शर्मनाक: क्या यही है रीवा की ट्रैफिक व्यवस्था? 3 थाने पास फिर भी गुंडों का आतंक, परिवार को पीटा, बेटियों को घसीटा, और पुलिस नदारद! 8-10 बदमाशों ने मचाया कोहराम

 
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ऋतुराज द्विवेदी,रीवा/भोपाल। (राज्य ब्यूरो) मध्य प्रदेश के रीवा शहर के हृदय स्थल कहे जाने वाले स्टैच्यू चौराहे पर रविवार की रात जो हुआ, उसने मानवता और पुलिस प्रशासन दोनों को शर्मसार कर दिया है। एक शादी समारोह में शामिल होने आए नरसिंहपुर के एक परिवार के साथ बीच सड़क पर जिस तरह की बर्बरता की गई, वह कानून के इकबाल पर सवालिया निशान है। रीवा रोड रेज की इस घटना में बदमाशों ने न केवल परिवार के मुखिया के साथ मारपीट की, बल्कि उनकी बेटियों को बालों से पकड़कर सड़क पर घसीटा। हैरत की बात यह है कि चंद कदमों की दूरी पर पुलिस थाने होने के बावजूद, पीड़ित परिवार को मदद के लिए संघर्ष करना पड़ा।

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रीवा रोड रेज मामला: विवाद कैसे शुरू हुआ और क्यों बिगड़ी बात?
घटना रविवार रात की है। नरसिंहपुर-जबलपुर निवासी प्रदीप शर्मा अपने परिवार के साथ अपने साले की शादी में शामिल होने के लिए रीवा आए हुए थे। वे गड़रिया मोड़ के पास ठहरे थे और रात में बाजार से कुछ सामान लेने निकले थे।

प्रत्यक्षदर्शियों और पीड़ित परिवार के अनुसार, विवाद की जड़ बेहद मामूली थी। प्रदीप शर्मा का सामान से लदा ऑटो एक चार पहिया वाहन (कार) से हल्का सा टच हो गया था। सामान्यतः ऐसे मामलों में बातचीत से हल निकल जाता है, लेकिन कार सवार युवकों ने इसे प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लिया।

  • मामूली टक्कर: ऑटो और कार का हल्का संपर्क।
  • गुंडागर्दी की शुरुआत: कार सवारों ने तुरंत गाली-गलौज शुरू कर दी।
  • भीड़ का हमला: फोन करके 8-10 अन्य साथियों को मौके पर बुला लिया गया।

यह घटना दर्शाती है कि रीवा में रोड रेज क्यों बढ़ रहा है और क्यों शहर में असहिष्णुता का माहौल बनता जा रहा है। एक छोटी सी गलती पर जानलेवा हमला करना अब आम बात हो गई है।

नरसिंहपुर परिवार पर हमला: बेटियों के साथ सड़क पर हैवानियत
इस पूरी घटना का सबसे भयावह पहलू वह था जब बदमाशों ने महिलाओं और युवतियों को भी नहीं बख्शा। प्रदीप शर्मा ने पुलिस को दी अपनी शिकायत में बताया कि जैसे ही उनके परिवार ने बीच-बचाव की कोशिश की, 8-10 युवक उन पर टूट पड़े।


बेटियों को बाल पकड़कर पटका
पीड़ित पिता ने बताया, "बदमाशों ने मेरी दोनों बेटियों को बाल पकड़कर घसीटा और बीच सड़क पर पटक दिया।" बेटियों के साथ सरेआम मारपीट की गई। यह सब कुछ स्टैच्यू चौराहा रीवा जैसे व्यस्त इलाके में हुआ, जहां हमेशा भीड़भाड़ रहती है।

  • बेटियों को घसीटा गया।
  • परिवार के अन्य सदस्यों को लात-घूंसों से पीटा गया।
  • बीच सड़क पर दहशत का माहौल पैदा किया गया।

यह घटना सवाल उठाती है कि महिला सुरक्षा कानून हिंदी में केवल कागजों में है या जमीनी हकीकत में भी इसका कोई अस्तित्व है? एक परिवार जो दूसरे शहर से खुशी के मौके पर आया था, उसे खून और दहशत के आंसू रोने पड़े।

सिविल लाइन पुलिस रीवा पर लापरवाही और असंवेदनशीलता के गंभीर आरोप
घटना के बाद पीड़ित परिवार ने जो बयां किया, वह पुलिस महकमे के लिए चिंता का विषय है। पीड़ित पक्ष का आरोप है कि सिविल लाइन थाना रीवा लोकेशन पास होने के बावजूद पुलिस ने तत्काल सक्रियता नहीं दिखाई।

"बेटियों को सड़क पर पटकने जैसी घटना के बाद भी तत्काल कार्रवाई नहीं होना सुरक्षा पर बड़ा सवाल है।" - पीड़ित परिवार

रीवा के जागरूक नागरिकों का कहना है कि स्टैच्यू चौराहा शहर का केंद्र है। यहाँ से सिविल लाइन थाना, सिटी कोतवाली और यातायात थाना मात्र चंद दूरी पर हैं। इसके बावजूद 8-10 गुंडे खुलेआम तांडव करते रहे और एमपी पुलिस समाचार की सुर्खियों में पुलिस की लेटलतीफी छाई रही।

सिस्टम सोया है: 3 थाने पास, फिर भी गुंडाराज?
आम जनता का गुस्सा जायज है। सवाल उठता है कि रीवा यातायात पुलिस हेल्पलाइन और गश्ती दल (पेट्रोलिंग टीमें) उस वक्त कहां थीं?

  • सिविल लाइन थाना: घटना स्थल से बेहद करीब।
  • सिटी कोतवाली: कुछ ही मिनटों की दूरी पर।
  • यातायात पुलिस: स्टैच्यू चौराहे पर अक्सर मौजूद रहती है, लेकिन रात में नदारद।

सीसीटीवी फुटेज रीवा मारपीट: फुटेज से आरोपियों की पहचान और जांच
पीड़ित परिवार की शिकायत और जनता के आक्रोश के बाद पुलिस अब हरकत में आई है। सिविल लाइन थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस के अनुसार, घटनास्थल यानी स्टैच्यू चौराहे पर सरकारी सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं।

रीवा पुलिस ताज़ा खबर के मुताबिक:

  • शिकायत दर्ज: पुलिस ने प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज कर ली है।
  • फुटेज खंगाले जा रहे हैं: सीसीटीवी फुटेज रीवा मारपीट का विश्लेषण किया जा रहा है।
  • पहचान प्रक्रिया: फुटेज के आधार पर कार नंबर और हमलावरों के चेहरों की पहचान की जा रही है।

पुलिस का दावा है कि जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि घटना को रोका क्यों नहीं जा सका? क्या पुलिस लापरवाही की शिकायत कहां करें यह जानने के बाद भी न्याय समय पर मिल पाएगा?

रीवा यातायात तंत्र और बेलगाम गुंडागर्दी: एक विश्लेषण
रीवा शहर में यातायात व्यवस्था और कानून व्यवस्था के बीच का तालमेल बिगड़ता दिख रहा है। रीवा में गुंडागर्दी की यह पहली घटना नहीं है। आए दिन चौराहों पर मामूली बातों पर हथियार निकल आते हैं या मारपीट शुरू हो जाती है।

ट्रैफिक जाम और गुस्सा
स्टैच्यू चौराहा एक व्यस्त जंक्शन है। यहाँ अक्सर जाम लगता है। भारत में सुरक्षित ड्राइविंग टिप्स का पालन न करना और जरा सी बात पर आपा खो देना यहाँ के कुछ बिगड़ैल रईसजादों की फितरत बन गई है।

  • ऑटो चालकों की समस्या: कई बार ऑटो वाले भी गलत तरीके से गाड़ी चलाते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि कानून हाथ में लिया जाए।
  • युवाओं में नशा और जोश: रात के समय शहर में घूमने वाले कई युवक नशे की हालत में होते हैं, जिससे गाड़ी टच होने पर क्या करें जैसा विवेक काम नहीं करता।

मध्य प्रदेश में रोड रेज की घटनाएं: आम नागरिक सुरक्षा के लिए क्या करें?
इस घटना ने यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि अगर आपके साथ ऐसा हो, तो आप क्या करें? रोड रेज से कैसे बचें, यह जानना आज हर नागरिक के लिए जरूरी है।

  • शांत रहें: अगर गाड़ी टच हो जाए, तो तुरंत माफी मांगें या शांति से बात करें। उत्तेजित न हों।
  • गाड़ी से न उतरें: अगर सामने वाला पक्ष आक्रामक है, तो अपनी गाड़ी के शीशे चढ़ा लें और बाहर न निकलें।
  • 100 नंबर डायल करें: तुरंत आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर रीवा या 100 नंबर पर कॉल करें।
  • वीडियो बनाएं: अगर संभव हो और सुरक्षित हो, तो घटना का वीडियो बनाएं या किसी और को बनाने को कहें। यह रीवा रोड रेज वीडियो की तरह सबूत का काम करेगा।
  • भीड़भाड़ वाली जगह: सुनसान जगह पर गाड़ी रोकने के बजाय किसी पेट्रोल पंप या पुलिस स्टेशन की तरफ गाड़ी बढ़ाएं।

निष्कर्ष: क्या अब जागेगा रीवा का प्रशासन?
नरसिंहपुर से आए परिवार के साथ जो हुआ, वह रीवा के माथे पर कलंक है। "पूरा तंत्र और दो खुलेआम महिलाओं के साथ ऐसा हो रहा है, पुलिस सो रही है" - यह भावना आज हर उस नागरिक के मन में है जो यह खबर पढ़ रहा है। जहाँ 3-3 थाने पास हों, वहाँ 8-10 लोग मिलकर एक परिवार को पीटते रहें, यह एमपी कानून व्यवस्था की विफलता है।

पुलिस को न केवल आरोपियों को पकड़ना चाहिए, बल्कि यह सुनिश्चित करना चाहिए कि शहर के मुख्य चौराहों पर रात के समय पुलिस गश्त बढ़ाई जाए। अब देखना यह है कि सीसीटीवी फुटेज के आधार पर कार्रवाई कब तक होती है और पीड़ित परिवार को न्याय कब मिलता है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
प्रश्न 1: रीवा के स्टैच्यू चौराहे पर क्या घटना हुई? उत्तर: रविवार रात एक ऑटो और कार के मामूली एक्सीडेंट के बाद 8-10 युवकों ने नरसिंहपुर से शादी में आए एक परिवार को बुरी तरह पीटा और उनकी बेटियों को बाल पकड़कर सड़क पर घसीटा।
प्रश्न 2: क्या पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है? उत्तर: पुलिस ने शिकायत दर्ज कर ली है और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर आरोपियों की तलाश कर रही है। अभी गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं हुई है।
प्रश्न 3: घटना के वक्त पुलिस कहां थी? उत्तर: पीड़ित परिवार का आरोप है कि घटना के वक्त पुलिस ने तत्काल सक्रियता नहीं दिखाई, जबकि सिविल लाइन थाना और अन्य पुलिस चौकियां पास ही थीं।
प्रश्न 4: रोड रेज की घटना होने पर क्या करना चाहिए? उत्तर: तुरंत पुलिस को 100 नंबर पर कॉल करें, गाड़ी से बाहर न निकलें, और उस व्यक्ति या गाड़ी का नंबर नोट करने की कोशिश करें। बहस करने से बचें।
प्रश्न 5: यह मामला किस थाने में दर्ज हुआ है? उत्तर: यह मामला रीवा के सिविल लाइन थाने में दर्ज किया गया है।

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