अन्याय की पराकाष्ठा: छिंदवाड़ा पुलिस की कार्रवाई पर सवाल- क्या कांग्रेस विधायक के दबाव में फँसाए जा रहे हैं संजय त्रिपाठी?
ऋतुराज द्विवेदी,रीवा/भोपाल। (राज्य ब्यूरो) मध्य प्रदेश की राजनीति में एक नया विवाद सामने आया है, जहाँ रीवा जिले की सेमरिय़ा विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक अभय मिश्रा को कथित तौर पर फोन पर धमकी दी गई है। यह मामला सीधे तौर पर राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता से जुड़ा हुआ प्रतीत होता है, क्योंकि धमकी देने का आरोप भाजपा समर्थक संजय त्रिपाठी पर लगा है। यह घटना दर्शाती है कि रीवा पॉलिटिक्स में तनाव किस हद तक बढ़ चुका है।
क्या है आरोप और छिंदवाड़ा पुलिस की कार्रवाई?
कांग्रेस विधायक अभय मिश्रा ने शिकायत दर्ज कराई है कि उन्हें एक मोबाइल फोन नंबर से गाली-गलौज भरी बातें कही गईं और जान से मारने की धमकी दी गई। यह मोबाइल फोन नंबर कथित तौर पर सतीश त्रिपाठी के नाम पर पंजीकृत था, जिसे संजय त्रिपाठी द्वारा इस्तेमाल किया जा रहा था। विधायक की शिकायत पर पुलिस ने तुरंत एक्शन लिया।
यह घटना छिंदवाड़ा जिले में हुई, जिसके बाद छिंदवाड़ा पुलिस कार्रवाई में जुटी। पुलिस ने संजय त्रिपाठी के खिलाफ धमकी और गाली-गलौज से संबंधित धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज कर ली है।
संजय त्रिपाठी पर FIR और नोटिस तामीली
एफआईआर दर्ज होने के बाद, छिंदवाड़ा पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए संजय त्रिपाठी को नोटिस जारी किया। इस नोटिस की तामीली (Delivery) के लिए छिंदवाड़ा पुलिस की एक टीम रीवा पहुँची और उन्हें आधिकारिक तौर पर नोटिस सौंपा। नोटिस जारी होने के बाद से यह मामला और भी तूल पकड़ चुका है, क्योंकि एक विधायक की शिकायत पर दूसरे जिले की पुलिस ने आकर सीधे भाजपा समर्थक को नोटिस दिया है। इस घटना ने सवाल खड़ा किया है कि छिंदवाड़ा पुलिस ने क्या कार्रवाई की और इस मामले में आगे की जांच की दिशा क्या होगी।
भाजपा समर्थक का पक्ष: 'चुनावी साजिश' का दावा
दूसरी ओर, जिन पर आरोप लगा है, भाजपा समर्थक संजय त्रिपाठी ने इन सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। उन्होंने दावा किया है कि ये आरोप पूरी तरह से फर्जी और आधारहीन हैं। संजय त्रिपाठी ने इसे कांग्रेस विधायक अभय मिश्रा द्वारा रची गई एक गहरी चुनावी साजिश के आरोप के रूप में देखा है।
संजय त्रिपाठी ने मीडिया के सामने अपनी बात रखते हुए स्पष्ट किया कि उनका जुड़ाव पिछले 20 वर्षों से भारतीय जनता पार्टी से रहा है, और वह हमेशा भाजपा नेतृत्व के प्रति निष्ठावान रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके राजनीतिक विरोधियों द्वारा उन्हें पहले भी झूठे मामलों में फँसाने के षड्यंत्र रचे जा चुके हैं, और यह वर्तमान एफआईआर उसी श्रृंखला का हिस्सा है।
निष्पक्ष जांच की मांग और राजनीतिक निशाना
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस विधायक जानबूझकर चुनाव के ठीक पहले भाजपा समर्थकों को निशाना बना रहे हैं। उनके अनुसार, संजय त्रिपाठी पर प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) दर्ज होने का मुख्य कारण यही है— यानी चुनावी लाभ हासिल करने के लिए विरोधी दल के कार्यकर्ताओं का मनोबल तोड़ना। यह पूरा मामला साफ तौर पर दिखाता है कि रीवा क्षेत्र का राजनीतिक संघर्ष अब किस तरह व्यक्तिगत आरोप-प्रत्यारोप के स्तर तक पहुँच गया है।
प्रमुख तथ्य और निष्कर्ष
यह विवाद दो राजनीतिक ध्रुवों— कांग्रेस विधायक अभय मिश्रा और भाजपा समर्थक संजय त्रिपाठी— के बीच का सीधा टकराव है। आरोप फोन पर धमकी देने का है, जिसकी जांच छिंदवाड़ा पुलिस कर रही है।
- राजनीतिक उद्देश्य: संजय त्रिपाठी के आरोपों के अनुसार, यह मामला चुनावी समय से जुड़ा हुआ है, और इसका मुख्य उद्देश्य भाजपा समर्थकों को निशाना बनाना है।
- सूचना की कमी: वर्तमान में, मोबाइल फोन की तकनीकी जाँच (कॉल रिकॉर्ड्स और लोकेशन) से संबंधित कोई जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है, जिससे यह पता चल सके कि अभय मिश्रा को धमकी किसने दी।
- निष्कर्ष: यह मामला मुख्य रूप से राजनीतिक विवाद को दर्शाता है। संजय त्रिपाठी ने खुद को बेकसूर साबित करने और मामले की निष्पक्ष जांच कराने के लिए अपनी लड़ाई शुरू कर दी है, जबकि विधायक अपने आरोपों पर कायम हैं। मामले की अंतिम सच्चाई पुलिस जांच पूरी होने के बाद ही सामने आएगी।