MP BREAKING : महाकाल भक्तों के लिए खुशखबरी : अब 1500 रुपए देकर कोई भी कर सकेगा गर्भग्रह में दर्शन

 
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उज्जैन में भगवान महाकाल मंदिर में दर्शन की व्यवस्था फिर बदलने वाली है। श्रद्धालु अब 1500 रुपए का टिकट कटाकर गर्भगृह में जाकर दर्शन कर सकेंगे। अभी एक दिन 1500 रुपए के 580 टिकट जारी किए जा रहे है। ये लिमिट खत्म करने का प्रस्ताव रखा गया है। इस पर 2-3 दिन के अंदर निर्णय होने की संभावना है। गर्भगृह में दर्शन की टिकट को लेकर आए दिन हो रहे विवाद की खबर को मीडिया ने प्रमुखता से उठाया था।

इसके अलावा, गर्भगृह में फोटोग्राफी पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया है। इधर महाकाल की भस्म आरती के समय शिवलिंग पर टू-लेयर कपड़ा लपेटा जाएगा। इससे पहले सिंगल लेयर कपड़ा लगाकर भस्म चढ़ाई जाती थी।

दर्शन व्यवस्था को लेकर कलेक्टर ने ली बैठक

शनिवार को कलेक्टर आशीष सिंह ने प्रशासक संदीप सोनी और प्रबंध समिति के सदस्यों के साथ बैठक की। कलेक्टर ने बताया कि 1500 रुपए वाली व्यवस्था में ज्यादा भीड़ होने से पीछे वाले दर्शनार्थियों को दर्शन नहीं हो पाते थे। इसलिए रोजाना टिकट की संख्या 580 तक कर दी थी। इनमें करीब 300 टिकट पंडे अपने यजमान के लिए रखते थे। महज 280 टिकट ही सामान्य लोगों के लिए बचते थे।

1500 रुपए देकर गर्भगृह में जाने वाले श्रद्धालु फोटोग्राफी करने लगते हैं। इससे अधिक समय लगता है। अब ऐसा नहीं होगा। गर्भगृह में फोटोग्राफी को पूर्णतः प्रतिबंधित कर दिया है। बैठक में तय किया गया कि 1500 की टिकट वाले श्रद्धालुओं को दर्शन होते ही बाहर निकाला जाएगा, ताकि पीछे आने वाले श्रद्धालुओं को समय मिल सके। 580 टिकट के कोटे की व्यवस्था को खत्म कर इसे अनलिमिटेड करने पर भी चर्चा की गई। हालांकि अभी इस पर कोई फैसला नहीं लिया गया है।

महाकाल लोक के लोकार्पण के बाद डेढ़ से दो लाख श्रद्धालु रोज आ रहे

  • महाकाल का आंगन साढ़े 800 करोड़ रुपए से ज्यादा की लागत से सज रहा है। यहां बने अद्भुत महाकाल लोक को निहारने प्रतिदिन डेढ़ से दो लाख लोग पहुंच रहे हैं। इतनी भीड़ आने के चलते दर्शन को लेकर रोज हंगामे की स्थिति बन रही है।
  • दरअसल भीड़ को देखते हुए मंदिर प्रशासन ने 1500 रुपए की टिकट कटाकर दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को ही गर्भगृह में जाने की अनुमति दी है। इसका भी कोटा सीमित है। 1500 रुपए के 580 टिकट ही रोज जारी किए जा रहे हैं।
  • श्रद्धालु बड़े गणपति मंदिर के पास बने प्रोटोकॉल कार्यालय से रसीद लेकर मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश करते हैं। 11 अक्टूबर के बाद से भीड़ के बढ़ने की वजह से रोजाना प्रोटोकॉल कार्यालय पर विवाद की स्थिति बन रही है। शुक्रवार को भी 1500 की टिकट के लिए लाइन में लगे श्रद्धालुओं ने जमकर हंगामा किया था।

जानिए, गर्भगृह में दर्शन व्यवस्था

महाकाल मंदिर समिति ने मंगलवार से शुक्रवार तक आम भक्तों के लिए भीड़ कम होने की स्थिति में गर्भगृह से दर्शन व्यवस्था को निःशुल्क रखा है, लेकिन बीते एक माह से भीड़ का दबाव रोजाना बढ़ रहा है, जिसके चलते निशुल्क दर्शन नहीं हो पा रहे हैं। ऐसे में श्रद्धालुओं के गर्भगृह में दर्शन के लिए मंदिर समिति रोजाना 1500 रुपए में दो श्रद्धालुओं के लिए एक टिकट जारी करती है। इसका दिन भर में मात्र 580 टिकट का कोटा तय है।

इसमें भी सुबह 6 से दोपहर 1 तक 150 टिकट शाम शाम 6 से रात 8 बजे तक मात्र 50 भक्तों को गर्भगृह में प्रवेश की व्यवस्था रखी है। बाकी बचे 380 टिकट ये सभी मंदिर में 22 पुरोहित और 16 पुजारी के यजमान के लिए निर्धारित है। ऐसे में रोजाना आने वाले हजारों श्रद्धालु गर्भगृह में दर्शन से वंचित रह जाते हैं।

भस्म आरती के समय टू-लेयर कपड़े से ढंका जाएगा शिवलिंग

  • आर्किलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया और जीएसआई (Archaeological Survey of India and GSI) की टीम ने शुक्रवार को महाकाल मंदिर का निरीक्षण किया। टीम ने मंदिर समिति को भस्म आरती के समय शिवलिंग को टू-लेयर कपड़े से ढंकने का सुझाव दिया। साथ ही, कोटि तीर्थ के जल का ph वैल्यू तय रखने को कहा है। टीम ने महाकाल मंदिर का सर्वे किया। शिवलिंग की गोलाई, ऊंचाई नापने के साथ ही शिवलिंग पर चढ़ाई गई सामग्री और जल का सैंपल भी लिया है। वहीं, मंदिर समिति को शिवलिंग का क्षरण रोकने के लिए सुझाव भी दिए हैं। श्री महाकालेश्वर मंदिर के शिवलिंग क्षरण के मामले में हाईकोर्ट के आदेश पर ASI व GSI की टीम हर साल यहां जांच करने आती है। इससे पहले 29 सितंबर 2021 को दोनों विभाग के दल के सदस्यों ने जांच की थी।
  • शुक्रवार को महाकाल मंदिर पहुंची टीम के सदस्यों ने मंदिर समिति के सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल से चर्चा की। इसके बाद टीम के सदस्यों ने महाकाल मंदिर के गर्भगृह में पहुंचकर शिवलिंग की जांच की। साथ ही, शिवलिंग पर चढ़ने वाले जल और जलाधारी के जल के सैंपल भी लिए। टीम ने शिवलिंग का निरीक्षण कर फोटो भी लिए हैं।

शिवलिंग का गहराई से जांच की

दिर समिति के अध्यक्ष व कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि दल के सदस्यों ने शिवलिंग की उंचाई, गोलाई का नाप लेकर रिकाॅर्ड में दर्ज किया। शिवलिंग के छिद्र में लगी दूध, दही व पूजन सामग्री निकालकर रिकॉर्ड के लिए सैंपल भी लिया।

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