Rewa News : टीआरएस कॉलेज विवाद: छात्रों को भाजपा कार्यक्रम में ले जाने के आरोप, कॉलेज प्रशासन ने किया खंडन

रीवा के टीआरएस महाविद्यालय में हाल ही में एक विवाद सामने आया है, जिसमें एनएसयूआई (नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया) के कार्यकर्ताओं ने कॉलेज परिसर में शिक्षकों के केबिन के बाहर पोस्टर लगाए हैं। इन पोस्टरों में संबंधित शिक्षकों के नामों के नीचे "भाजपा सदस्य" लिखा गया था।
एनएसयूआई का आरोप:
एनएसयूआई जिलाध्यक्ष पंकज उपाध्याय ने आरोप लगाया है कि कॉलेज प्रशासन छात्रों का राजनीतिक दुरुपयोग कर रहा है। उनका कहना है कि छात्रों को जबरन भाजपा के कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए ले जाया गया, जिसमें शिक्षक भी भाग ले रहे हैं। उन्होंने प्राचार्य पर भाजपा के प्रति झुकाव का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें भाजपा का पट्टा पहन लेना चाहिए और प्राचार्य कक्ष को भाजपा कार्यालय घोषित कर देना चाहिए।
कॉलेज प्रशासन की प्रतिक्रिया:
टीआरएस कॉलेज की प्राचार्या अर्पिता ने इन आरोपों को निराधार बताया है और कहा है कि किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं किया जाता।
स्थिति का विश्लेषण:
यह घटना शैक्षणिक संस्थानों में राजनीतिक हस्तक्षेप और छात्रों के संभावित दुरुपयोग के गंभीर मुद्दे को उजागर करती है। कॉलेज प्रशासन और संबंधित अधिकारियों को इस मामले की निष्पक्ष जांच करानी चाहिए और सुनिश्चित करना चाहिए कि शैक्षणिक वातावरण राजनीतिक दबाव से मुक्त रहे।
टीआरएस कॉलेज की प्राचार्या अर्पिता ने एनएसयूआई के आरोपों को बताया निराधार
रीवा के प्रतिष्ठित टीआरएस महाविद्यालय की प्राचार्या अर्पिता ने एनएसयूआई द्वारा लगाए गए आरोपों को सिरे से खारिज किया है। एनएसयूआई ने कॉलेज प्रशासन पर छात्रों का राजनीतिक दुरुपयोग करने का आरोप लगाया था, जिसमें कहा गया था कि छात्रों को भाजपा के कार्यक्रमों में जबरन शामिल कराया गया।
प्राचार्या अर्पिता ने स्पष्ट किया कि कॉलेज में किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं किया जाता और सभी छात्रों को समान अवसर प्रदान किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि कॉलेज का मुख्य उद्देश्य गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना है, न कि किसी राजनीतिक दल का समर्थन करना।
टीआरएस महाविद्यालय ने हमेशा से ही शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त की है और छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए हैं। प्राचार्या अर्पिता के नेतृत्व में कॉलेज ने नई शिक्षा नीति (NEP 2020) को सफलतापूर्वक लागू किया है, जिससे छात्रों को विविध पाठ्यक्रमों और कौशल विकास के अवसर मिल रहे हैं।
कॉलेज प्रशासन ने एनएसयूआई के आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि ऐसे आरोपों से कॉलेज की छवि को धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है। प्राचार्या अर्पिता ने सभी छात्रों और अभिभावकों से अपील की है कि वे ऐसे भ्रामक प्रचारों पर ध्यान न दें और कॉलेज की सकारात्मक गतिविधियों में भाग लें।