सिनेमाई कहानी से कम नहीं है ये मामला! रीवा जज को धमकी देने वाला निकला 'बदला' लेने वाला, पुलिस ने खोल दिया पूरा राज!

ऋतुराज द्विवेदी, रीवा/भोपाल। (राज्य ब्यूरो) मध्य प्रदेश के रीवा जिले में, त्योंथर न्यायालय की न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी मोहिनी भदौरिया को एक धमकी भरा पत्र मिला, जिसने पूरे न्यायपालिका और पुलिस प्रशासन को चौंका दिया। 2 सितंबर को रजिस्ट्री के माध्यम से मिले इस पत्र में, भेजने वाले ने खुद को "डकैत हनुमान का साथी" बताते हुए, जिंदा रहने के लिए 5 अरब रुपये की मांग की थी। इस सनसनीखेज घटना के बाद, जज ने तत्काल सोहागी थाने में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी।
पुलिस अधीक्षक विवेक सिंह ने बताया कि यह घटना 2 सितंबर की है और शिकायत मिलते ही पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए, एक विशेष टीम को प्रयागराज की ओर रवाना किया। जांच में मिले सबूतों और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर, पुलिस ने इस मामले में एक ऐसे आरोपी को गिरफ्तार किया, जिसका मकसद फिरौती नहीं बल्कि एक गहरी निजी रंजिश था।
क्यों लिखी गई थी 5 अरब की फिरौती की कहानी?
- पुलिस जांच में सामने आया कि जज को मिला धमकी भरा पत्र, किसी बड़े आपराधिक गिरोह का नहीं, बल्कि एक साधारण व्यक्ति के निजी बदले की कहानी था। पत्र भेजने वाले ने जानबूझकर अपने एक दुश्मन को फंसाने के लिए यह षड्यंत्र रचा था।
- पत्र में प्रेषित करने वाले का नाम संदीप सिंह लिखा था, जो प्रयागराज के बारा जिले का रहने वाला था। पुलिस की टीम ने सीधे संदीप सिंह से पूछताछ की। उसकी लिखावट का मिलान किया गया और गांव के लोगों से भी इस बारे में जानकारी जुटाई गई।
- पुलिस को इस दौरान एक अहम सुराग मिला। संदीप सिंह ने बताया कि हाल ही में उसका गांव के ही एक शख्स देवराज सिंह से झगड़ा हुआ था। संदीप ने आशंका जताई कि देवराज सिंह उसे फंसाने के लिए ऐसा कर सकता है। इस जानकारी ने पुलिस की जांच को एक नई दिशा दी।
पुलिस ने कैसे सुलझाया यह जटिल मामला?
पुलिस ने डाक विभाग से पत्र की रजिस्ट्री की जानकारी निकाली। पता चला कि धमकी भरा पत्र प्रयागराज के आरएमएस डाक घर से रजिस्ट्री किया गया था। पुलिस ने तत्काल उस डाक घर के सीसीटीवी फुटेज खंगाले। फुटेज में 28 सितंबर को एक शख्स को पत्र रजिस्ट्री करते देखा गया, जिसकी पहचान देवराज सिंह के रूप में हुई।
सीसीटीवी फुटेज और अन्य साक्ष्यों के आधार पर, पुलिस ने देवराज सिंह को हिरासत में लिया। पूछताछ में उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया। देवराज ने बताया कि संदीप सिंह ने उसके साथ मारपीट की थी, जिसकी शिकायत उसने प्रयागराज के बारा थाने में दर्ज कराई थी। हालांकि, पुलिस की कार्रवाई से वह संतुष्ट नहीं था।
इसी असंतोष और बदले की भावना से, उसने संदीप सिंह को फंसाने की योजना बनाई। उसने जानबूझकर संदीप सिंह के नाम से एक धमकी भरा पत्र लिखा और उसे जज को रजिस्ट्री कर दिया। उसने सोचा था कि इस गंभीर मामले में संदीप सिंह बुरी तरह फंस जाएगा और उसे अपनी मारपीट का बदला मिल जाएगा।
पुलिस ने आरोपी देवराज सिंह से सभी आवश्यक सबूत जब्त कर लिए हैं और उसे गिरफ्तार कर त्योंथर न्यायालय में पेश किया गया है। यह घटना न केवल न्यायपालिका की सुरक्षा पर सवाल उठाती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि निजी रंजिशें किस हद तक आपराधिक रूप ले सकती हैं।
FAQ
Q. रीवा में जज को धमकी क्यों मिली?
A. जज को मिली धमकी का सीधा कारण एक निजी रंजिश थी। आरोपी देवराज सिंह ने अपने दुश्मन संदीप सिंह को फंसाने के लिए यह षड्यंत्र रचा था।
Q. धमकी भरे पत्र में क्या मांगा गया था?
A. पत्र में जज से 5 अरब रुपये की फिरौती मांगी गई थी और पैसे न देने पर जान से मारने की धमकी दी गई थी।
Q. पुलिस ने आरोपी को कैसे पकड़ा?
A. पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और डाक घर की रजिस्ट्री से मिले सुरागों के आधार पर आरोपी देवराज सिंह को प्रयागराज से गिरफ्तार किया।
Q. बदला लेने के लिए ऐसा क्यों किया गया?
A. आरोपी देवराज सिंह अपने दुश्मन संदीप सिंह से हुई मारपीट की घटना से नाराज था। वह पुलिस की कार्रवाई से संतुष्ट नहीं था, इसलिए उसने इस गंभीर मामले में संदीप को फंसाने के लिए यह साजिश रची।
Q. इस मामले में आगे क्या होगा?
A. आरोपी देवराज सिंह को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया है। अब कानूनी प्रक्रिया के तहत उस पर मामला चलेगा और उसे उसके अपराध के लिए सजा मिलेगी।