रीवा प्रवास पर शंकराचार्य निश्चलानंद स्वामी : बोले - RSS प्रमुख मोहन भागवत को बहुत कुछ सीखने की जरूरत, साईं को मानने वाले मठ मंदिर से दूर रहें

 
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REWA NEWS : 25 अप्रैल को दिल्ली में हो रहे हिंदू राष्ट्र अधिवेशन को लेकर शुक्रवार को जगन्नाथ पुरी शक्तिपीठ के शंकराचार्य निश्चलानंद स्वामी (Shankaracharya Nischalananda Swami) रीवा पहुंचे। रीवा प्रवास पर आए जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती  (Jagadguru Shankaracharya Swami Nischalananda Saraswati) ने RSS प्रमुख मोहन भागवत ( mohan bhagwat)  के लिए कहा कि उन्हें बहुत कुछ सीखने की जरूरत है। वे बाल गोपाल हैं, ज्यादा बड़-बड़ न बोलें। भागवत के पंडितों पर दिए बयान पर निश्चलानंद सरस्वती (Nischalananda Saraswati) ने यह बात कही। कहा, मोहन भागवत मेरे पास बाल गोपाल होकर ही बैठते हैं। ये गुरु, गोविंद और ग्रंथ तीनों से हीन हैं। सालभर इनको बोलना है, कुछ न कुछ ऊटपटांग तो बोलेंगे ही, इनकी लाचारी है। सिखों के यहां ग्रंथ है, किसी के यहां कुरान है, किसी के यहां बाइबिल है, लेकिन इनके यहां तो बड़ी कठिनाई है- न गुरु, न गोविंद, न ग्रंथ। ब्राह्मण के ऊपर कटाक्ष कर अपने पांव पर ही कुल्हाड़ी मार ली।

साईं भक्त हिंदू मठ और मंदिर से दूर रहें

शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती (Shankaracharya Swami Nischalananda Saraswati) ने साईं भक्तों को लेकर एक बार फिर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि साईं किसी भी प्रकार से भगवान नहीं हैं। जो साईं को भगवान मानते हैं, वे हिंदू मठ और मंदिर से दूर रहें। उनका पूरी तरह से हिंदू मठों में प्रवेश वर्जित है। वे साईं के पास ही रहें। पूरी तरह से सनातन धर्म से दूरियां बनाकर रहें।

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