Rewa में अचनाक से बैठे-बैठे युवक को आया कार्डियक हार्ट अटैक, नहीं थी कोई बीमारी, वर्कआउट भी करता था : जानिए लक्षण
रीवा में हार्ट अटैक से एक युवक की बैठे-बैठे मौत हो गई। चार लोगों के साथ बैठकर बातचीत कर रहा युवक अचानक सिर नीचे कर औंधे मुंह गिरता है। घबराकर दोस्त उसे उठाते हैं, लेकिन तब तक उसकी मौत हो जाती है। घटना 20 अक्टूबर की है। इसका वीडियो अब सामने आया है।
रीवा के बजरंग नगर निवासी प्रकाश सिंह बघेल (31) सिरमौर चौराहा स्थित एक दुकान में अपने दोस्तों के साथ हंसी मजाक कर रहा था। इसी दौरान अचानक प्रकाश की सीने में तेज दर्द हुआ और वो नीचे गिर पड़ा। दोस्तों ने उसे सीपीआर देने की कोशिश भी की। उसकी छाती पर कई बार थपथपाया, लेकिन नाकाम रहे। आनन-फानन में उसे अस्पताल लेकर गए। जहां डॉक्टर्स ने मृत घोषित कर दिया।
5 तस्वीरों में देखिए पूरा घटनाक्रम...
प्रकाश ने कोई हलचल नहीं की तो दोस्तों ने फौरन उसे उठाकर अस्पताल पहुंचाया।
मृतक का छोटा भाई विनय सिंह बघेल
- प्रकाश को नहीं थी कोई बीमारी, वर्कआउट भी करता था. प्रकाश के भाई विनय सिंह बघेल ने बताया कि वो पूरी तरह से ठीक था। उसे कोई बीमारी नहीं थी। रोज वर्क आउट करता था और हेल्दी डाइट लेता था। ऐसे में उसे अटैक आना हैरानी की बात है। डॉक्टर यत्नेश त्रिपाठी ने बताया कि प्रकाश की मौत सडन अटैक से हुई है।
डॉक्टर बोले- धड़कनें बंद हो जाएं तो सडन कार्डियक अरेस्ट
- डॉक्टर यत्नेश त्रिपाठी के मुताबिक कार्डियक अरेस्ट एक आपातकालीन स्थिति है। जिसमें व्यक्ति का दिल अचानक धड़कना बंद कर देता है, इसलिए इसे सडन कार्डियक अरेस्ट भी कहते हैं। अगर मस्तिष्क और अन्य अंगों को रक्त की आपूर्ति में कमी का तुरंत इलाज नहीं किया जाता है, तो व्यक्ति बेहोश हो सकता है।
- कई बार यह भी संभव है की कार्डियक अरेस्ट बिना किसी चेतावनी के व्यक्ति में अचानक से आ जाए। वंशानुगत कारण भी हो सकते हैं।
- डॉक्टर ने बताया कि इससे विकलांगता आ सकती है या मौत भी हो सकती है। जब हृदय अचानक और अप्रत्याशित रूप से रक्त पंप करना बंद कर देता है, तो व्यक्ति को कार्डियक अरेस्ट होता है। इसकी वजह से मस्तिष्क और अन्य अंगों को रक्त की आपूर्ति में रुकावट आ जाती है। ह्रदय की बीमारी कि वजह से कार्डियक अरेस्ट एक आम कारण है।
इसलिए आता है कार्डियक अरेस्ट
- कार्डियक अरेस्ट की स्थिति तब बनती है, जब हार्ट की धमनियों में ब्लॉकेज आ जाए। इस ब्लॉकेज से अचानक मौत हो जाना कार्डियक अरेस्ट (साइलेंट अटैक) आता है। यह स्थिति वैसी है, जैसे गाड़ी का इंजन बंद हो जाना। अगर अचानक सीने में दर्द उठा और ईसीजी नॉर्मल है तो आधे घंटे बाद दोबारा कराए जाने पर सही स्थिति स्पष्ट होती है।
- डॉ. कोठारी का कहना है कि अगर मरीज को डायबिटीज हो, वह रोज ज्यादा एक्सरसाइज करता हो, किसी ड्रग-तम्बाकू का सेवन करता हो, किडनी की बीमारी हो, परिवार की हिस्ट्री हो तो कार्डियक अरेस्ट की आशंका ज्यादा रहती है। ऐसे मरीजों को हार्ट अटैक के वक्त दर्द का एहसास नहीं होता।
डॉ. दीपेश कोठारी सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट, इंदौर
जानिए सीने में सामान्य दर्द और कार्डियक अरेस्ट के दर्द में क्या होता है
- जबड़ों के नीचे से शुरू होने वाला दर्द हार्ट का हो सकता है।
- जो दर्द बहुत तेज हो और पसलियों के साथ हो, छाती के साथ बाजू में भी दर्द रहे, यह दर्द हार्ट अटैक के होते हैं।
- ऐसे लोग जिन्हें ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, किडनी की तकलीफ है उन्हें सीने में किसी भी प्रकार के दर्द को नजर अंदाज नहीं करना चाहिए।
- अगर छाती में किसी एक स्थान पर ही दर्द हो रहा है तो सामान्यतः वह हार्ट अटैक का नहीं होता है।
- वह दर्द जिसमें ऐसा एहसास हो जैसे कुछ चुभो दिया है, वह भी दर्द सामान्यतःः हार्ट का नहीं होता है।
- वह दर्द जो चलने पर कम हो जाए या करवट बदलने के दौरान कम हो जाए वह भी हार्ट का दर्द नहीं होता है।