APS यूनिवर्सिटी में हंगामा! NSUI के 'मनमाने नंबर' और 'पैसे वसूली' के आरोप पर छात्रों का प्रदर्शन, पुलिस ने खदेड़ा

 
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ऋतुराज द्विवेदी,रीवा/भोपाल। (राज्य ब्यूरो)  रीवा, मध्य प्रदेश: सोमवार को रीवा में NSUI (नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया) के कार्यकर्ताओं ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय (APS University) में उग्र प्रदर्शन करने का प्रयास किया, जिसके बाद पुलिस को टियर गैस और वाटर कैनन का इस्तेमाल करना पड़ा। प्रदर्शनकारी छात्रों को रोकने के लिए कई थानों का पुलिस बल मौके पर मौजूद था, जिसने उन्हें खदेड़ दिया।

क्या था प्रदर्शन का उद्देश्य और कैसे बिगड़ी स्थिति?
NSUI के सैकड़ों कार्यकर्ता अपनी मांगों को लेकर अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन की ओर बढ़ रहे थे। पुलिस को पहले से ही इसकी सूचना मिल चुकी थी, जिसके बाद विश्वविद्यालय बिल्डिंग के पास यातायात को डायवर्ट कर बैरिकेडिंग लगाई गई थी।

पुलिस ने पहले प्रदर्शनकारियों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन जब NSUI कार्यकर्ता बैरिकेडिंग पर चढ़ने और उसे तोड़ने का प्रयास करने लगे, तो स्थिति तनावपूर्ण हो गई। वहां मौजूद अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (Additional SP) के निर्देश पर पुलिस बल ने कार्यकर्ताओं को खदेड़ने के लिए वाटर कैनन और टियर गैस का प्रयोग शुरू कर दिया। हालांकि, इस दौरान किसी भी कार्यकर्ता को गंभीर चोट नहीं आई।

NSUI का आरोप: "सत्ता का दुरुपयोग, छात्रों की आवाज दबाई जा रही है"

NSUI के जिला अध्यक्ष पंकज उपाध्याय ने पुलिस कार्रवाई की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि "जिस तरह से छात्रों की आवाज को दबाने के लिए प्रशासनिक तंत्र का दुरुपयोग किया जा रहा है और छात्रों को अपनी बात रखने से रोका जा रहा है, वह बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण है। यह सत्ता का सीधा दुरुपयोग है।"

पुलिस का पक्ष: "उपद्रव रोकने के लिए की गई कार्रवाई"
इस पूरे मामले पर जिले की अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आरती सिंह ने बताया कि NSUI के कार्यकर्ता प्रशासनिक भवन में उपद्रव करने के उद्देश्य से विश्वविद्यालय में अपनी मांगों को लेकर जाना चाह रहे थे। पुलिस अधिकारियों ने उन्हें समझाने का हर संभव प्रयास किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि जब कार्यकर्ताओं की भीड़ ने बैरिकेडिंग तोड़ने का प्रयास किया, तभी भीड़ को खदेड़ने के लिए वाटर कैनन और टियर गैस का प्रयोग किया गया।

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने यह भी बताया कि कार्यकर्ताओं को यह आश्वासन दिया गया है कि वे शांतिप्रिय तरीके से अपनी मांगों को लेकर विश्वविद्यालय प्रबंधन से बात करें, ताकि विश्वविद्यालय छात्रों की जायज मांगों पर उचित कार्रवाई कर सके।

छात्रों के मुख्य आरोप: "मनमाने नंबर और पैसों की मांग"

NSUI का आरोप है कि अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय में छात्र-छात्राओं के रिजल्ट को लेकर भारी लापरवाही बरती जाती है। उनका कहना है कि हर सेमेस्टर और हर परीक्षा में छात्रों को कई बार ज़ीरो नंबर दे दिए जाते हैं या मनमाने तरीके से फेल कर दिया जाता है। इसके बाद, पास करने के नाम पर उनसे पैसों की मांग की जाती है। छात्र संगठन का दावा है कि यह समस्या कई वर्षों से चली आ रही है, लेकिन इसका कोई स्थायी समाधान नहीं निकल पाया है।

यह घटना एक बार फिर छात्रों के मुद्दों और प्रशासनिक कार्रवाई के बीच के तनाव को उजागर करती है, विशेषकर जब छात्र अपने अधिकारों और समस्याओं के समाधान के लिए प्रदर्शन करते हैं।

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