INDORE : मंत्री नहीं बनाए जाने से खफा भाजपाइयों ने जताया आक्रोश : कहा अच्छा सिला दिया सपनों के शहर को

 
INDORE : मंत्री नहीं बनाए जाने से खफा भाजपाइयों ने जताया आक्रोश : कहा अच्छा सिला दिया सपनों के शहर को

इंदौर। मुख्यमंत्री के सपनों का शहर एक बार फिर खाली हाथ रह गया। पांच में से चार विधायक हैं, किसी को मंत्री नहीं बनाया। इसी पीड़ा को लेकर कल पांच नंबरी भाजपाई दीनदयाल भवन जा पहुंचे। कहना था कि अच्छा सिला दिया सपनों के शहर को। किसी को भी मंत्री बना देते तो कार्यकर्ता को लगता कि उनकी सुनवाई करने वाला शहर में कोई है?


शिवराज सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार कल हो गया। चौथी बार में भी इंदौर शहर से किसी को मौका नहीं दिया गया, जबकि विधायक रमेश मेंदोला और महेंद्र हार्डिया बड़े दावेदारों में से एक थे। शहर के कार्यकर्ताओं को बड़ी उम्मीद थी कि इस बार उन्हें प्रतिनिधित्व मिल जाएगा, पर ये हो ना सका। ग्रामीण क्षेत्र से तुलसीराम सिलावट पहले से मंत्री थे, तो कल उषा ठाकुर को बना दिया गया।


महू विधानसभा वैसे भी धार लोकसभा में आती है। मेंदोला व हार्डिया को मंत्री नहीं बनाए जाने पर सोशल मीडिया पर कल दिनभर बवाल रहा तो भाजपाई दीनदयाल भवन भी पहुंचे। पूर्व आईडीए संचालक राजेश उदावत के नेतृत्व में पांच नंबरी कार्यकर्ता संभागीय संगठन मंत्री जयपालसिंह चावड़ा से मिले। उनके साथ प्रणव मंडल, दिनेश सोनगिरा, नंदकिशोर पहाडिय़ा और कमल यादव प्रमुख रूप से मौजूद थे। चर्चा के दौरान कहना था कि नगर की विधानसभाओं के साथ लगातार ये अन्याय क्यों हो रहा है? कार्यकर्ताओं को किस बात की सजा दी जा रही है।


पांच में से चार सीट हमने पार्टी को जीतकर दी। हम नहीं बोलते कि बाबा को बनाएं। किसी को भी बना देते तो कम से कम हम हाथ पकड़कर उनसे काम करा सकते थे। अब हमारी समस्या सुनेगा कौन? तुलसी भैया पूरे कार्यकर्ताओं को पहचानते नहीं हैं। जैसे दीदी को बनाया, वैसे एक और को बना देते। इंदौर एक बार फिर खाली हाथ रह गया है। काफी देर तक पीड़ा सुनने के बाद चावड़ा का कहना था कि मैं भी चाहता था कि इंदौर से एक मंत्री बने।

मेंदोला हुए नाराज
मेंदोला को मंत्री नहीं बनाए जाने पर समर्थकों ने सोशल मीडिया पर दोपहर से नाराजगी जाहिर करना शुरू कर दी। इस बीच शाम को सुमित हार्डिया नामक युवा मोर्चा कार्यकर्ताओं ने आत्मदाह की घोषणा कर दी। खबर लगते ही मेंदोला भड़के। उन्होंने भाजपा अजा मोर्चा अध्यक्ष राजेश शिरोडकर को हार्डिया को रोकने के लिए भेजा। शिरोडकर मौके पर पहुंचकर हार्डिया को गाड़ी में बैठाकर ले गए।


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