रीवा के लॉ कॉलेज से करें वकालत की पढ़ाई: जज बनने का सपना होगा साकार, जानें एडमिशन से करियर तक का पूरा प्रोसेस

 
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ऋतुराज द्विवेदी,रीवा। हमारे देश में वकालत का पेशा हमेशा से प्रतिष्ठित माना जाता रहा है। लाखों युवा एक प्रसिद्ध एडवोकेट बनने का सपना देखते हैं और न्याय के लिए लड़ना चाहते हैं। यदि आप भी इस क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं, तो रीवा के गवर्नमेंट लॉ कॉलेज में एडमिशन ले सकते हैं, जहाँ से कई जज निकले हैं और विभिन्न अदालतों में अपनी सेवाएँ दे रहे हैं।

रीवा के गवर्नमेंट लॉ कॉलेज में फीस और एडमिशन प्रक्रिया:

गवर्नमेंट लॉ कॉलेज के प्राचार्य डॉ. योगेन्द्र तिवारी के अनुसार, रीवा जिले के गवर्नमेंट लॉ कॉलेज में 3 साल के एलएलबी (LLB) कोर्स के लिए वार्षिक शुल्क ₹10,800 है। वहीं, 5 साल के एलएलबी इंटीग्रेटेड कोर्स के लिए भी वार्षिक शुल्क ₹10,800 ही लगता है। एडमिशन की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होती है।

वकालत की पढ़ाई के लिए योग्यता और प्रवेश परीक्षाएँ:

  • 12वीं के बाद (पाँच वर्षीय कोर्स): वकालत की पढ़ाई के लिए 12वीं कक्षा उत्तीर्ण होना आवश्यक है। 12वीं के बाद आप पाँच वर्षीय इंटीग्रेटेड कोर्स जैसे बीए एलएलबी, बीबीए एलएलबी, बीटेक एलएलबी, बीकॉम एलएलबी और बीएससी एलएलबी में प्रवेश ले सकते हैं। इन कोर्सेज में प्रवेश के लिए आपको राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षाओं जैसे CLAT, LSAT India, AILET या SET में भाग लेना होता है।
  • स्नातक के बाद (तीन वर्षीय एलएलबी): यदि आप 12वीं पहले ही कर चुके हैं और स्नातक उत्तीर्ण कर रहे हैं, तब भी आप वकालत की पढ़ाई कर सकते हैं। स्नातक के बाद आप तीन वर्षीय एलएलबी (LLB) कोर्स में प्रवेश ले सकते हैं। इस कोर्स में प्रवेश के लिए आप LSAT India, DU LLB, MHT CET या BHU LLB जैसी प्रवेश परीक्षाओं में भाग ले सकते हैं।

इनके अलावा, बहुत सी प्राइवेट और सरकारी यूनिवर्सिटीज में डायरेक्ट मोड या यूनिवर्सिटी स्तर पर एंट्रेंस एग्जाम के माध्यम से भी इन पाठ्यक्रमों में प्रवेश दिया जाता है। यदि आप ऊपर दी गई परीक्षाओं में सफलता प्राप्त नहीं भी कर पाते हैं, तो आप डायरेक्ट मोड या यूनिवर्सिटी स्तर पर होने वाली प्रक्रिया के माध्यम से प्रवेश ले सकते हैं।

कॉलेज के लिए बीसीआई के नियम अनिवार्य:

कानून के जानकारों का कहना है कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश के बाद बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) ने एलएलबी कराने वाले विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के लिए नियम और रेगुलेशन (पैरामीटर) तय किए हैं। बीसीआई के बनाए नियमों के तहत संस्था में पृथक लॉ भवन, स्थायी प्राचार्य और कम से कम 6 रेगुलर प्रोफेसर एवं स्टाफ होने चाहिए। कॉलेज की लॉ लाइब्रेरी और स्वयं का खेल का मैदान भी होना अनिवार्य है।

दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा पास करना ज़रूरी:

भारत के टॉप लॉ कॉलेज में दाखिला पाने के लिए छात्रों को राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षा कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (CLAT) या फिर राज्य स्तर की प्रवेश परीक्षाएं पास करनी होती हैं। ये परीक्षाएं कैंडिडेट्स की योग्यता, तर्कशक्ति और उनके ज्ञान का आकलन करती हैं।

सिर्फ डिग्री से नहीं, इन प्रक्रियाओं से बनें वकील:

वकील बनने के लिए सिर्फ लॉ की डिग्री हासिल करना पर्याप्त नहीं है। इसके लिए कैंडिडेट्स का राज्य बार काउंसिल के साथ रजिस्टर होना जरूरी है। भारतीय बार काउंसिल (BCI) में रजिस्ट्रेशन के लिए कानून की डिग्री और अन्य आवश्यक दस्तावेज जमा करने होते हैं।

AIBE परीक्षा पास करना है जरूरी:

बार काउंसिल के साथ रजिस्ट्रेशन के साथ ही कैंडिडेट्स का ऑल इंडिया बार एग्जामिनेशन (AIBE) परीक्षा में पास करना भी जरूरी है। इस परीक्षा का आयोजन BCI द्वारा किया जाता है। इस परीक्षा को पास करने के बाद कैंडिडेट्स अपनी पसंद का क्षेत्र चुनकर, जैसे कि आपराधिक कानून, कॉर्पोरेट कानून, मानवाधिकार कानून या बौद्धिक संपदा कानून आदि, चुनकर प्रैक्टिस कर सकते हैं।

कानून के क्षेत्र में करियर विकल्प:

  • स्वतंत्र रूप से कानून की प्रैक्टिस करना
  • प्रतिष्ठित लॉ फर्म्स में काम करना
  • अनुभवी वकील के मार्गदर्शन में काम करना
  • कॉर्पोरेट कानूनी विभाग में काम करना

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