सीधी: सांसद राजेश मिश्रा के 'उठवा लेंगे' बयान पर विवाद, बोले- मेरी बात का गलत अर्थ निकाला गया; सड़क जल्द बनेगी

सीधी जिले के खड्डी खुर्द गांव में खराब सड़क से परेशान 8 गर्भवती महिलाओं के विरोध प्रदर्शन और बघेली सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर लीला साहू की अगुवाई ने सियासी पारा चढ़ा दिया है। इस मुद्दे पर भाजपा सांसद डॉ. राजेश मिश्रा के एक बयान, "हर डिलीवरी की एक्सपेक्टेड डेट होती है। उसके एक हफ्ते पहले ही उठवा लेंगे," पर कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। इस विवाद के बाद, भास्कर ने भोपाल में मौजूद सांसद डॉ. राजेश मिश्रा से खास बातचीत की।
सांसद का "उठवा लेंगे" बयान पर स्पष्टीकरण
सांसद राजेश मिश्रा ने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा कि उनकी बात का गलत अर्थ निकाला गया। उन्होंने कहा, "मुझे हमारी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, आशा कार्यकर्ता, एएनएम और डॉक्टरों पर पूरा भरोसा है। हमारे यहां एक सिस्टम है, जो प्रसव के दौरान शुरू से अंत तक देखरेख करता है। हमारी जो बहनें हेल्थ सेक्टर में काम करती हैं, उन्हें जब लगता है कि कोई केस अस्पताल में जाने लायक है तो उनको सम्मान सहित वो लोग ले जाते हैं।" उन्होंने आगे कहा कि "हम" का मतलब उनका पूरा सिस्टम है, जो सभी के लिए है। उनका जोर इस बात पर था कि आज गांव-गांव में स्वास्थ्य सुविधाएं इतनी बेहतर हैं कि टीकाकरण से लेकर गोद भराई तक सब कुछ होता है।
खड्डी खुर्द सड़क की स्थिति और सांसद का आश्वासन
खड्डी खुर्द की सड़क को लेकर सांसद मिश्रा ने बताया कि यह प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना-चरण 4 (PMGSY-4) में स्वीकृत हो गई है और इसकी डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) बन रही है। उन्होंने जानकारी दी कि वह जून में सांसद बने और अगस्त में उन्हें इस मामले की जानकारी मिली थी। इसके बाद, उन्होंने अक्टूबर में ही मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इस सड़क को अति महत्वपूर्ण सड़कों की सूची में शामिल करने का अनुरोध किया था। सांसद ने जोर देकर कहा कि DPR सहित सभी प्रक्रियाएं पूरी हो चुकी हैं।
लीला साहू की पिछली और वर्तमान मांग में अंतर
सांसद मिश्रा ने लीला साहू की मांग पर भी स्पष्टीकरण दिया। उन्होंने कहा कि लीला की पिछली बार की मांग खड्डी से सेंदवा रोड की थी, जबकि इस बार की मांग खड्डी से गजरी वाया बगैहा टोला की है। उन्होंने बताया कि पिछली और इस बार की मांग अलग-अलग है। सांसद ने यह भी कहा कि चूंकि सेंदवा एक डूब क्षेत्र है, संभवतः इसी वजह से लीला साहू ने अपनी मांग बदली होगी। उन्होंने स्वीकार किया कि सड़क चलने लायक थी, लेकिन नल-जल योजना के काम के कारण उसे थोड़ा खोद दिया गया, जिससे सड़क ज्यादा खराब हो गई।
सरकार की प्रतिबद्धता और गर्भवती महिलाओं के लिए प्रस्ताव
सांसद ने कहा कि वे सभी का सम्मान करते हैं और चाहते हैं कि सभी को सड़क मिले। उन्होंने कहा, "हमारी सरकार, हमारे मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री और मैं खुद दिन-रात इसी में लगा रहता हूं।"
खराब सड़क को लेकर आंदोलन कर रही गर्भवती महिलाओं पर भाजपा सांसद डॉ. राजेश मिश्रा ने कहा कि अगर लीला साहू की इच्छा है तो वे आकर भर्ती हो जाएं। उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार उन्हें सभी सुविधाएँ प्रदान करेगी, जिसमें भोजन और पानी भी शामिल है। सांसद ने कहा, "मैं समझता हूं, इसे सामने रखकर बात करना... कोई उचित बात नहीं है।" उन्होंने यह भी बताया कि कई सड़कें 10 साल से बन रही हैं और कहीं-कहीं वन विभाग की आपत्तियों के कारण काम रुका हुआ है।
संक्षेप में, सांसद डॉ. राजेश मिश्रा का कहना है कि सड़क का काम स्वीकृत हो चुका है और जल्द ही उस पर कार्रवाई होगी। उन्होंने अपने बयान को गलत समझे जाने की बात कही है और जनता को बेहतर सुविधाएं देने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है।