेष महत्व है, जिसमें शिवलिंग को विभिन्न पवित्र द्रव्यों से स्नान कराकर विशेष मंत्रों का जाप किया जाता है।

  • कावड़ यात्रा: सावन में कावड़ यात्रा का भी बड़ा महत्व है। भक्त दूर-दराज से गंगाजल लेकर आते हैं और शिव मंदिरों में शिवलिंग पर अर्पित करते हैं। यह यात्रा भक्ति, तपस्या और श्रद्धा का प्रतीक है।

  • सावन सोमवार व्रत: सावन के सोमवार को व्रत रखने का विशेष विधान है। कुंवारी कन्याएं अच्छे वर की प्राप्ति के लिए और विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सुख-समृद्धि के लिए ये व्रत रखती हैं।

सावन का महीना प्रकृति के हरे-भरे रूप को भी दर्शाता है, जिससे वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इस दौरान किए गए धार्मिक कार्य अत्यंत फलदायी माने जाते हैं।

सावन में शिव भक्तों के लिए सुरक्षा और सुविधा कैसे सुनिश्चित की जाएगी?

रीवा और मऊगंज के प्रमुख शिव मंदिरों में लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। ऐसे में भक्तों की सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित करना एक बड़ी चुनौती होती है। मंदिर प्रशासन और स्थानीय पुलिस मिलकर विशेष योजनाएं बनाते हैं:

  • भीड़ नियंत्रण: मंदिरों के प्रवेश और निकास द्वारों पर विशेष व्यवस्था की जाती है। बैरिकेडिंग और कतारबद्ध दर्शन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाती है ताकि धक्का-मुक्की न हो और सभी भक्त आसानी से दर्शन कर सकें।

  • पुलिस बल की तैनाती: संवेदनशील स्थानों पर और भीड़ वाले क्षेत्रों में पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया जाता है ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके। महिला पुलिसकर्मी भी महिलाओं की सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन में सहायता करती हैं।

  • स्वयंसेवकों का सहयोग: कई मंदिरों में स्थानीय स्वयंसेवक भी भीड़ प्रबंधन, जलपान वितरण और भक्तों की सहायता के लिए उपलब्ध रहते हैं।

  • स्वच्छता और पेयजल: मंदिरों परिसर और उसके आसपास स्वच्छता बनाए रखने के लिए विशेष अभियान चलाए जाते हैं। भक्तों के लिए स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था भी की जाती है।

  • चिकित्सा सहायता: आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए प्राथमिक चिकित्सा केंद्र और एम्बुलेंस की व्यवस्था भी कुछ बड़े मंदिरों में की जाती है।

ये सभी इंतजाम यह सुनिश्चित करने के लिए किए जाते हैं कि सावन का महीना सभी भक्तों के लिए सुखद, सुरक्षित और भक्तिमय अनुभव बन सके।

FAQ

Q1: सावन 2025 का पहला सोमवार कब है? A1: सावन 2025 का पहला सोमवार 14 जुलाई को है।

Q2: इस बार सावन में कितने सोमवार पड़ेंगे? A2: इस बार सावन में कुल चार सावन सोमवार पड़ेंगे।

Q3: रीवा में सावन के दौरान कौन से प्रमुख शिव मंदिर हैं जहाँ भीड़ उमड़ती है? A3: रीवा में किला स्थित महामृत्युंजय मंदिर, चिरहुला मंदिर, और मनकामेश्वर मंदिर प्रमुख हैं। मऊगंज जिले में देवतालाब शिव मंदिर भी एक बड़ा आस्था का केंद्र है।

Q4: सावन का महीना कब शुरू होकर कब समाप्त होगा 2025 में? A4: सावन का महीना 11 जुलाई 2025 को शुरू होकर 9 अगस्त 2025 को समाप्त होगा।

Q5: सावन में भगवान शिव की पूजा करने का क्या महत्व है? A5: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सावन माह में भगवान शिव की पूजा करने से सारे दुख दूर हो जाते हैं, हर तरह के कष्टों से मुक्ति मिलती है और शुभ फलों की प्राप्ति होती है।

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