India last chandra grahan 2022 : साल का अंतिम चंद्र ग्रहण आज; MP में चंद्र ग्रहण 5.25 पर देखा जा सकेगा, शाम 6.19 बजे होगा मोक्ष, इस राशियों को होगा फायदा

 
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भारत में साल का आखिरी चंद्र ग्रहण शुरू हो गया है। यह सबसे पहले 2.39 पर प्रशांत महासागर क्षेत्र में दिखा। मध्यप्रदेश में चंद्र ग्रहण 5.25 पर देखा जा सकेगा। वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक वेद प्रकाश सिंह ने बताया कि पूर्ण चंद्र ग्रहण काफी हद तक दिखाई नहीं देता। प्रदेश में न तो ग्रहण की शुरुआत दिखी और न ही अंत दिखेगा। ग्रहण शाम 6.19 तक है। राज्य में चंद्रोदय के बाद ही ग्रहण दिखाई देगा। भोपाल में चंद्रोदय का समय शाम 5.36, उज्जैन/इंदौर में शाम 5.43, नौगांव/ग्वालियर में शाम 5.25 है।

बता दें, भारत की पूर्व दिशा के शहरों में पूर्ण चंद्र ग्रहण और बाकी शहरों में आंशिक चंद्र ग्रहण है। भारत में ग्रहण की शुरुआत दोपहर 2.38 बजे हुई और शाम को 4.23 से ईटानगर में चंद्रोदय के साथ ही ग्रहण दिखने लगा। ग्रहण 6.19 बजे खत्म हो जाएगा। अगला चंद्र ग्रहण 28 अक्टूबर 2023 में होगा। यह आंशिक रहेगा। पीला चंद्र ग्रहण 21 नवंबर 2021 में हुआ था।

सवा घंटे उपछाया रहेगी
शाम 6.19 बजे के बाद उपछाया चंद्र ग्रहण शुरू होगा, जो शाम 7.26 तक रहेगा। उपछाया ग्रहण की धार्मिक मान्यता नहीं होती है। देश के पूर्वी भाग कोलकाता, कोहिमा, पटना, पुरी, रांची, ईटानगर के आसपास के शहरों में पूर्ण चंद्र ग्रहण और शेष भारत में आंशिक चंद्र ग्रहण दिखेगा। जहां पूर्ण ग्रहण रहेगा, वहां चंद्रमा लाल दिखाई देगा।

चंद्र ग्रहण का सूतक कब से लगेगा?
चंद्र ग्रहण का सूतक ग्रहण शुरू होने से नौ घंटे पहले सुबह 5.38 बजे से शुरू हो गया है।

चंद्र ग्रहण के समय किन लोगों को सावधानी रखनी चाहिए?
जो लोग बीमार हैं, बुजुर्ग हैं, छोटे बच्चे और गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के समय में घर में रहना चाहिए। ये लोग जरूरत के हिसाब से खाना खा सकते हैं, पानी पी सकते हैं। अगर गर्भवती महिला ग्रहण के समय बाहर निकलती है, तो गर्भ में पल रहे शिशु की कुंडली में चंद्र-सूर्य और राहु-केतु से संबंधित दोष आने की आशंका रहती है। इस कारण शास्त्रों में गर्भवती को ग्रहण के समय घर में रहने की सलाह दी गई है।

आज का चंद्र ग्रहण इन राशियों के लिए शुभ
आज कार्तिक पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण भारत के कई हिस्सों समेत आस्ट्रेलिया, उत्तर-दक्षिण अमेरिका और पूर्वी यूरोप में नजर आएगा। चंद्र ग्रहण के चलते इंदौर के मंदिरों के पट भी बंद रहेंगे। पट बंद रहने से भक्त, भगवान के दर्शन नहीं कर सकेंगे। मगर चंद्र ग्रहण को मंदिर के शुद्धिकरण के बाद मंदिर के पट खुलेंगे। जिसके बाद ही भक्तों को दर्शन हो सकेंगे।

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साल 2022 का आखरी चंद्र ग्रहण मंगलवार को रहेगा। इस दिन कार्तिक पूर्णिमा है। यह चंद्र ग्रहण भारत के कई हिस्सों समेत आस्ट्रेलिया, उत्तर-दक्षिण अमेरिका और पूर्वी यूरोप में नजर आएगा। चंद्र ग्रहण के चलते इंदौर के मंदिरों के पट भी बंद रहेंगे। पट बंद रहने से भक्त, भगवान के दर्शन नहीं कर सकेंगे। मगर चंद्र ग्रहण को मंदिर के शुद्धिकरण के बाद मंदिर के पट खुलेंगे। जिसके बाद ही भक्तों को दर्शन हो सकेंगे।

सूतक चंद्र ग्रहण लगने से करीब 9 घंटे पहले शुरू हो जाता है, जो सुबह 6.45 से शुरू हो चुका है। यह शाम 6 बजकर 19 मिनट तक रहेगा। सभी 12 राशियों पर इस चंद्र ग्रहण का बुरा और अच्छा दोनों तरह का असर पड़ेगा। ज्योतिषियों के मुताबिक 4 राशियों पर अच्छा और 8 राशियों पर ग्रहण का बुरा असर पड़ेगा।

चंद्र ग्रहण होने से लूटपाट,चोरी और अग्निकांड की घटनाएं बढ़ेंगी। सर्दी के मौसम में रबी की फ़सलों में बीमारी का प्रकोप बढ़ेगा। राजनेताओं में खींचतान बढ़ेगी। ग्रहण के समय चन्द्र और राहु का सूर्य, बुध, शुक्र, केतु से सम-सप्तक योग बनने से प्राकृतिक प्रकोप से जन-धन की हानि हो सकती है। धातु (मेटल) और रस पदार्थों में तेजी आएगी।

ये है चंद्र ग्रहण का समय
ज्योतिषाचार्य डॉ. पं. मनीष शर्मा ने बताया कि चंद्र ग्रहण का स्पर्श दिन में 2 बजकर 39 मिनट पर होगा, ग्रहण का मध्य शाम 4 बजकर 29 मिनट व ग्रहण का मोक्ष काल चंद्रोदय के बाद शाम 6 बजकर 19 मिनट पर होगा। विभिन्न स्थानों पर चंद्रोदय का समय अलग-अलग होने से सभी स्थानों पर वहां के सूर्यास्त अथवा चंद्रोदय काल के ग्रहण शुरू होगा, लेकिन ग्रहण का समाप्तिकाल एक ही यानी 6 बजकर 19 मिनट ही रहेगा।

इनके लिए रहेगा अशुभ फलदायक
डॉ. पं. शर्मा के मुताबिक यह चंद्र ग्रहण ग्रस्तोदित होने पर ग्रहण लगने से चार प्रहर पूर्व यानी प्रात: काल सूर्योदय से ग्रहण का सूतक शुरू हो जाएगा। इस सूतक के शुरू होते ही आस्तिक लोगों को भोजन, शयन और सांसारिक सुखों का त्याग कर मानसिक देव चिंतन करते रहना चाहिए। पर्वकाल में अपने-अपने इष्ट देवता की आराधना करना चाहिए। यह ग्रहण भरणी नक्षत्र और मेष राशि में होगा। इसलिए जिनका भरणी नक्षत्र और मेष राशि है उनके लिए अशुभ फलदायक रहेगा। भरणी नक्षत्र में होने से सफेद कपड़े, रुई, कपास और सोने में तेजी, मंगलवार होने से राई, मैथी, सुपारी, अलसी और गेहूं में तेजी का वातावरण बनेगा।

मंदिरों के पट रहेंगे बंद, शाम को शुद्धिकरण के बाद खुलेंगे
पं. शर्मा के मुताबिक सूतक काल में मंदिरों के पट बंद हो जाएंगे। चंद्र ग्रहण समाप्त होने के बाद ही मंदिरों के पट खोले जाएंगे। सूतक काल और ग्रहण काल के दौरान भजन कीर्तन करना चाहिए। मान्यताओं के अनुसार ग्रहण के दिन भोजन आदि खाद्य पदार्थों में भी तुलसी की पत्ती डालकर ही उन्हें ग्रहण किया जाता है। ग्रहण में जो भी दान दिया जाता है, दान अमृत तुल्य माना जाता है।

खजराना गणेश मंदिर के पुजारी पं. सतपाल महाराज ने बताया कि मंदिर के पट सुबह से ही बंद रहेंगे और शाम करीब साढ़े 6 बजे पट खोले जाएंगे। रणजीत हनुमान मंदिर के पुजारी पं. दीपेश व्यास ने बताया कि चंद्र ग्रहण के चलते सुबह से ही मंदिर के पट बंद रहेंगे। शाम को चंद्र ग्रहण के समापन के बाद मंदिर में शुद्धिकरण किया जाएगा। इसके मंदिर में मौजूद सभी प्रतिमाओं को स्नान कराया जाएगा नए वस्त्र पहनाए जाएंगे। रणजीत हनुमान जी की आरती की जाएगी।

चंद्रग्रहण का ऐसा संयोग बहुत ही अशुभ, विनाशकारी योग बन रहा

ज्योतिषियों के मुताबिक ये चंद्र ग्रहण मेष राशि में लगेगा और राजस्थान समेत भारत में दिखाई देगा। ज्योतिष शास्त्र के नजरिए से इस चंद्र ग्रहण को बेहद खास माना जा रहा है। ग्रहों के सेनापति मंगल, शनि, सूर्य और राहु आमने-सामने होंगे। ऐसे में भारत वर्ष की कुंडली में तुला राशि पर सूर्य, चंद्रमा, बुध और शुक्र की युति बन रही है। इसके अलावा शनि कुंभ राशि में पंचम और मिथुन राशि में नवम भाव पर मंगल की युति विनाशकारी योग बना रही है।

चंद्र ग्रहण का ऐसा संयोग बहुत ही अशुभ माना जा रहा है। वहीं, शनि और मंगल के आमने-सामने होने की वजह से षडाष्टक योग, नीचराज भंग और प्रीति योग भी बन रहा है। ऐसे में चंद्र ग्रहण के दौरान लोगों को बहुत संभलकर रहने की सलाह दी जा रही है। चंद्र ग्रहण के समय मंगल और बृहस्पति जैसे प्रमुख ग्रह वक्री अवस्था में रहेंगे। ज्योतिष शास्त्र में किसी ग्रह के वक्री होने का मतलब उसकी उल्टी चाल से होता है।

चंद्र ग्रहण में ये कार्य नहीं करें

चंद्र ग्रहण और इसके सूतक काल में कुछ खास गलतियां करने से बचना चाहिए। इसमें भगवान का पूजा-पाठ वर्जित होता है। ग्रहण या सूतक काल में भगवान की मूर्तियों को स्पर्श नहीं करना चाहिए। तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए। ग्रहण काल में भोजन करने या सोने की भी मनाही होती है। चंद्र ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतनी पड़ती है। इसमें काटने, छीलने या सिलाई का काम भी नहीं करना चाहिए। नुकीले या तेजधार वाले औजारों के इस्तेमाल की भी मनाही होती है।

ये दान करने से शुभ फलों की होगी प्राप्ति
डॉ. पं. मनीष शर्मा के मुताबिक ग्रहण के बाद लाल कपड़ा, तांबे के पात्र, मसूर दाल, गेंहू, लाल फल, चावल, सफेद वस्त्र आदि का दान करना बहुत उत्तम माना गया है। वैदिक सभ्यता के अनुसार ग्रहण के बाद इन चीजों का दान करने से कुंडली में मौजूद ग्रहों के सभी दोष दूर होते है और शुभ फलों की प्राप्ति होती है।

4 राशियों पर ग्रहण का शुभ प्रभाव

राशि    ग्रहण का प्रभाव

  • मिथुन  : आपके लिए चंद्र ग्रहण उन्नति वाला और लाभदायक रहेगा। नौकरी में तरक्की। काम-धंधे में प्रोग्रेस हो सकती है। शुभ फल मिलेंगे और करियर-कारोबार में अच्छा फायदा हो सकता है।
  • कर्क    : जो काम करेंगे सफलता मिलेगी। मेहनत का अच्छा फल मिलेगा। घर-परिवार और बाहर सुख और वैभव मिलेगा। आपको मान-सम्मान मिलेगा।
  • वृश्चिक   : कार्य सिद्धि होगी। जो भी काम सोच-समझकर और मित्रों-परिवार की राय से करेंगे उसमें फायदा होगा। जमीन,मकान, वाहन और नई नौकरी मिलने के भी योग हैं। लेकिन धैर्य बनाए रखना होगा।
  • कुंभ   : धन लाभ और सौभाग्य में वृद्धि के योग हैं। किसी से अटका हुआ पैसा मिल सकता है। उधार दिया पैसा आने के योग हैं। भाग्य में बढ़ोतरी होगी।
  • 8 राशियों पर ग्रहण का बुरा असर पड़ेगा

राशि    ग्रहण का प्रभाव

  • मेष-    यह चंद्रग्रहण आपके लिए दुर्घटना और भय का कारण बन सकता है। ग्रहण अशुभ और हानि पहुंचाने वाला रहेगा। इसलिए वाहन चलाते समय, ऊंचाई पर और जोखिम भरे काम करते वक्त सतर्क रहें।
  • वृषभ-    धन हानि हो सकती है। मेहनत ज्यादा करनी पड़ सकती है। फिर भी मेहनत का पूरा फल नहीं मिलेगा। इसलिए चिन्ता या अवसाद में ना जाएं।
  • सिंह-    मानहानि हो सकती है। किसी चीज का डर सता सकता है। संयम रखें। कोई नया काम करने से टालें।
  • कन्या-    शारीरिक कष्ट सहने पड़ सकते हैं। शरीर में पुरानी बीमारी उभरकर सामने आ सकती है। चोट-फीट से बचकर रहें। दुर्घटना या लड़ाई-झगड़ा हो सकता है। सावधानी रखें और संयमित बोलें।
  • तुला-    दाम्पत्य जीवन में कष्ट हो सकता है। परिवार में परेशानियां आ सकती हैं। धन हानि होने से आपके काम बिगड़ सकते हैं। पति-पत्नी एक दूसरे से आदर और सम्मान से व्यवहार करें। आपस में कोई ठेस पहुंचाने वाली बात ना कहें। ईष्ट देव का ध्यान करें।
  • धनु-   चिंता और पीड़ा का योग बन रहा है। आपको सेहत संबंधित कुछ समस्याओं से जूझना पड़ सकता है। बिजनेस, परिवार, बच्चों की चिन्ता हो सकती है। किसी से धमकी मिल सकती है। गुस्सा नहीं करना है। अपने आराध्य का ध्यान करना है। दान-पुण्य का लाभ मिलेगा।
  • मकर  - रोग और भय का योग है। मुकदमे में हार का सामना करना पड़ सकता है। पुलिस थाने और कोर्ट-कचहरी के चक्कर लगाने पड़ें, ऐसे काम कतई ना करें। सबसे अच्छा व्यवहार करें। खान-पान और हाईजीन का विशेष ध्यान रखें।
  • मीन-   आपका खर्चा बढ़ेगा,आर्थिक हानि हो सकती है। किसी अपात्र व्यक्ति को उधार ना दें। वरना बड़ा नुकसान होने की संभावना है। अभी निवेश के लिए समय ठीक नहीं है। भूमि-भवन की खरीद को फिलहाल टालें।

चंद्र ग्रहण कहां-कहां दिखाई देगा

यह चंद्र ग्रहण पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा। भारत में यह राजस्थान, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, गुजरात समेत पूरे दक्षिण भारत में देखा जा सकेगा। कुछ इलाकों में पूर्ण, जबकि कुछ जगहों पर आंशिक चंद्र ग्रहण दिखाई देगा। इसके अलावा यह चंद्र ग्रहण उत्तर-पूर्वी यूरोप, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, उत्तरी अमेरिका, अधिकांश दक्षिण अमेरिका, प्रशांत, अटलांटिक, हिंद महासागर समेत कई जगहों से देखा जा सकेगा।

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