Shahdol ASI Death : शहडोल में ASI की ट्रैक्टर से रौंदकर हत्या : ट्रैक्टर मालिक पर 30 हजार का इनाम घोषित

 
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शहडोल में रेत का अवैध परिवहन कर रहे ट्रैक्टर-ट्रॉली ने एएसआई को कुचल दिया। उनकी मौके पर ही मौत हो गई। मामला ब्यौहारी थाना इलाके में शनिवार-रविवार की दरमियानी रात करीब 12 बजे का है। ब्यौहारी थाने में पदस्थ एएसआई महेंद्र बागरी एक आपराधिक मामले में फरार स्थायी वारंटी को पकड़ने बड़ौली गांव गए थे। एएसआई गया प्रसाद कन्नौजे और आरक्षक संजय दुबे उनके साथ थे। इसी दौरान खढौली गांव के पास सामने से ट्रैक्टर-ट्रॉली आती दिखी। बागरी ने उसे रोकने का इशारा किया लेकिन ड्राइवर उन्हें कुचलता हुआ ट्रैक्टर-ट्रॉली को आगे बढ़ा ले गया।

ट्रैक्टर मालिक पर 30 हजार का इनाम
एडीजीपी डीसी सागर ने बताया कि बागरी के साथ गए पुलिसकर्मियों ने अधिकारियों को मामले की जानकारी दी। जमोड़ी गांव के रहने वाले ट्रैक्टर ड्राइवर राज रावत उर्फ विजय और उसके साथी आशुतोष को रात में ही गिरफ्तार कर लिया गया। वहीं, ट्रैक्टर मालिक सुरेंद्र सिंह की तलाश में पुलिस टीमें दबिश दे रही हैं। उस पर 30 हजार रुपए का इनाम घोषित किया है। सुरेंद्र अगस्त में रेत चोरी के आरोप में गिरफ्तार हो चुका है।

भागने की कोशिश में पलटा ट्रैक्टर
एसपी कुमार प्रतीक ने बताया कि ट्रैक्टर चालक राज समधिन नदी से रेत भरकर ला रहा था। एएसआई को कुचलने के बाद वह ट्रैक्टर से कूद गया। इसके बाद ट्रैक्टर बेकाबू होकर पुल से नीचे जा गिरा। ​​​​​​ दूसरा गिरफ्तार आरोपी आशुतोष, सुरेंद्र सिंह का बेटा है। जो अपनी देखरेख में रेत चोरी करा रहा था। उन्होंने कहा कि सुरेंद्र और आशुतोष को जिला बदर किया जाएगा।

ड्राइवर के सामने हाथ जोड़ रही थी पत्नी
पोस्टमार्टम के बाद जब शव को ब्यौहारी अस्पताल से घर ले जाया जा रहा था, उस दौरान बागरी की पत्नी दुर्गावती पति की एक झलक देखने के लिए कह रही थीं। वे कभी एंबुलेंस के कांच को खटखटातीं तो कभी ड्राइवर के सामने हाथ जोड़कर कहतीं कि एक बार दरवाजा खोल दो।
वहीं, महेंद्र बागरी की मां रोती-बिलखती बेटे का नाम पुकार रही थीं। जिस गाड़ी में शव रखा था, मां उसके पास पहुंचकर एक बार बेटे को देखने के लिए मिन्नतें करती रहीं।

एएसआई बागरी की पत्नी दुर्गावती (पीली साड़ी में) ने रोते हुए एंबुलेंस ड्राइवर से बात की।

                               एएसआई बागरी की पत्नी दुर्गावती (पीली साड़ी में) ने रोते हुए एंबुलेंस ड्राइवर से बात की।

जमीन पर रखकर किया पोस्टमॉर्टम

मामले में ब्यौहारी सिविल हॉस्पिटल स्टाफ की बड़ी लापरवाही सामने आई। अस्पताल के पोस्टमॉर्टम हाउस में एएसआई बागरी के शव का पोस्टमॉर्टम दीवार की ओट में जमीन पर रखकर किया गया। परिजन के साथ मौके पर मौजूद अन्य लोग भी इसके गवाह बने।

इस मामले में जब अस्पताल में ही मौजूद ब्यौहारी एसडीएम नरेंद्र सिंह धुर्वे से बात की गई तो उन्होंने कहा, 'मुझे इस बात की जानकारी नहीं है। इस संबंध में बीएमओ से बात की जाएगी। जमीन पर पोस्टमॉर्टम नहीं करना चाहिए था। मैं इसकी जांच करवाता हूं।'

ब्लड का सैंपल लेने दोबारा लाए शव

पोस्टमॉर्टम के बाद परिजन शव लेकर घर जाने लगे। एफएसएल टीम को एएसआई बागरी का ब्लड सैंपल चाहिए था ताकि घटनास्थल पर मिले खून से मिलान किया जा सके। ऐसे में शव को दोबारा पीएम हाउस लाया गया। करीब आधे घंटे बाद ब्लड सैंपल लेकर शव परिजन को दिया गया।

एएसआई की सबसे छोटी बेटी सिवी गाड़ी के पास खड़ी होकर पिता के शव को निहारती रही।

एएसआई की सबसे छोटी बेटी सिवी गाड़ी के पास खड़ी होकर पिता के शव को निहारती रही।

3 मार्च को हुई थी ब्यौहारी में पोस्टिंग

एएसआई महेंद्र बागरी की पोस्टिंग ब्यौहारी थाने में 3 मार्च 2024 को हुई थी। इसके पहले वे पुलिस लाइन शहडोल में पोस्टेड थे। बागरी मूल रूप से सतना जिले के सिंहपुर थाना इलाके के मसनहा गांव के रहने वाले थे। उनकी पत्नी दुर्गावती बागरी शहडोल में पुलिस लाइन स्थित सरकारी आवास में ही रह रही हैं। तीन बेटियां हैं। इनके नाम- आयुषी (13), परी (8) और सिवी (3) हैं।

एएसआई की बेटियां आयुषी और परी लिपटकर रोते हुए पिता को याद कर रही थीं।

एएसआई की बेटियां आयुषी और परी लिपटकर रोते हुए पिता को याद कर रही थीं।

पीसीसी चीफ बोले- यह कैसा प्रदेश बना दिया

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा, 'मध्यप्रदेश में तीन सी का राज है- कर्ज, क्राइम और करप्शन। एएसआई की ट्रैक्टर से रौंदकर हत्या कर दी गई। रोज 17 बलात्कार होते हैं, यह एनसीआरबी के औसतन आंकड़े बताते हैं। यह कैसा प्रदेश बना दिया हमारा? जब मैं आवाज उठाता हूं तो मेरे ऊपर एफआईआर दर्ज कर देते हैं। ये समझते हैं कि हम डर जाएंगे। मुख्यमंत्री जी, ये कांग्रेस का खून है डरता नहीं।

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