REWA में प्रेग्नेंसी के दौरान महिला को लगी बाल खाने की लत : पेट से निकला ढाई किलो का गुच्छा

 
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सतना जिले की एक महिला को प्रेग्नेंसी के दौरान बाल खाने की लत लग गई। वह खुद के बालों को तो खाती ही थी, आसपास पड़े दूसरों के बालों को भी खा लेती थी। बच्चे को जन्म देने के बाद उसने बाल खाना बंद कर दिया। कुछ समय बाद उसके पेट में दर्द होने लगा। लगातार उल्टियां होने लगीं। भोजन करना मुश्किल हो गया।

परेशानी हद से ज्यादा बढ़ने पर महिला डॉक्टर के पास पहुंची। चेकअप के बाद डॉक्टर ने महिला के पेट का ऑपरेशन किया तो बालों का करीब ढाई किलो का गुच्छा निकला। महिला की उम्र 25 साल है और वह उत्तर प्रदेश की रहने वाली है। उसके तीन बच्चे हैं। पहला बच्चा 5 वर्ष, दूसरा 2 वर्ष जबकि तीसरा बच्चा 5 माह का है। महिला को बाल खाने की लत दूसरी प्रेग्नेंसी के दौरान लगी थी।

महिला के पेट से करीब ढाई किलो वजनी बालों का गुच्छा निकाला गया है।

महिला के पेट से करीब ढाई किलो वजनी बालों का गुच्छा निकाला गया है।

आमाशय बालों से पूरी तरह भरा था

ऑपरेशन करने वाली डॉ. निर्मला गेहानी ने बताया कि महिला को पेट में बीते 6 महीने से असहनीय दर्द हो रहा था। उल्टियां भी होने लगी थीं और डाइट भी काफी कम हो गई थी। बांदा मेडिकल कॉलेज में उसका इलाज कराने के बावजूद राहत नहीं मिली। इसके बाद पीड़ित सतना जिले के चित्रकूट में सद्गुरू सेवा संघ ट्रस्ट के जानकीकुंड अस्पताल आई। उसे लगातार उल्टियां हो रही थीं। ऐसी हालत में महिला की मौत भी हो सकती थी। हमने उसकी जांच की। अल्ट्रासाउंड में पेट में बालों का गुच्छा होने का पता चला। उसका आमाशय बालों से पूरी तरह भरा था। बालों के गुच्छे का आकार आमाशय की तरह ही हो गया था। हमारी टीम ने ऑपरेशन कर इसे बाहर निकाला।

डॉ. निर्मला गेहानी (चश्मा पहने) ने बताया कि उन्होंने पूरे करियर में सिर्फ तीन ही ऐसे केस देखे हैं।

डॉ. निर्मला गेहानी (चश्मा पहने) ने बताया कि उन्होंने पूरे करियर में सिर्फ तीन ही ऐसे केस देखे हैं।

मेडिकल भाषा में ट्राइकोमेज्योर कहा जाता है

सीनियर सर्जन डॉ. निर्मला गेहानी ने कहा, 'इस प्रकार के केस को मेडिकल भाषा में ट्राइकोमेज्योर कहा जाता है। बाल खाने वाली महिलाएं अक्सर कम उम्र की होती हैं। साइकेट्रिक भी हो सकती हैं।' उन्होंने बताया कि आमतौर पर इस प्रकार के एक प्रतिशत मामले ही सामने आते हैं। मेरे पूरे करियर में इस प्रकार के कुल तीन केस ही आए हैं। एक मरीज नौ साल का बच्चा था, दूसरी 18 साल की लड़की और अब यह तीसरा केस 25 वर्षीय महिला का सामने आया है।'

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