Rewa Cash For Coverage मामले में प्रत्याशियों के खिलाफ क्यों नहीं हो रही कार्यवाही

 
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आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी प्रखर प्रताप के बाद त्यौंथर से BSP प्रत्याशी देवेंद्र सिंह पर भी लगे आरोप

ऋतुराज द्विवेदी,रीवा। मतदान की तिथियां जैसे जैसे नजदीक आती जा रही है वैसी-वैसे चुनावी सरगर्मियां अपनी चरम की ओर पहुंचती जा रही हैं। विधानसभा चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी चाहे वह किसी भी दल के हो चुनाव जीतने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं। शाम, दाम दंड-भेद सब अपना रहें है। आलम यह है कि एक ही प्रत्याशी के पक्ष में मतदाता सुबह किसी एक पक्ष में बात करता है तो शाम होते-होते वह बकायदा मीडिया कर्मियों के सामने दूसरे पक्ष की हिमायत करने लगता है।

इन सभी चीजों को देखकर यह सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी दिवाली के पहले ही मतदाताओं के ऊपर धन वर्षा कर रहे हैं। मतदाता अपवाद नहीं है प्रत्याशियों द्वारा पत्रकारों को भी इसलिए सेटल किया जा रहा है की पत्रकार गड़े मुर्दे उखाड़कर प्रत्याशी की छवि को धूमिल ना करें। इन्हीं सब चीजों को लेकर कुछ हफ्ते पूर्व शहर के एसपीएस मॉल में गुढ़ विधानसभा क्षेत्र से आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी प्रखर प्रताप सिंह द्वारा बकायदा पत्रकार वार्ता का आयोजन कर पत्रकारों की हैसियत अनुसार किसी को 2000 तो किसी को 1000 और किसी को 500-500 रुपए लिफाफे में डालकर वितरित किए गए। जिसका वीडियो किसी असंतुष्ट पत्रकार द्वारा सोशल मीडिया में वायरल कर दिया गया।

इस मामले की चर्चा एक-दो दिन खूब रही किंतु फिर मामला ठंडे बस्ते में चला गया किंतु गुढ़ विधानसभा क्षेत्र से आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी प्रखर प्रताप सिंह के खिलाफ कोई कार्यवाही चुनाव आयोग द्वारा नहीं की गई। ताजा मामला बीती रात शहर के नरेंद्र नगर मोहल्ले में स्थित स्वयंवर विवाह घर का है जिसके मालिक देवेंद्र प्रताप सिंह त्योंथर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा का दामन छोड़कर बीएसपी प्रत्याशी के रूप में विधानसभा चुनाव के मैदान में हैं।

उनके द्वारा बीती शाम स्वयंवर विवाह घर में एक पत्रकार वार्ता का आयोजन किया गया और वहाँ भी पत्रकारों को स्वल्पाहार के बाद लिफाफे वितरित किए गए। उक्त पत्रकार वार्ता में मौजूद लोगों की माने तो पत्रकार वार्ता में लगभग 150 से अधिक पत्रकार विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक एवं प्रिंट मीडिया के मौजूद थे जिन्हें बाद में लिफाफे में रुपए डालकर वितरित किए गए।

यहां भी एसपीएस माल जैसा हाल हुआ, हालांकि इस मामले का कोई वीडियो वायरल नहीं हुआ किंतु पत्रकारों के बीच इस मामले को लेकर अच्छी खासी चर्चा रही। हालांकि इस घटना की पुष्टि रीवा न्यूज़ मीडिया नही करता है। किंतु इस मामले की चर्चा आज सुबह से ही शहर में सक्रिय हर पत्रकारों की जुबान पर थी। जिनको पैसे मिले वह बगले झांकते नजर आए और जिनको नहीं मिले वे ईमानदारी का चोला ओढ़ कर सीना ठोकते नजर आए। बहरहाल सच्चाई जो भी हो चुनाव आयोग को इन दोनों मामले को संज्ञान में लेकर निष्पक्ष जांच कराई जानी चाहिए और आरोपी प्रत्याशियों के खिलाफ कानून संगत कार्यवाही करनी चाहिए।

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