चुनावी मैदान में उतरा रीवा का बेरोजगार युवा प्रत्याशी : 8 हजार रुपए की करता था नौकरी, विधानसभा चुनाव में मिले थे 354 वोट

 
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रीवा में 26 अप्रैल को वोटिंग होनी है। इस बार के चुनाव में कांग्रेस,बीजेपी और बसपा जैसी प्रमुख दलों के अलावा सात निर्दलीय उम्मीदवार भी चुनावी मैदान में हैं। रीवा से कुल 14 उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किए हैं। जिनमें से एक निर्दलीय प्रत्याशी ऐसे भी हैं जो खुद को बेरोजगार बताते हैं। इससे पहले वे विधानसभा चुनाव 2023 में गुढ़ विधानसभा से बतौर निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव भी लड़ चुके हैं। वही लोकसभा चुनाव में हीरा चुनाव चिन्ह के साथ निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनावी मैदान में ताल ठोक रहे हैं।

8 हजार रुपए की नौकरी करते थे अब हैं प्रत्याशी
दयाशंकर पांडेय बताते हैं कि विधानसभा और लोकसभा चुनाव लड़ने के पहले वे 7-8 हजार रुपए की नौकरी करते थे। वे 2017 बैच के पासआउट हैं। जिन्होंने बीकॉम टीआरएस कॉलेज रीवा और एलएलबी आरडीबीबी कॉलेज जबलपुर से की है। उन्होंने रीवा जबलपुर और दिल्ली में अकाउंटेंट की नौकरी की है। दो-तीन नौकरी करने के बाद उन्होंने छोड़ दी। इसके बाद उन्होंने चुनाव लड़ने का मन बनाया। उनका कहना है कि रीवा जिले में बेरोजगारों की संख्या बहुत अधिक है। वे खुद भी एक बेरोजगार हैं। करें तो करें क्या यह समझ नहीं आ रहा था। इसलिए बेरोजगार युवाओं का नेतृत्व करने के लिए उन्होंने बतौर निर्दलीय प्रत्याशी ताल ठोक दी।

विधानसभा चुनाव में मिले थे 354 वोट
निर्दलीय प्रत्याशी दयाशंकर पांडेय बताते हैं कि हम चार भाई हैं। मेरे 3 भाई प्राइवेट नौकरी करते हैं। मैं एक किसान परिवार से ताल्लुक रखता हूं। मेरे पिता किसानी का काम करते हैं। मेरे पास चुनाव में खर्च करने के लिए अधिक पैसा नहीं है फिर भी मैं इस बार के लोकसभा चुनाव में चार लाख वोट पाने का लक्ष्य रखकर काम कर रहा हूं। एक-दो गाड़ियां भी चुनाव प्रचार करने के लिए लगा रखी हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में उन्हें 354 वोट मिले थे। दयाशंकर ग्राम नदना पोस्ट नदना तहसील मंनगवा के स्थानीय निवासी हैं।

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