रीवा की इस 94 साल पुरानी इमारत की बढ़ेगी सुंदरता, हवा महल जैसी दिखती है यह धर्मशाला
REWA . रीवा में कई खूबसूरत ऐतिहासिक इमारते हैं, इनमें से एक बैजू धर्मशाला भी है, जिसे पहले से कहीं और सुंदर बनाने की कवायद की जाएगी. इस संबंध में पूर्व मंत्री और रीवा विधायक ने अधिकारियों के साथ बैठक कर दिशा निर्देश दिए हैं. यही वजह है कि रीवा को भव्य इमारतों के शहर की पहचान देने वाले ऐतिहासिक बैजू धर्मशाला के जल्द ही दिन बहुरने वाले हैं.
जयपुर के हवामहल जैसी दिखती है धर्मशाला
रीवा की ऐतिहासिक इमारत बैजू धर्मशाला का निर्माण वर्ष 1940-41 में सेठ बैजनाथ रामसहाय अग्रवाल के द्वारा कराया गया था. इस भव्य इमारत में 45 कमरे, सौ दरवाजे और तकरीबन डेढ़ सौ से अधिक खिड़कियां लगी हुई हैं. यह धर्मशाला दूरदराज से आए लोगों के रुकने के लिए और गरीब असहायों के लिए बनाई गई थी. इस इमारत की खास बात यह है कि दिखने में बेहद आकर्षक है और इसका बाहरी आवरण जयपुर के हवामहल जैसा है. इस इमारत को बनाने के लिए वर्ष 1940-41 में पत्थर, चूना, सुख, बेल, गोंद सहित अन्य कई सामग्रियों का उपयोग किया गया था.
अग्रवाल समाज से मांगी गई राय
प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी एक रोड शो के दौरान ऐतिहासिक इमारत बैजू धर्मशाला के रख-रखाव की बात कही थी. एक बार फिर रीवा विधायक राजेंद्र शुक्ल और रीवा कलेक्टर प्रतिभा पाल के निर्देश पर धर्मशाला के रख-रखाव की दिशा में समुचित पहल की जा रही है. यहां तक कि बैजू धर्मशाला के संचालन के संबंध में पुराने रिकार्डों की भी जांच कराई जाएगी और आवश्यक बदलाव भी किए जाएंगे.अग्रवाल समाज के लोगों से रीवा विधायक राजेंद्र शुक्ला ने बातचीत कर उनसे भी राय मांगी है. समाज के लोगों ने भी इस धरोहर के रख-रखाव की बात कही है. जिससे इसे जनता की सुविधा के अनुकूल बनाया जा सके और 94 साल पुराने इस इमारत को एक नया स्वरूप दिया जा सके.