..जी हां ये MP की सड़कें हैं : 18 साल से नहीं बना सीधी-सिंगरौली मार्ग; यह है पूरी सच्चाई

 
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केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने जबलपुर-मंडला के बीच बन रहे नेशनल हाईवे के काम को लेकर नाराजगी जताई। उन्होंने इसके लिए माफी भी मांगी। केंद्र और राज्य सरकार अपनी सड़कें बेहतर हाेने का दावा करते हैं। दैनिक भास्कर टीम ने मध्य प्रदेश में नेशनल व स्टेट हाईवे का जायजा लिया। इसमें सरकार के दावों की पोल खुल गई। दोनों ही हाईवे की स्थिति बदतर है। सबसे बुरे हालात सिंगरौली के नेशनल हाईवे 39 के हैं। वहीं, छिंदवाड़ा के नेशनल हाईवे -547 की पिछले 4 साल से मरम्मत ही नहीं हो पाई।

पहले बात सिंगरौली से सीधी नेशनल हाईवे की

सिंगरौली से सीधी को जोड़ने वाला नेशनल हाईवे -39। यह ऐसा हाईवे है, जिस पर ‘नदियां’ बहती रहती हैं। यानी इस रोड पर हमेशा पानी बहता रहता है। इस सड़क पर अनगिनत गड्‌ढे हैं। यही कारण है कि कलेक्टर ने इस सड़क पर आवागमन भी प्रतिबंधित कर दिया है।

दरअसल, इस सड़क का निर्माण कार्य अधूरा है, लेकिन जिन सड़कों का कार्य पूर्ण कर लिया गया है, वह भी अब उखड़ने लगी हैं। बीच सड़क पर कई आधा फीट से गहरे गड्ढे हो गए हैं। निर्माण एजेंसी भी क्वालिटी को दरकिनार कर कराए गए कार्य पर कार्रवाई नहीं कर पा रही। बता दें कि सीधी से सिंगरौली तक फोरलेन सड़क का निर्माण कार्य प्रस्तावित है।

ये है सीधी-सिंगरौली हाईवे के हालात। घुटने तक भरे पानी में से सफर करने को मजबूर वाहन चालक।
ये है सीधी-सिंगरौली हाईवे के हालात। घुटने तक भरे पानी में से सफर करने को मजबूर वाहन चालक।

2014 में ही समय सीमा खत्म

सड़क का निर्माण कार्य की डेडलाइन 2014 थी। ठेका टेक्नो यूनिक कंपनी को मिला। कंपनी ने शुरू से ही लापरवाही बरती। पहले तो निर्माण कार्य कछुआ गति से किया जा रहा है। तय अवधि बीतने के 8 साल बाद भी फोरलेन सड़क का निर्माण कार्य पूर्ण करना तो दूर, टू-लेन सड़क का कार्य भी नहीं पूर्ण हो सका है।

बदहाल सड़क पर यात्रा करना प्रतिबंधित

इस मार्ग पर प्रशासन ने आवागमन प्रतिबंधित कर दिया है। कलेक्टर राजीव रंजन मीणा ने आदेश जारी किया है कि देवसर तहसील स्थित सजहर घाटी क्षेत्र की सड़कें धंस गई हैं। जिससे दुर्घटना या जाम लग सकता है। इसी कारण सीधी से सिंगरौली बैढ़न की ओर बहरी देवसर बरगवां आने वाले भारी वाहनों के संचालन पर पूर्णता रोक लगाई गई है। हाईवे का निर्माण तिरुपति बिल्डिकॉन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी कर रही है।

नेशनल हाईवे-39 पर कई बार वाहन फंस जाते है। पानी भरा होने के कारण इन वाहनों को निकालना मुश्किल हो जाता है।
नेशनल हाईवे-39 पर कई बार वाहन फंस जाते है। पानी भरा होने के कारण इन वाहनों को निकालना मुश्किल हो जाता है।

इंदैर में सड़क पर NHAI और निगम आमने-सामने

इंदौर-इच्छापुर हाईवे के तहत भंवरकुआं से तेजाजी नगर तक के 6.5 किलोमीटर के हिस्से का निर्माण कौन करेगा, इसे लेकर खींचतान मची। नगर निगम और नेशनल हाईवे अथॉरिटी (NHAI) आमने-सामने हो गए, क्योंकि ये हिस्सा शहरी सीमा में ही आता है। NHAI अफसरों का कहना था कि निर्माण नगर निगम को करना चाहिए। हालांकि बाद में तय हुआ कि निर्माण तो नगर निगम ही करेगा, लेकिन इसके एवज में NHAI की तरफ से राशि दी जाएगी। निगम ने काम शुरू कर दिया। हालांकि इस राह में काफी मुश्किलें है। निर्माण के दौरान भी सड़क के गड्‌ढे लोगों के लिए मुश्किलें खड़ी कर रहे हैं। करीब 54 करोड़ रुपए की लागत से सड़क बनाई जा रही है।

जो सड़क चालू उसी पर रखा मलबा

सड़क का निर्माण कार्य तो शुरू हो गया है, लेकिन निर्माण के दौरान एजेंसी इस बात का भी ध्यान नहीं रख रही है कि वाहन चालकों के निकलने के लिए पर्याप्त जगह रखी जाए, जिससे उन्हें असुविधा नहीं हो। इस हिस्से में कई जगह खुदाई के बाद सड़क पर ही मलबा रख दिया गया है। इसके कारण सड़क संकरी हो गई है। वाहन चालक बचते-बचाते गुजरने को मजबूर हैं।

इंदौर में सड़क का निर्माण कार्य तो शुरू हो गया है, लेकिन निर्माण के दौरान एजेंसी इस बात का भी ध्यान नहीं रख रही है कि वाहन चालकों के निकलने के लिए पर्याप्त जगह रखी जाए, जिससे उन्हें असुविधा नहीं हो।

इंदौर में सड़क का निर्माण कार्य तो शुरू हो गया है, लेकिन निर्माण के दौरान एजेंसी इस बात का भी ध्यान नहीं रख रही है कि वाहन चालकों के निकलने के लिए पर्याप्त जगह रखी जाए, जिससे उन्हें असुविधा नहीं हो।

इधर, राऊ विधायक जीतू पटवारी का कहना है कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के आने के बाद जैसे-तैसे सड़क निर्माण शुरू हुआ। अपनी देखरेख में काम करवा रहा हूं। लगातार निर्माण एजेंसी के संपर्क में हूं। सड़क बनने तक थोड़ी बहुत परेशानी तो उठानी पड़ेगी, लेकिन समय सीमा में काम पूरा हो जाए, इस पर विशेष जोर है। तकनीकी स्तर पर जानकारी जुटानी पड़ेगी।

छिंदवाड़ा में नेशनल हाईवे -547 पर धूल के गुबार

छिंदवाड़ा का नेशनल हाईवे -547 नरसिंहपुर, सावनेर, महाराष्ट्र मार्ग को जोड़ता है। यह हाईवे पिछले 4 साल से लगातार जर्जर है। इस सड़क पर कई जगह गड्‌ढे हैं। यहां धूल के गुबार उड़ते रहते हैं। लोग गड्‌ढों से बचते- बचाते रॉन्ग साइड में भी पहुंच जाते है। जैसे-तैसे कुछ महीने पहले NH-547 और NH 347 की मरम्मत के लिए 282 करोड़ रुपए स्वीकृत हुए थे, लेकिन सड़क निर्माण की गति धीमी होने के कारण लोगों को तकलीफ होती है। नेशनल हाईवे से जुड़े दीपक का कहना है कि बारिश की वजह से दोनों हाईवे पर पिछले कुछ महीने से काम बंद है। जल्द ही काम शुरू किया जाएगा।

छिंदवाड़ा नेशनल हाईवे -547 पिछले 4 साल से जर्जर है। इस सड़क पर कई जगह गड्‌ढे हैं। यहां धूल के गुबार उड़ते रहते हैं।
छिंदवाड़ा नेशनल हाईवे -547 पिछले 4 साल से जर्जर है। इस सड़क पर कई जगह गड्‌ढे हैं। यहां धूल के गुबार उड़ते रहते हैं।

भोपाल में 12 किलोमीटर की सड़क पर कई जगह गड्‌ढे

राजधानी में चिकलोद रोड को होशंगाबाद की ओर जाने वाले स्टेट हाईवे पर मैदा मिल से मिसरोद तक 12 किलोमीटर तक जगह-जगह गड्‌ढे हैं। सड़क पूरी तरह से जर्जर है। एमपी नगर से मिसरोद तक सड़क के दोनों ओर धूल का गुबार उड़ रहा है। रोड पर ट्रैफिक 20 से 30 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से रेंग रहा है। सड़क की सबसे ज्यादा हालत एमपी नगर में चौराहा की है। यहां मेट्रो और एलिवेटिड ब्रिज के निर्माण कार्य के चलते जगह-जगह ट्रैफिक डायवर्ट किया गया है। आलम यह है कि 12 किलोमीटर तक के सफर में वाहन चालकों को 45 मिनट लग रहे हैं। ऐसा हाईवे का मेंटेनेस नहीं होने के कारण हो रहा है।

राजधानी में चिकलोद रोड को होशंगाबाद की ओर जाने वाले स्टेट हाईवे पर मैदा मिल से मिसरोद तक 12 किलोमीटर तक जगह-जगह गड्‌ढे हैं। सड़क पूरी तरह से जर्जर है।
राजधानी में चिकलोद रोड को होशंगाबाद की ओर जाने वाले स्टेट हाईवे पर मैदा मिल से मिसरोद तक 12 किलोमीटर तक जगह-जगह गड्‌ढे हैं। सड़क पूरी तरह से जर्जर है।

भिंड-गोपालपुरा स्टेट हाईवे पर गड्ढों को गिट्‌टी-मुरम से पाट दिया

भिंड से गोपाल पुरा स्टेट हाईवे लंबे समय से जर्जर है। ये हाईवे मेहदा गांव के पास उखड़ चुका है। इसकी लंबाई करीब 56 किलोमीटर है। इसका निर्माण 10 साल पहले किया गया था। सड़क उखड़ जाने का मुख्य कारण देखरेख न किया जाना है। बारिश के दौरान इस सड़क पर दो-दो फीट गहरे गड्ढे हो गए थे। इसके बाद जब ये मामला स्थानीय स्तर पर उठाया गया, तब बोल्डर, गिट्टी वह मुरम से गड्ढों को भरा गया। सड़क पर जिन स्थानोंं को गिट्टी-मुरम से गड्ढों बंद किया गया, वहां धूल के गुब्बारे उठते हैं। हालांकि कि इस मार्ग पर टोल प्लाजा भी है। वाहनों से टोल भी वसूला जाता है। बावजूद सड़क की हालत दयनीय है।

भिंड से गोपाल पुरा स्टेट हाईवे लंबे समय से जर्जर है। ये हाईवे मेहदा गांव के पास उखड़ चुका है। इसकी लंबाई करीब 56 किलोमीटर है। इसका निर्माण 10 साल पहले किया गया था।

भिंड से गोपाल पुरा स्टेट हाईवे लंबे समय से जर्जर है। ये हाईवे मेहदा गांव के पास उखड़ चुका है। इसकी लंबाई करीब 56 किलोमीटर है। इसका निर्माण 10 साल पहले किया गया था।

भिंड विधायक संजीव कुशवाह का कहना है कि भिंड से गोपालपुरा स्टेट हाईवे के सुधार को लेकर पहले भी अफसरों से कहा गया था। इस संबंध में जिम्मेदारों को पत्र लिखकर सचेत किया जाएगा। सड़क सुधार जल्द कराया जाएगा।

खंडवा-नर्मदापुरम स्टेट हाईवे पर हर 200 मीटर पर गड्‌ढे

45 किलोमीटर के खंडवा-नर्मदापुरम स्टेट हाईवे पर हर 200 मीटर पर छोटे बड़े गड्ढे हैं। वर्तमान में पूरी सड़क क्षतिग्रस्त है। जगह-जगह सड़क पर गड्ढे होने से वाहन चालकों को परेशानी होती है। इस कारण हादसों की भी आशंका रहती है। सबसे ज्यादा परेशान बाइक चालकों को होती है। नर्मदापुरम से 8 किमी दूर रोहना पर ही पुलिया के जोड़ पर करीब 2 फीट गहरा गड्ढा है।

45 किलोमीटर के खंडवा-नर्मदापुरम स्टेट हाईवे पर हर 200 मीटर पर छोटे बड़े गड्ढे हैं। वर्तमान में पूरी सड़क क्षतिग्रस्त है।

45 किलोमीटर के खंडवा-नर्मदापुरम स्टेट हाईवे पर हर 200 मीटर पर छोटे बड़े गड्ढे हैं। वर्तमान में पूरी सड़क क्षतिग्रस्त है।

इसी तरह बानापुरा में मुख्य मार्ग खुदा पड़ा है। नर्मदापुरम-खंडवा स्टेट हाईवे पर सबसे बेकार स्थिति सिवनी मालवा से टिमरनी और हरदा से छनेरा के बीच की सड़क की है। हालत ये है कि 40 किमी का सफर करीब डेढ़ घंटे में तय होता है। जनप्रतिनिधियों और एमपीआरडीसी की अनदेखी की वजह से वाहन चालकों को परेशानी उठाना पड़ रही है। ऑटो चालक रामविलास ने बताया कि रोहना से होशंगाबाद ऑटो चलाता हूं। रास्ता इतना खराब है कि वाहन क्षतिग्रस्त हो रहे हैं।

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