प्रेमानंद महाराज के नाम पर घिनौना अपराध: मथुरा-वृंदावन से देशभर को झकझोरने वाली घटना, आरोपी गिरफ्तार

ऋतुराज द्विवेदी (राज्य ब्यूरो) उत्तर प्रदेश के मथुरा, जो कि एक पवित्र धाम है, वहाँ एक बेहद शर्मनाक घटना सामने आई है। प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज के नाम और उनकी 'एकांत वार्ता' की लोकप्रियता का दुरुपयोग करते हुए, एक युवक ने एक युवती को झांसे में लेकर गंभीर अपराध किया। यह घटना न केवल कानूनी रूप से गंभीर है, बल्कि श्रद्धालुओं के बीच सामाजिक और नैतिक चिंता भी पैदा करती है।
सोशल मीडिया से जालसाजी: आरोपी ने कैसे फंसाया?
आगरा की रहने वाली युवती की इच्छा प्रेमानंद महाराज से एकांत में बातचीत करने की थी। इसी श्रद्धा का फायदा उठाकर आरोपी सुंदरम राजपूत ने इंस्टाग्राम के माध्यम से युवती से संपर्क साधा।
- पहला संपर्क: 10 अगस्त को आरोपी सुंदरम राजपूत ने युवती से इंस्टाग्राम पर संपर्क किया और उससे मिलने का वादा किया।
- टोकन का लालच: 12 सितंबर को, युवक ने युवती को यह झांसा दिया कि उसके पास एक टोकन है, जिससे युवती महाराज से निजी तौर पर मिल सकती है।
घटना का विस्तृत विवरण और ब्लैकमेलिंग: वृंदावन से आगरा तक अपराध
युवती, महाराज से मिलने की आशा में, 12 सितंबर को सुबह 4 बजे वृंदावन पहुँची।
- वृंदावन में झांसा: आरोपी सुंदरम उसे प्रेम मंदिर के पास बाइक से लेने आया। आश्रम ले जाने के बजाय, वह उसे सीधे अपने कार्यालय ले गया और आराम करने को कहा।
- नशीला पदार्थ और अपराध: यहाँ युवक ने युवती को कॉफी पीने को दी, जिसमें नशीला पदार्थ मिला हुआ था। कॉफी पीने के बाद युवती बेहोश हो गई। होश आने पर उसे दुष्कर्म का एहसास हुआ और उसने देखा कि उसके कपड़े अव्यवस्थित थे।
- आपत्तिजनक तस्वीरें और ब्लैकमेलिंग: आरोपी ने इस घटना की आपत्तिजनक तस्वीरें खींच लीं और उनके आधार पर युवती को ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया।
- आगरा में दोबारा अपराध: ब्लैकमेल के कारण युवती को डर था कि उसकी तस्वीरें सार्वजनिक हो जाएँगी। आरोपी ने उसे फिर आगरा के वैभव पैलेस होटल में बुलाया, जहाँ उसने उसी प्रकार का अपराध दोहराया।
पुलिस कार्रवाई और स्थानीय चिंता: प्राथमिकी दर्ज होने में विलंब
इस गंभीर घटना के बाद, युवती ने 26 सितंबर को पुलिस हेल्पलाइन 1076 पर रिपोर्ट दर्ज कराई।
- विलंबित कार्रवाई: आरोप है कि स्थानीय पुलिस ने शुरू में तत्काल कार्रवाई नहीं की, जिससे पीड़िता को और परेशानी हुई।
- FIR और गिरफ्तारी: 9 अक्टूबर को, मामले की गंभीरता को देखते हुए, पुलिस ने आखिरकार एफआईआर (FIR) दर्ज की और तत्परता दिखाते हुए आरोपी सुंदरम राजपूत को गिरफ्तार कर लिया।
- एसपी सिटी का बयान: मथुरा के एसपी सिटी राजीव कुमार ने पुष्टि की कि आरोपी और पीड़िता का संपर्क इंस्टाग्राम के माध्यम से हुआ था। युवती की तहरीर पर एफआईआर दर्ज कर आरोपी को जेल भेजा जा रहा है।
इस घटना ने वृंदावन और मथुरा में भक्तों और स्थानीय लोगों के बीच गहरी चिंता पैदा कर दी है। यह दिखाता है कि किस तरह श्रद्धा के नाम पर भी लोग जालसाजी और अपराध का शिकार बन सकते हैं।
सोशल मीडिया और श्रद्धा का दुरुपयोग: एक सामाजिक विश्लेषण
यह मामला एक सामाजिक चेतावनी है।
- डिजिटल माध्यम का खतरा: सोशल मीडिया (इंस्टाग्राम) अब न केवल लोगों को जोड़ रहा है, बल्कि अपराधियों को अपनी शिकार खोजने का नया माध्यम भी दे रहा है।
- अंधविश्वास और श्रद्धा का दुरुपयोग: लाखों लोगों की अटूट श्रद्धा का प्रतीक माने जाने वाले प्रेमानंद महाराज के नाम का इस्तेमाल करना, अपराधियों की नैतिक गिरावट को दर्शाता है। लोगों को अंधविश्वास से बचने और ऐसे दावों (जैसे एकांत वार्ता टोकन) की आश्रम से सीधे पुष्टि करने की आवश्यकता है।
कानूनी कार्रवाई और न्याय का आश्वासन
पुलिस ने स्पष्ट आश्वासन दिया है कि:
- आरोपी को कड़ी सजा दिलाने के लिए सभी आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
- पीड़ित युवती को न्याय दिलाने में कोई कमी नहीं छोड़ी जाएगी।
- यह मामला दिखाता है कि सोशल मीडिया और व्यक्तिगत श्रद्धा का गलत इस्तेमाल करने वाले अपराधी समाज में सक्रिय हैं, और लोगों को ऐसे झांसों से सावधान रहने की आवश्यकता है।