डिप्टी CM के करीबी को झटका? मनगवां में CM ने सिद्धार्थ को दी तरजीह, सियासी गलियारों में भूचाल!

 
fgfg

ऋतुराज द्विवेदी,रीवा। रीवा, मध्य प्रदेश: रीवा की राजनीति में एक बार फिर से गर्माहट आ गई है, और इस बार केंद्र में हैं मुख्यमंत्री मोहन यादव और त्योंथर विधायक सिद्धार्थ तिवारी। मनगवां में आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने सिद्धार्थ तिवारी पर खुलकर मेहरबानी बरसाई, जिससे राजनीतिक गलियारों में अटकलों का दौर शुरू हो गया है।

डिप्टी सीएम के गढ़ में त्योंथर विधायक का जलवा
बताया जा रहा है कि यह कार्यक्रम मनगवां विधानसभा क्षेत्र में आयोजित किया गया था, जो कि उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल का गृह क्षेत्र भी है। इसके बावजूद, मंच पर त्योंथर विधायक सिद्धार्थ तिवारी का प्रभाव साफ दिखाई दिया। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने न सिर्फ मंच से सिद्धार्थ तिवारी की खुले दिल से तारीफ की, बल्कि उन्हें दीप प्रज्ज्वलन के लिए भी बुलाया, जो आमतौर पर मेजबान विधायक या स्थानीय बड़े नेता करते हैं। इस घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं कि क्या उपमुख्यमंत्री के करीबी मनगवां विधायक की तुलना में त्योंथर विधायक को अधिक तरजीह दी जा रही है।

क्या सिद्धार्थ पड़ने वाले हैं भारी?
मुख्यमंत्री की इस 'मेहरबानी' को राजनीतिक विश्लेषक भविष्य के सियासी समीकरणों से जोड़कर देख रहे हैं। यह माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री मोहन यादव सिद्धार्थ तिवारी को कहीं न कहीं आगे बढ़ाना चाहते हैं, जिससे रीवा और विंध्य क्षेत्र की राजनीति में एक नया समीकरण देखने को मिल सकता है। राजनीतिक गलियारों में इस बात को लेकर हलचल तेज हो गई है कि क्या सिद्धार्थ तिवारी अब रीवा की राजनीति में और अधिक प्रभावी भूमिका में आने वाले हैं और क्या वे आने वाले समय में कुछ बड़े नेताओं पर 'भारी' पड़ सकते हैं। मुख्यमंत्री का खुले मंच से किसी विधायक की इतनी तारीफ करना, खासकर उपमुख्यमंत्री के गढ़ में, निश्चित रूप से सियासी गलियारों में नई चर्चाओं को जन्म दे रहा है।

अमहिया की राजनीति में नए समीकरण
इस घटना से अमहिया (रीवा का एक महत्वपूर्ण राजनीतिक क्षेत्र) की राजनीति में भी भूचाल आ गया है। स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच यह चर्चा का विषय बन गया है कि मुख्यमंत्री का यह कदम कहीं आने वाले विधानसभा या लोकसभा चुनावों के लिए कोई नई रणनीति का हिस्सा तो नहीं है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने जिस तरह से सिद्धार्थ तिवारी को महत्व दिया है, उससे साफ है कि रीवा की राजनीति में अब कुछ बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं।

Related Topics

Latest News