IOL के सर्वे में दावा : दुनिया के 50 फीसदी युवा Lockdown के कारण डिप्रेशन और चिंता का हुए शिकार

 
IOL के सर्वे में दावा : दुनिया के 50 फीसदी युवा Lockdown के कारण डिप्रेशन और चिंता का हुए शिकार
भारत के पहले कोरोना संक्रमण की तबाही दुनिया के कई देशों में शुरू हो चुकी थी, जिसके कारण दुनिया के कई देशों में जनवरी 2020 से लॉकडाउन  चल रहा है. वहीं भारत में 24 मार्च की आधी रात से लॉकडाउन जारी है. कोविड -19 के दौरान हुए लॉकडाउन से दुनिया आठ महीने से जूझ रही है. ऐसे में दुनियाभर में कई करोड़ लोगों की जॉब जा चुकी है. घर के अंदर कैद होकर करोड़ों लोग तनाव और चिंता का शिकार हो गये हैं. वर्क फ्राम होम  के दौरान लोगों को ड्यूटी टाइम से बहुत ज्यादा समय तक काम करना पड़ रहा है. लॉकडाउन में घर में बेरोजगार बैठने से लोग कई तरह की गंभीर बीमारियों का शिकार हो गए हैं. गूगल में लोग तनाव और चिंता से उबरने के लिए सबसे ज्यादा उपायों और दवाओं को सर्च कर रहे हैं. बुजुर्ग अकेलेपन की समस्या से जूझ रहे हैं. इसलिए अकेलापन दूर करने के लिए लोग गूगल का सहारा ले रहे हैं.
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन द्वारा किए गए एक हालिया वैश्विक स्वास्थ्य सर्वेक्षण में चौकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं. पता चला है कि COVID19 के दौरान दुनिया के 17ऽ से अधिक लोग डिप्रेशन और चिंता के शिकार हैं. हर दो में से एक युवा डिप्रेशन और तनाव का शिकार हैं.
क्या कहती है स्टडी
यह स्टडी ' युथ एंड कोविड-19: इंपैक्ट ऑफ जॉब्स, एजुकेशन, राइट एंड मेंटल वेल बीइंग' शीर्षक के नाम से प्रकाशित हुई है. इस स्टडी में 112 देशों से 12,000 से अधिक लोगों की प्रतिक्रयाएं ली गईं. इसमें शिक्षित युवाओं और इंटरनेट एक्सेस करने वाले लोगों को शामिल किया गया था. इस स्टडी में 18-29 वर्ष की आयु वर्ग के लोगों को शामिल किया गया था. इन लोगों से रोजगार, शिक्षा, मानसिक स्वास्थ्य और सामाजिक कल्याण जैसे विषयों को शामिल किया गया. इन विषयों के बारे में लोगों ने अपनी समस्याओं और राय को साझा किया है.
युवा छात्र सबसे ज्यादा हो रहे प्रभावित
एक ओर लॉकडाउन ने लोगों को अपनी प्रतिभा को निखारने और कुछ नया सीखने के लिए समय दिया है, लेकिन इसने लोगों को बहुत सारी चीजों से दूर कर दिया है. रिपोर्ट के निष्कर्ष में कहा गया है कि ऑनलाइन स्टडी में रेग्युलर क्लास की अपेक्षा 65 फीसदी कम सीखा है. 50ऽ युवा छात्रों ने कहा कि उन्हें अपनी शिक्षा में देरी की आशंका है. जिसके कारण वो तनाव और चिंता से जूझ रहे हैं.  9ऽ ने कहा कि उन्हें अपनी परीक्षा में 'फेल होने' की आशंका है. ऐसे ही युवाओं ने नौकरी जाने के कारण परेशानी और नौकरी जाने का डर बताया.


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