व्यापारियों का BJP सरकार पर फूटा गुस्सा, बोले- 'वोट दिया, अब दुकान हटा रहे', रीवा में गर्माया माहौल

ऋतुराज द्विवेदी, रीवा/भोपाल। (राज्य ब्यूरो) रीवा में नगर निगम प्रशासन ने शहर को साफ-सुथरा और व्यवस्थित बनाने के लिए एक बड़ा अभियान शुरू किया है। इस अभियान का मुख्य लक्ष्य शहर के विभिन्न हिस्सों, खासकर किला रोड, मंडी मार्ग और पुरानी सब्जी मंडी से अवैध अतिक्रमण हटाना है। हालांकि, यह कदम व्यापारियों के भारी विरोध का सामना कर रहा है, जिससे प्रशासन और व्यापारिक समुदाय के बीच तनाव बढ़ गया है। यह पूरा मामला शहरी विकास, स्वच्छता और व्यापार के अधिकारों के बीच एक जटिल टकराव को दर्शाता है।
अतिक्रमण हटाओ अभियान की शुरुआत कैसे हुई?
यह सब तब शुरू हुआ जब मंगलवार की सुबह नगर निगम आयुक्त सौरभ सोनवड़े ने इन क्षेत्रों का निरीक्षण किया। उन्होंने पाया कि सड़कों और फुटपाथों पर व्यापारियों ने बड़े पैमाने पर अवैध दुकानें और स्टॉल लगा रखे हैं, जिससे न केवल पैदल चलने वालों को दिक्कत हो रही है, बल्कि ट्रैफिक जाम की समस्या भी विकराल हो गई है। आयुक्त के निर्देश पर, नगर निगम की टीम दो जेसीबी मशीनों और भारी अमले के साथ मौके पर पहुंची। जैसे ही टीम ने झुग्गी-झोपड़ियों और अवैध कब्जों को हटाना शुरू किया, व्यापारियों में आक्रोश फैल गया और उन्होंने इसका पुरजोर विरोध किया।
व्यापारियों का विरोध क्यों कर रहे हैं?
व्यापारियों का कहना है कि यह कार्रवाई अन्यायपूर्ण है और इससे उनकी आजीविका खतरे में पड़ जाएगी। उनका मानना है कि सरकार को उन्हें पहले कोई वैकल्पिक जगह देनी चाहिए थी, न कि सीधे उनके व्यापार को उजाड़ देना चाहिए। विरोध को मजबूत करने के लिए व्यापारी संघ के अध्यक्ष नरेश काली भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा, "हम किसी भी कीमत पर अतिक्रमण नहीं हटने देंगे। हमने भाजपा की सरकार को वोट दिया था, जिसे व्यवसायियों की पार्टी माना जाता है, लेकिन अब हमारी बात तक नहीं सुनी जा रही।" यह बयान दर्शाता है कि व्यापारी इस मुद्दे को राजनीतिक रंग भी दे रहे हैं और अपनी पार्टी से ही उम्मीदें लगाकर बैठे हैं। व्यापारियों के विरोध को देखते हुए नगर निगम को अपनी कार्रवाई जारी रखने के लिए पुलिस प्रशासन का सहयोग लेना पड़ा।
नगर निगम प्रशासन का क्या कहना है?
नगर निगम आयुक्त सौरभ सोनवड़े का रुख साफ है। उनका कहना है कि यह कार्रवाई शहर को सुंदर, स्वच्छ और व्यवस्थित बनाने के लिए बेहद जरूरी है। उन्होंने बताया कि रीवा को हाल ही में स्वच्छता में फाइव स्टार रेटिंग मिली है और इस रेटिंग को बनाए रखने और शहर को और बेहतर बनाने के लिए यह अभियान आवश्यक है। अतिक्रमण से शहर में आए दिन लगने वाले ट्रैफिक जाम को रोकने और बेहतर यातायात व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए भी यह कदम उठाया गया है। आयुक्त ने यह भी कहा कि इस तरह की कार्रवाई पहले भी निराला नगर बस्ती और चिरहुला कॉलोनी में की जा चुकी है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि यह कोई एकतरफा या अचानक लिया गया निर्णय नहीं है, बल्कि एक व्यापक शहरी विकास योजना का हिस्सा है।
ट्रैफिक समस्या का समाधान कैसे होगा?
रीवा में बढ़ती आबादी और वाहनों की संख्या के साथ ट्रैफिक जाम एक बड़ी समस्या बन गया है। खास तौर पर मंडी मार्ग और पुरानी सब्जी मंडी जैसे भीड़-भाड़ वाले इलाकों में तो हालात और भी खराब हैं। सड़कों के किनारे अवैध रूप से लगाई गई दुकानें और स्टॉल इस समस्या को और बढ़ा देते हैं। नगर निगम का मानना है कि इन कब्जों को हटाकर सड़कों को चौड़ा करने और यातायात के लिए अधिक जगह बनाने से ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार होगा। हालांकि, व्यापारियों का तर्क है कि सिर्फ अतिक्रमण हटाने से समस्या हल नहीं होगी। सरकार को पार्किंग की उचित व्यवस्था और सड़कों को चौड़ा करने के लिए स्थायी समाधान खोजने चाहिए।
क्या अतिक्रमण अभियान का कोई दीर्घकालिक समाधान है?
यह बहस केवल अतिक्रमण हटाने तक सीमित नहीं है। यह शहरी नियोजन, गरीबों और छोटे व्यापारियों के अधिकारों और शहर के विकास के बीच संतुलन बनाने की एक बड़ी चुनौती है। प्रशासन को न केवल अतिक्रमण हटाना चाहिए, बल्कि उन छोटे व्यापारियों के लिए भी एक स्थायी समाधान खोजना चाहिए जो अपनी आजीविका के लिए इन जगहों पर निर्भर हैं। उन्हें वेंडिंग जोन या निश्चित स्थानों पर दुकानें आवंटित करने से यह सुनिश्चित होगा कि उनका व्यापार भी चलता रहे और शहर भी व्यवस्थित रहे। इसके साथ ही, लोगों में जागरूकता फैलाना भी जरूरी है कि सार्वजनिक स्थानों पर अतिक्रमण करना कानूनन गलत है।
निष्कर्ष: आगे क्या होगा?
रीवा में चल रहा यह अतिक्रमण हटाओ अभियान एक बड़ी चुनौती पेश करता है। एक तरफ जहां प्रशासन शहर को साफ और सुव्यवस्थित बनाने के लिए प्रतिबद्ध है, वहीं व्यापारी अपनी आजीविका की रक्षा के लिए संघर्ष कर रहे हैं। इस मुद्दे का समाधान तभी संभव है जब प्रशासन और व्यापारी संघ दोनों मिलकर बात करें और एक ऐसा रास्ता निकालें जो दोनों पक्षों के लिए फायदेमंद हो। इस संघर्ष का परिणाम यह तय करेगा कि क्या रीवा एक स्वच्छ, सुंदर और व्यवस्थित शहर बन पाएगा, या फिर यह विवाद और गहराएगा।