WORLD CUP 2023 : 5 कारण क्यों रोहित शर्मा को बने रहना चाहिए भारत का वनडे कप्तान, हटाने पर होगा भारी नुकसान

 
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Worldcup: रोहित शर्मा की कप्तानी में भारतीय टीम वर्ल्ड कप 2023 में दमदार प्रदर्शन के बाद भी खिताब नहीं जीत पाई। रोहित को अब वनडे की कप्तानी से हटाने जाने की बात भी होनी लगी है।  2013 में आखिरी आईसीसी ट्रॉफी जीतने वाली टीम इंडिया के 10 सालों का इंतजार और लंबा हो गया। वर्ल्ड कप 2023 में रोहित शर्मा की कप्तानी में लगातार 10 मैच जीतने के बाद टीम खिताबी मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया से हार गई। रोहित शर्मा 36 साल के हो चुके हैं। उनमें कुछ साल का ही क्रिकेट बाकी है और ऐसे में उन्होंने कप्तानी से हटाने की बात होने लगी है। बीसीसीआई भी रोहित के साथ बैठक करने वाली है। हम आपको आज 5 कारण बताने जा रहे हैं कि क्यों अभी रोहित शर्मा को ही भारतीय वनडे टीम का कप्तान बने रहना चाहिए।

दो साल में चैंपियंस ट्रॉफी

पाकिस्तान में सिर्फ दो साल बाद चैंपियंस ट्रॉफी होनी है। अगले एक साल में भारत को सिर्फ 6 ही वनडे खेलने हैं। ऐसे में रोहित को हटाककर किसी को कप्तान भी बनाया जाता है तो उसके वह बड़े टूर्नामेंट से पहले शायद उतना अनुभव हासिल नहीं कर पाए।

हार्दिक के साथ फिटनेस की समस्या

हार्दिक पंड्या वनडे में भारतीय टीम के उपकप्तान हैं। लेकिन हार्दिक के साथ फिटनेस की समस्या है। वर्ल्ड कप के बीच में ही वह चोटिल होकर बाहर हो गए। उनका वर्कलोड मैनेज करना पड़ता है। इसी वजह से उन्हें लंबे समय के लिए कप्तान नहीं बनाया जा सकता है।

कोई युवा तैयार नहीं

भारतीय टीम में अभी कोई ऐसा नियमित खिलाड़ी नहीं दिखता जो कप्तान के लिए तैयार हो। श्रेयस अय्यर के पास जरूर आईपीएल और इंडिया ए की कप्तानी करने का अनुभव है। वह मुंबई की भी कप्तानी कर चुके हैं। ऋषभ पंत की वापसी पर कोई स्थिति साफ नहीं है। इसमें से किसी के पास भारत के लिए वनडे में कप्तानी करन का अनुभव नहीं है।

सबसे बड़ी बात है कि रोहित शर्मा का बल्ला बोल रहा है। कप्तानी पर सबसे ज्यादा सवाल तब उठते हैं जब कप्तान प्रदर्शन नहीं करता। रोहित बल्ले से टेम्पो सेट करते हैं। आने वाले बल्लेबाजों के लिए पावरप्ले में ही प्लेटफॉर्म बना दे रहे हैं। कप्तान बनने के बाद उन्होंने खेलने का तरीका बदला है और इससे टीम को फायदा होता भी दिख रहा है।

वर्ल्ड कप में दमदार कप्तानी

वर्ल्ड कप में रोहित शर्मा की कप्तानी ही हर तरफ तारीख हो रही है। चाहे गेंदबाजी में बदलाव हो या फील्ड प्लेसिंग, हर कोई रोहित की सराहना कर रहा था। कोई भी रोहित की कप्तानी को भारत की हार का जिम्मेदार नहीं मान रहा। उनकी कप्तानी में टीम इंडिया के नंबर-4 की चली आ रही सालों पुरानी समस्या भी खत्म हुई।

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