विंध्य के दो युवाओं ने क्षेत्र का रोशन किया नाम : Chandrayaan-3 की सफलता में इनका अहम योगदान

 
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Chandrayaan-3 : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने इतिहास रचते हुए तीसरे चंद्र मिशन में चंद्रयान-3 चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग में कामयाबी हासिल की। तय समय पर यानी 6:04 बजे चंद्रयान-3 का लैंडर विक्रम चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरा। पीएम मोदी भी दक्षिण अफ्रीका से इसका लाइव प्रसारण देख रहे थे। जैसे ही इसरो ने सफल लैंडिंग की घोषणा की, पीएम मोदी ने तिरंगा लहराकर और तालियां बजाकर इसका स्वागत किया। वैज्ञानिकों को बधाई देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि ये हमारे संकल्प का क्षण है, नये भारत के जयघोष का क्षण है। Chandrayaan-3 की सफलता पर ISRO के सीनियर साइंटिस्ट तरुण सिंह बघेल के चर्चे शुरू हो गए है।

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दोस्तों ने बताया की जो लैंडर चंद्रयान पर लगा है। उसमें कैमरा अटैच है, वह चंद्रमा की तस्वीरें खींच कर डाटा ISRO को भेज रहा है। इसकी पूरी निगरानी तरुण की देखरेख में हो रही है। चंद्रयान मिशन में MP के कुल 4 युवा शामिल है। जिसमे रीवा के गढ़ इटौरी के रहने वाले तरुण सिंह बघेल, बालाघाट के प्रोजेक्ट हेड महेंद्र ठाकरे, सतना के प्रोजेक्ट इंजीनियर ओम पाण्डेय, उमरिया के प्रियांशु मिश्रा शामिल है।

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बता दे की तरुण सिंह बघेल के पिता दिलराज सिंह हैं। जो शिक्षा विभाग से रिटायर होकर गढ़ इटौरी गांव में रहते है। दिलराज सिंह की आठ संतानें है। जिसमे तरुण सातवें नंबर के है। पेशे से शिक्षक बड़े भाई विनोद सिंह ने तरुण की परवरिश की है। तरुण ने कक्षा एक से लेकर पांचवीं तक की पढ़ाई गांव से की। इसके बाद 6वीं से लेकर 12वीं तक की पढ़ाई सैनिक स्कूल रीवा से की। सीनियर साइंटिस्ट तरुण सिंह बघेल वर्ष 2019 से चंद्रयान-3 मिशन में कार्य कर रहे है। वह पेलोड क्वालिटी इंश्योरेंस की जिम्मेदारी में है। कहा जा रहा है कि जो लैंडर चंद्रयान पर गया है। उसमें फोटो खींचने वाला जो कैमरा अटैच है। वह चंद्रमा की नई नई तस्वीरें खींच कर डाटा भेजे रहा है।

वही बता दे की इस ऐतिहासिक उपलब्धि का हिस्सा रीवा की बेटी के पति भी बने। नेहरू नगर निवासी हरिश्चंद्र शुक्ला की बेटी शिखा पाण्डेय का विवाह इसरो वैज्ञानिक ओम पाण्डेय के साथ हुआ है। ओम पाण्डेय चन्द्रयान 3 का एक अहम हिस्सा थे। श्रीहरिकोटा में चन्द्रयान 3 की लांचिंग के दौरान वे मौजूद रहे। ओम प्रकाश पाण्डेय ने आईआईटी कानपुर से पढ़ाई पूरी की है।

उन्होंने गोल्ड मेडल प्राप्त किया है और एमटेक भी किया है। उन्होंने एमटेक ईसी से किया है। चन्द्रयान 3 की लॉन्चिंग में उन्हें बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है। वे चन्द्रयान-३ के फेस-वन, टू को मॉनिटर कर रहे हैं। इस ऐतिहासिक दिन का नेहरू नगर के लोग भी भागीदार थे। हरिश्चंद्र शुक्ला के घर पर पूरा मोहल्ला इसे देखने के लिए उपस्थित रहा। उनकी बेटी शिखा और पोता कृषिभ पाण्डेय भी पिता के कार्यों को टीवी पर देख रहे थे। घर में जश्न का माहौल था। वार्ड क्रमांक 13 की पार्षद संजय नम्रता सिंह ने इसे रीवा के लिए बड़ी उपलब्धि बताई है।

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