MP : किसानों को सता रही बैंकों का कर्ज चुकाने की चिंता, गेहूं खरीदी का भुगतान नहीं

 
MP : किसानों को सता रही बैंकों का कर्ज चुकाने की चिंता, गेहूं खरीदी का भुगतान नहीं

इंदौर .  कोरोना महामारी व लाकडाउन के कारण प्रदेशभर में मंडिया बंद हैं और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर भी गेहूं खरीदी का कार्य धीमी गति से चल रहा है। जिन किसानों ने समर्थन मूल्य पर अपना गेहूं सहकारी समितियों को बेचा है, उनका भुगतान भी अब तक नहीं हो पाया है। गेहूं बेचने के 20 दिन बाद भी किसानों के बैंक खाते में भुगतान नहीं पहुंचा है। ऐसे में किसानों को अल्पकालीन खरीफ सीजन-2020 में लिया गया ऋण भरने की चिंता सता रही है। प्राथमिक कृषि साख समितियों द्वारा किसानों को जो 0 प्रतिशत ब्याज पर ऋण दिया जाता है। ऋण भरने की तारीख शासन द्वारा 30 अप्रैल निर्धारित की गई है लेकिन किसानों के पास अब तक उपज का पैसा नहीं पहुंचा है। हालात देखते हुए किसानों ने कर्ज भरने की समयावधि बढ़ाकर जून माह किए जाने की मांग की है .

किसानों का कहना है कि पिछले साल भी लाकडाउन के कारण किसान की कमर टूट चुकी थी। कोरोना महामारी के बीच हरी सब्जियां, फल और फूल खेतों में ही खराब हो जाने से काफी नुकसान झेलना पड़ा था। इसके बाद सोयाबीन के साथ खरीफ सीजन की फसलें भी कीट प्रकोप के चलते पूरी तरह से नष्ट हो गई थी।

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किसान नेता बबलू जाधव का कहना है कि अल्पकालीन फसल ऋण की तारीख 30 अप्रैल से बढ़ाकर 30 जून की जानी चाहिए। इससे किसान को कुछ महीनों की राहत मिल सकेगी। इस समय महामारी का प्रकोप चल रहा है। प्रकोप के चलते प्रदेश भर में लाक डाउन से फसली मंडियां बंद पड़ी हैं और किसान अपनी फसल नहीं बेच पा रहे हैं। एक साल पहले भी किसानों को लाकडाउन के कारण काफी नुकसान उठाना पड़ा था और शासन द्वारा कोई राहत राशि मदद के तौर पर नहीं दी गई।

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