विंध्यवासियों के लिए खुशखबरी : जून माह में Airport लोकार्पण की तैयारी में विभाग, लाइसेंस मिलते ही शुरू होगी उड़ान

 
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एयरपोर्ट का निर्माण कार्य 90 फीसदी पूरा हो चुका है। जून मास के किसी भी दिन इसके लोकार्पण की तिथि निश्चित की जा सकती है और रीवा से एटीआर 72 उड़ने लगेगा। एयरपोर्ट में निर्माणाधीन एटीसी टॉवर का कार्य भी पूरा कर लिया गया है। इसमें जरूरी उपकरण लगाये जाने का कार्य प्रारंभ होने जा रहा है। किसी भी एयरपोर्ट का एटीसी टॉवर यातायात को नियंत्रित करने का महत्वपूर्ण भाग होता है। इसके बिना उड़ाने नहीं भरी जा सकती। अभी तक रीवा एयरपोर्ट में अस्थाई एटीसी टॉवर काम कर रहा था। सफल फ्लाइट कैलिबेशन 11 मई को किया जा चुका है।

जिस फ्लाइट कैलिब्रेशन में भारतीय विमानन प्राधिकरण पत्तन के कैप्टन अनूप काचरे टीम के साथ आए हुए थे। उन्होंने इस एयरपोर्ट को मानक के अनुरूप मानते हुए एटीआर 72 के लिए उपयुक्त माना। लगभग साढ़े चार करोड़ की लागत से निर्मित इस एटीसी टॉवर में उपकरण लगाए जाने के बाद अस्थाई टॉवर को वहां हटा लिया आएगा एयरपोर्ट से उड़ान शुरू करने से पहले एक लायसेंस की प्रोसेसिंग होती है जो अंतिम चरण में है। यह टीम भी दिल्ली से किसी दिन जांच करने आ सकती है। लायसेंस मिलते ही रोवा एयरपोर्ट से उड़ान की तैयारी में शुरू हो जाएगी।

ऐसा है रीवा शहर का एयरपोर्ट
रीवा एयरपोर्ट लगभग 306 एकड़ में बनाया गया है। जिसकी लागत प्रथम फेज में 100 करोड़ के आसपास है। निजी जमीन के अधिग्रहण में राज्य सरकार ने 256 करोड़ खर्च किया है। 1800 मीटर का रनवे है जो बहुत पहले बनकर तैयार हो चुका है। सुरक्षा के लिए साढ़े सात किमी की बाउण्ड्रीवाल बनाई जा चुकी है। वॉसटावर और एवं नाइट लैंडिंग के टॉवर का निर्माण किया जा चुका है। इस एयरपोर्ट में एक साथ वो विमान उत्तर सकते है। नाईट लैंडिग की भी व्यवस्था की गई है।

प्रदेश के उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल पहले ही कह चुके हैं कि इस एयरपोर्ट को जून माह में जनता के लिए समर्पित किया जाना है जिसका भव्य लोकार्पण किया जाएगा।

जिसमें देश की नामी गिरामी हस्तियां शामिल होंगी। पहली उड़ान अभी भोपाल के लिए प्रारंभ करने की प्लानिंग है। इसके बाद दिल्ली, मुंबई तक भी इसे बढ़ाया - जाएगा।

यहां के लोगों की मांग बेंगलूरू - और हैदराबाद के लिये भी है क्योंकि यहां पर आईटी सेक्टर से जुड़े नौजवान वहां पर जॉब करते हैं। सूत्रों ने बताया कि लोकार्पण के पहले ही दिन एटीआर 72 सबसे पहले • अयोध्या राम मंदिर दर्शन के लिए भेजा जा सकता है।

क्या है एटीसी टॉवर
हवाई यातायात नियंत्रण टॉवर है। ये टॉवर हवाई 5. मील के भीतर उड़ान भरने, लैंडिंग जमीनी यातायात और उड़ान में विमानों का समन्वय बनाते हैं।

50 साल आगे की प्लानिंग
306 एकड़ में निर्मित इस एयरपोर्ट 50 साल आगे की प्लानिंग करके बनाया गया है। प्रयागराज से दिल्ली, मुंबई, हैदराबाव के लिए उड़ान भरने वाले रीवा के लोग बताते हैं कि जैसे ही प्रयागराज पहुंचते है इतना जाम रहता है कि अगर तीन से चार घंटे का अतिरिक्त समय लेकर न चलें तो प्लेन छूट सकता है।

लेकिन रीवा का ऐसा एयरपोर्ट बनाया गया जहां पहुंचने के लिए पहले से रिंग रोड का 70 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। सीधी शहडोल सिंगरौली सतना से आने वाले लोग सीधे रिंग रोड होकर बिना किसी परेशानी के रीवा एयरपोर्ट पहुंच सकेंगे। किस एजेंसी को एटीआर 72 चलाना है उसका टेंडर पहले ही हो चुका है। एटीआर 72 बनकर तैयार भी है। उसे हरी झंडी का इंतजार है।

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