कलेक्टर का महा-एक्शन! वार्डन ने खोली पोल: 'किंगपिन' शिक्षक शिवेश श्रीवास्तव करता था सारी खरीद-फरोख्त, प्रिंसिपल देता था संरक्षण! कल 4 बजे 'बर्खास्तगी' की गाज!

ऋतुराज द्विवेदी, रीवा/भोपाल। (राज्य ब्यूरो) रीवा के मार्तंड क्रमांक 1 के बालक एवं बालिका छात्रावासों में भोजन में 'जहरीला कीड़ा' मिलने और व्यापक अनियमितताओं की खबर सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद, जिला कलेक्टर प्रतिभा पाल ने तत्काल इस गंभीर मामले को संज्ञान में लिया। उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) रामराज मिश्रा को मात्र 48 घंटे के भीतर विस्तृत जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने का सख्त निर्देश दिया। यह त्वरित कार्रवाई कलेक्टर की प्रशासनिक गंभीरता को दर्शाती है।
जांच समिति का गठन और चौंकाने वाले निष्कर्ष
कलेक्टर के निर्देश पर, DEO रामराज मिश्रा ने तुरंत विकासखंड शिक्षा अधिकारी आकांक्षा सोनी के नेतृत्व में एक तीन सदस्यीय समिति गठित की। समिति ने न सिर्फ मौके पर साफ-सफाई का अभाव पाया, बल्कि छात्र-छात्राओं के अलग-अलग लिखित बयान दर्ज किए।
छात्रों के बयानों से यह स्पष्ट निष्कर्ष निकला कि छात्रावासों में भोजन वितरण में व्यापक लापरवाही एवं अनियमितता बरती जा रही है, जो सीधे तौर पर छात्रों के स्वास्थ्य और जीवन से खिलवाड़ है।
'किंगपिन' का खुलासा: वर्चस्व और जबरन वसूली का खेल
जांच के दौरान, छात्रावास के वार्डन, चौकीदार और स्वयं छात्रों के बयानों से एक संगठित वित्तीय अनियमितता का खुलासा हुआ, जिसका मास्टरमाइंड प्राथमिक शिक्षक शिवेश श्रीवास्तव बताया जा रहा है।
- वार्डन का बयान: बालक छात्रावास के वार्डन राम कैलाश पांडेय (उ.मा.शि.) ने जांच टीम को लिखित बयान में बताया कि वह केवल नाममात्र का वार्डन है।
- आर्थिक नियंत्रण: छात्रावास की समस्त खरीद-फरोख्त विद्यालय के प्राचार्य (जे.पी. जायसवाल) के नजदीकी प्राथमिक शिक्षक शिवेश श्रीवास्तव द्वारा की जाती है।
- जबरन हस्ताक्षर: वार्डन ने आरोप लगाया कि शिवेश श्रीवास्तव ही सब्जियां और सामग्री देते हैं, कैश या राशि सब वही रखते हैं, और उनसे जबरन हस्ताक्षर करवा लेते हैं।
- धमकी: वार्डन ने यह भी बताया कि यदि वह किसी भी तरह का विरोध करते हैं, तो उन्हें पद से हटवा देने की धमकी दी जाती है। वार्डन ने कई बार प्राचार्य को हटाने के लिए पत्र लिखा था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
- बयानों की पुष्टि: वार्डन के इस गंभीर बयान की पुष्टि छात्रावास के चौकीदार और स्वयं छात्र-छात्राओं ने अपने लिखित एवं मीडिया को दिए मौखिक बयानों में भी की। यह स्पष्ट रूप से प्राचार्य और शिक्षक की मिलीभगत को दर्शाता है।
कलेक्टर का 'फाइनल एक्शन': 4 दोषियों को नोटिस और कल सुनवाई
DEO रामराज मिश्रा ने जांच टीम से प्राप्त सत्यनिष्ठ प्रतिवेदन के आधार पर चार व्यक्तियों को प्राथमिक रूप से दोषी मानते हुए अपनी रिपोर्ट कलेक्टर प्रतिभा पाल को सौंप दी।
कलेक्टर प्रतिभा पाल ने इस प्रतिवेदन को स्वीकार करते हुए, छात्रों के जीवन से खिलवाड़ और आर्थिक अनियमितता के दोषी माने गए 4 लोगों को नोटिस जारी कर दिया है।
इन चार दोषियों को जारी हुआ नोटिस:
- जे.पी जायसवाल (प्राचार्य, उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय) - मुख्य प्रशासनिक अधिकारी
- शिवेश श्रीवास्तव (प्राथमिक शिक्षक) - भोजन खरीद-फरोख्त का 'किंगपिन'
- राम कैलाश पांडेय (वार्डन, बालक छात्रावास) - लापरवाही और जबरन हस्ताक्षर का आरोप
- श्रीमती छाया मिश्रा (अध्यापक) - वार्डन, बालिका छात्रावास
सुनवाई का समय: कलेक्टर ने इन सभी चारों दोषियों को कल शाम 4 बजे उनके समक्ष व्यक्तिगत रूप से सुनवाई (Personal Hearing) के लिए बुलाया है।
संभावित कार्रवाई: सूत्रों का मानना है कि छात्रों के भविष्य और जीवन से खिलवाड़ करने वाले, तथा 'नौनिहालों' का निवाला छीनने वाले इन व्यक्तियों के खिलाफ निलंबन (Suspension), बर्खास्तगी (Termination) सहित कड़ी दंडात्मक और आर्थिक कार्यवाही हो सकती है। यह एक्शन पूरे शिक्षा विभाग को एक कड़ा संदेश देगा।