कोयला-बिजली के बाद अब सोना! अडानी ग्रुप की इस खोज ने बदल दी सिंगरौली की किस्मत

मध्य प्रदेश का एक ज़िला, जिसे कभी 'काले पानी की सजा' के लिए जाना जाता था, अब अपनी पहचान बदलने जा रहा है। सिंगरौली, जो पहले मुख्य रूप से कोयले और बिजली के उत्पादन के लिए मशहूर था, अब जल्द ही सोने के उत्पादन के लिए भी जाना जाएगा। यह बदलाव इस ज़िले के लिए एक नई सुबह लेकर आया है, और इसे भविष्य में आर्थिक रूप से और भी मज़बूत बनाएगा।
अडानी ग्रुप को मिला ठेका: सिंगरौली के भाग्य में बदलाव
सिंगरौली के चितरंगी इलाके में यह ऐतिहासिक खोज हुई है। यहाँ की जमीन में सोने का एक बड़ा भंडार पाया गया है। इस सोने को निकालने का ठेका अडानी ग्रुप की एक कंपनी, गरिमा नेचुरल प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया है। ज़िला खनिज अधिकारी आकांक्षा पटेल ने इस खबर की पुष्टि की है। यह ठेका कंपनी को 23 हेक्टेयर ज़मीन से सोना निकालने की अनुमति देता है।
सोने का भंडार: कितना सोना निकाला जाएगा?
आधिकारिक जानकारी के अनुसार, अडानी ग्रुप की कंपनी इस क्षेत्र से कुल 18,356 टन सोना निकालेगी। यह मात्रा बहुत बड़ी है और इससे न केवल मध्य प्रदेश की अर्थव्यवस्था को, बल्कि पूरे देश की अर्थव्यवस्था को भी बड़ा बढ़ावा मिलेगा। सिंगरौली, जो अब तक ऊर्जा की नगरी के रूप में जाना जाता था, अब अपनी समृद्धि के लिए भी पहचाना जाएगा।
FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)
Q1: सिंगरौली में सोना कहाँ पाया गया है?
A1: सिंगरौली ज़िले के चितरंगी इलाके में सोने का भंडार मिला है।
Q2: कौन सी कंपनी यहाँ सोना निकालेगी?
A2: अडानी ग्रुप की कंपनी गरिमा नेचुरल प्राइवेट लिमिटेड को इसका ठेका मिला है।
Q3: सिंगरौली को 'काले पानी' की सजा के लिए क्यों जाना जाता था?
A3: सिंगरौली का यह नाम संभवतः वहाँ की कठोर जलवायु और दूर-दराज के कारण पड़ा, जहाँ से वापसी बहुत मुश्किल मानी जाती थी।
Q4: यहाँ से कितना सोना निकाला जाएगा?
A4: कंपनी यहाँ से 18,356 टन सोना निकालेगी।