SATNA अदालत ने 3 दोषियों को सुनाई दोहरे आजीवन कारावास की सजा : घर मे सो रही महिला को अगवा कर किया था गैंगरेप

 
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घर मे सो रही महिला को अगवा कर ले जाने और उसके साथ सामूहिक बलात्कार करने के ढाई वर्ष पुराने मामले में सतना की एससी- एसटी एक्ट की विशेष अदालत ने 3 दोषियों को दोहरे आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने अभियुक्तों पर 30- 30 हजार का जुर्माना लगाते हुए यह टिप्पणी भी की है कि अभियुक्त किसी सहानुभूति के पात्र नही हैं।

सतना में अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति अधिनियम के विशेष न्यायाधीश सतीश चंद्र राय ने अनुसूचित जाति की महिला के अपहरण एवं सामूहिक बलात्कार के मामले में तीन आरोपियों को दोषी करार दिया है, जबकि एक को दोषमुक्त कर दिया है। सामूहिक बलात्कार के दोषी पाए गए अभियुक्तों में रिजवान उर्फ रिज्जू तनय रहीम खान (24),अमन उर्फ मंटू लोधी तनय राजू लोधी (23) एवं बब्बू बंसल पिता गणेश बंसल (24) सभी निवासी हवाई पट्टी टिकुरिया टोला थाना कोलगवां सतना शामिल हैं।

अभियुक्तों को आईपीसी की धारा 450 के तहत 7 वर्ष के कठोर कारावास एवं 5 हजार के अर्थदंड, धारा 366 के तहत 10 वर्ष के कठोर कारावास एवं 5 हजार के अर्थदंड तथा धारा 376 डी के तहत 20 वर्ष के कठोर कारावास एवं 10 हजार रुपए के जुर्माने की सजा से दंडित किया गया है। इसके अलावा तीनों अभियुक्त को अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 की धारा 3 (2)(5) के अंतर्गत आजीवन कारावास एवं 10 हजार के अर्थदंड की भी सजा सुनाई गई है। अभियुक्तों की सभी सजा साथ साथ चलेंगी, लेकिन जुर्माना अदा न करने पर 6 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।

मामले में राज्य की ओर से पैरवी लोक अभियोजक एवं वशासकीय अभिभाषक रमेश मिश्रा ने की। अभियोजन के अनुसार विगत 23 एवं 24 दिसंबर 2020 की मध्य रात्रि पीड़िता अपने घर में सो रही थी, उसका पति भी घर पर ही सो रहा था। रात्रि लगभग 12 बजे आरोपी उसके घर पहुंचे और दरवाजा खटखटाने लगे। दरवाजा खोलने पर अभियुक्त घर के अंदर घुस आए और पीड़िता तथा उसके पति को गाली देते हुए बोले आज तुम्हारी इज्जत लेंगे और पति को जान से मार देंगे।

उन्होंने दोनों को आंगन में धकेल दिया। पीड़िता का पति मोहल्ले के लोगों को बुलाने गया तभी आरोपियों ने पीड़िता को पकड़ कर उसका मुंह दबा लिया और उसे बब्बू बसोर के घर ले गए। बब्बू बसोर के घर में उन्होंने पीड़िता के साथ सामूहिक बलात्कार किया। साथ ही रिपोर्ट करने पर उसे जान से मारने की धमकी भी दी। घटना के बाद पीड़िता ने अपने पति तथा अपने पड़ोसी को घटना के बारे में बताया तथा पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई। थाना कोलगवां पुलिस ने विवेचना के पश्चात मामले का आरोप पत्र उपरोक्त तीनों अभियुक्तों सहित कृष्ण साकेत उर्फ बबलू उर्फ अफसर खान के विरुद्ध प्रस्तुत किया था। अदालत ने कृष्ण साकेत उर्फ बबलू उर्फ अफसर खान निवासी टिकुरिया टोला को दोषमुक्त किया है।

अदालत ने कहा- सहानुभूति के पात्र नही हैं अभियुक्त
न्यायालय ने फैसले में लेख किया है कि अभियुक्तों ने अनुसूचित जाति की पीड़िता के घर में रात्रि में प्रवेश कर अपराधिक गृह अतिचार किया है। उन्होंने बलपूर्वक उसका अपहरण कर उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया है अभियुक्त किसी भी प्रकार की सहानुभूति के पात्र नहीं है। लोक अभियोजक रमेश मिश्रा ने बताया मामले में अभियोजन की ओर से कुल 15 साक्षी के कथन कराए गए। आरोपीगण में से एकमात्र आरोपी कृष्ण साकेत उर्फ बबलू उर्फ अफसर खान ने स्वयं को बचाव साक्षी के रूप में परीक्षित कराया।

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