VIP हादसे से दहला सीधी : सड़क पर बिखरा खून, कार निकल गई आगे, छात्र ICU में – इंसाफ की मांग तेज़

 
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सीधी, मध्यप्रदेश | 2 अप्रैल को सीधी जिले में एक दर्दनाक सड़क हादसा हो गया, जिसमें स्कूटी सवार एक छात्र अनिल द्विवेदी (22 वर्ष) गंभीर रूप से घायल हो गया। परिजनों का आरोप है कि टक्कर मारने के बाद कार मौके से चली गई और घायल युवक काफी देर तक तड़पता रहा। वहीं कार सीधी सांसद राजेश मिश्रा की बहू के नाम रजिस्टर्ड पाई गई है।यह हादसा वाकई बहुत दुखद और चिंताजनक है। एक आम नागरिक के लिए यह जानना जरूरी है कि सड़क पर सुरक्षा केवल नियमों से नहीं, बल्कि जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से भी जुड़ी होती है।

इस मामले में कुछ प्रमुख बातें ध्यान देने योग्य हैं:

घटना की गंभीरता: स्कूटी सवार अनिल द्विवेदी को जो चोटें आईं, वो इस बात का संकेत हैं कि टक्कर बहुत तेज रही होगी। उसे जबलपुर, नागपुर और फिर रीवा ले जाना पड़ा – यह बताता है कि परिवार ने हरसंभव प्रयास किए हैं।
वाहन की जानकारी और मालिकाना हक: कार का पंजीकरण सांसद की बहू के नाम पर है, जो हादसे की संवेदनशीलता को और बढ़ा देता है, क्योंकि इसमें एक प्रभावशाली परिवार का नाम जुड़ा है।
संवेदनशीलता और नैतिक जिम्मेदारी: चाहे कार ड्राइवर चला रहा था या कोई और, हादसे के बाद तड़पते घायल को छोड़कर चले जाना असंवेदनशीलता की मिसाल माना जा रहा है। जनता और विपक्ष का गुस्सा इसी बात को लेकर है।
राजनीतिक प्रतिक्रिया: पूर्व विधायक के बयान और सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया यह दिखा रही है कि मामला अब सिर्फ हादसे तक सीमित नहीं रहा, बल्कि एक नैतिक और सामाजिक बहस का मुद्दा बन गया है।
कानूनी पक्ष: सांसद पुत्र ने पुलिस जांच में सहयोग की बात कही है, लेकिन अब यह देखना होगा कि जांच निष्पक्ष और पारदर्शी ढंग से होती है या नहीं।

"अनिल की जंग: सिस्टम से भी, ज़िंदगी से भी"
2 अप्रैल की दोपहर थी। सीधी जिले का अकोरी गांव का रहने वाला 22 वर्षीय अनिल द्विवेदी, कॉलेज से पढ़ाई करके अपने घर लौट रहा था। उसे क्या पता था कि आज की शाम उसकी जिंदगी की सबसे कठिन लड़ाई की शुरुआत करने वाली है। पडेनिया गांव के पास पीछे से आ रही एक तेज़ रफ्तार कार ने उसकी स्कूटी को टक्कर मार दी। अनिल सड़क पर गिरा, बुरी तरह लहूलुहान हो गया। आसपास के ग्रामीण बताते हैं कि वो काफी देर तक तड़पता रहा। कार मौके से निकल गई। उस कार का नंबर था — MP53 JE 5613।

थोड़ी देर बाद जब लोगों ने नंबर की जांच की तो पता चला कि यह कार सीधी सांसद राजेश मिश्रा के बेटे अनूप मिश्रा की पत्नी के नाम पर रजिस्टर्ड है। यह जानकारी आग की तरह फैल गई।
अनिल को तत्काल जिला अस्पताल ले जाया गया। हालत गंभीर थी, इसलिए जबलपुर फिर नागपुर तक ले जाया गया। पर हालत में कोई सुधार नहीं हुआ। परिवार ने उम्मीद नहीं छोड़ी और उसे वापस रीवा के संजय गांधी अस्पताल लाया, जहां आज भी वो ज़िंदगी और मौत की जंग लड़ रहा है।

“हमारा अनिल तो बस पढ़ाई करके कुछ बनना चाहता था”
अनिल के चाचा नागेन्द्र द्विवेदी की आंखें भर आती हैं। “उसके पापा पहले ही नहीं रहे। मां खेतों में मजदूरी करती है। वो खुद मेहनत करता था, पढ़ता था... आज ICU में है। सांसद की बहू आईं नहीं, एक फोन भी नहीं किया।”
परिवार का आरोप है कि हादसे के बाद कार में बैठी सांसद की बहू बिना रुके घर चली गईं। जबकि सांसद पुत्र अनूप मिश्रा ने सफाई दी कि कार उनकी पत्नी की थी, लेकिन चला ड्राइवर रहा था। उनकी पत्नी के पैर में फ्रैक्चर है और वो पीछे की सीट पर थीं।

“नर्सिंग होम लाए, फिर छोड़ दिया”
अनूप मिश्रा का कहना है कि घायल युवक को उनके ही नर्सिंग होम में लाया गया था। फिर सीटी स्कैन के लिए जिला अस्पताल भेजा गया। लेकिन सवाल उठता है — एक VIP गाड़ी से हादसा हुआ, तो क्या केवल स्कैन करवाना काफी है?

समाज में असंवेदनशीलता का अक्स
पूर्व विधायक केदारनाथ शुक्ला समेत कई लोगों ने सोशल मीडिया पर नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि हादसे के बाद सांसद परिवार की ओर से वह मानवीय संवेदना नहीं दिखी जिसकी उम्मीद थी।

परिजनों का आरोप – घायल तड़पता रहा; सांसद पुत्र बोले – पत्नी नहीं, ड्राइवर चला रहा था

हादसा कैसे हुआ?
अनिल द्विवेदी, जो अकोरी गांव का निवासी है, कॉलेज से लौटते समय पडेनिया गांव के पास एक तेज रफ्तार कार की चपेट में आ गया। कार का नंबर MP53 JE 5613 है, जो सांसद के बेटे अनूप मिश्रा की पत्नी के नाम पर दर्ज है।

परिजनों का आरोप – इंसानियत नहीं दिखाई गई
अनिल के चाचा नागेन्द्र द्विवेदी ने आरोप लगाया कि हादसे के बाद कार में सवार लोग बिना रुके वहां से निकल गए। “घायल अनिल कई मिनट तक सड़क पर पड़ा रहा। मदद की बजाय उसे छोड़कर चले गए,” उन्होंने कहा।

अनिल को पहले जिला अस्पताल, फिर जबलपुर और नागपुर ले जाया गया, लेकिन सुधार नहीं होने पर परिजन उसे रीवा के संजय गांधी अस्पताल वापस ले आए हैं, जहां वह जिंदगी की जंग लड़ रहा है।

सांसद पुत्र की सफाई
अनूप मिश्रा ने मीडिया को बताया कि हादसा उनकी पत्नी की कार से हुआ जरूर, लेकिन वह खुद गाड़ी नहीं चला रही थीं। “पत्नी के पैर में फ्रैक्चर है, वे पीछे की सीट पर थीं। कार ड्राइवर चला रहा था,” उन्होंने कहा।

उन्होंने यह भी दावा किया कि घायल युवक को सबसे पहले उनके ही नर्सिंग होम में लाया गया था और फिर CT स्कैन के लिए जिला अस्पताल भेजा गया। साथ ही पुलिस जांच में पूरा सहयोग देने की बात कही।

पूर्व विधायक का आरोप – असंवेदनशीलता दिखी
पूर्व विधायक केदारनाथ शुक्ला ने इस मामले में सोशल मीडिया पर पोस्ट कर सांसद की बहू पर असंवेदनशीलता का आरोप लगाया। उन्होंने लिखा, “घटना के बाद जो संवेदनशीलता दिखनी चाहिए थी, वो नहीं दिखी।”

जांच का क्या है स्टेटस?
फिलहाल, पुलिस मामले की जांच कर रही है। यह स्पष्ट नहीं है कि हादसे के समय गाड़ी चला रहा ड्राइवर हिरासत में है या नहीं। परिजनों की मांग है कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच हो और दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो।

अब सवाल यह है...
क्या VIP गाड़ियों के टक्कर मारने के बाद न्याय की प्रक्रिया भी VIP हो जाती है?
क्या एक आम युवक की जान की कीमत इतनी कम है?
क्या कार चला रहा ड्राइवर गिरफ्त में आया? उसके खिलाफ क्या कार्रवाई हुई?
और सबसे बड़ा सवाल — अनिल को न्याय कब मिलेगा?

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