MP : यास तूफान को लेकर अलर्ट / रीवा, सतना, शहडोल सहित 13 जिलों में बारिश की चेतावनी : 185 KM की रफ़्तार से हवाएं चलने का अनुमान

 

MP : यास तूफान को लेकर अलर्ट / रीवा, सतना, शहडोल सहित 13 जिलों में बारिश की चेतावनी : 185 KM की रफ़्तार से हवाएं चलने का अनुमान

ताऊ ते तूफान की तबाही के बाद अब यास तूफान को लेकर प्रदेश सरकार द्वारा अलर्ट जारी किया गया है। उज्जैन में तेज बारिश हुई है। हवाएं भी चलीं। यास तूफान का असर विंध्य और महाकौशल के करीब 13 लोगों को नुकसान पहुंचा सकता है। ऐसे में खरीदी केंद्रों में उपार्जन कार्य स्थगित करते हुए गोदामों में गेहूं को सुरक्षित रखाने के निर्देश खाद्य और नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण संचालनालय ने जारी किया है।

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संचालनालय का स्पष्ट आदेश है​ कि मौसम विभाग द्वारा अलर्ट जारी किया गया है। क्योंकि प्रदेश के पश्चिमी, केन्द्रीय पश्चिमी तथा दक्षिणी क्षेत्र में भारी बारिश की चेतावनी है। जिस कारण 26 मई की शाम से 29 मई तक आंधी तूफान के साथ बारिश होने की संभावना बनी रहेगी। इस दौरान किसी भी उपार्जन केन्द्र में 27 और 28 मई को खरीदी नहीं की जाएगी। बल्कि खरीदा गेहूं तत्काल प्रभाव से सुरक्षित जगह रखवाया जाए।

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ये जिले होंगे प्रभावित

मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि सबसे ज्यादा रीवा, सतना, सीधी, सिंगरौली, शहडोल, उमरिया, अनूपपुर, जबलपुर, डिण्डौरी, मण्डला, नरसिंहपुर, सिवनी, कटनी, बालाघाट और छिंदवाड़ा सहित प्रदेश के दूसरे जिलों बारिश के संभावना व्यक्त की जा रही है। ऐसे में सबसे ज्यादा खतरा इन 13​ जिलों को है। इसलिए मौसम विभाग बंगाल की खाड़ी में केन्द्रीत चक्रवाती तूफान यास के संबंध में चेतावनी दी है। इसके कारण प्रदेश के पश्चिमी क्षेत्र में विशेषकर रीवा, शहडोल एवं जबलपुर संभाग के जिलों तेज आंधी तूफान के साथ भीषण वर्षा की संभावना जताई जा रही है।

वर्षा की चेतावनी

1. वर्षा की चेतावनी को लेकर रीवा, शहडोल एवं जबलपुर संभाग के जिलों में 27 मई और 28 मई को गेहूं उपार्जन का कार्य स्थगित रहेगा।

2. 27 मई और 28 मई को गेहूं उपार्जन कार्य स्थगित रखने के संबंध में SMS द्वारा सूचित किया जा चुका है। इन कृषकों से 30 और 31 मई को गेहूं का उपार्जन किया जाएगा।

3. गेहूं उपार्जन का कार्य स्थगित किए जाने एवं आगामी तिथियों में उपार्जन करने के संबंध में स्थानीय स्तर पर व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए।

4. उपार्जन केन्द्र पर गेहूं के शेष स्कंध का परिवहन शीघ्र कर गोदामों में सुरक्षित भंडारण कर लिया जाए।

5. उपार्जन केन्द्र पर उपलब्ध स्कंध को पक्के प्लेटफार्म पर स्टेकिंग लगाई जाकर तिरपाल आदि से ढक एवं बांधकर रखा जाए।

6. उपार्जन केन्द्र के पास कवर्ड भण्डारण स्थल उपलब्ध होने पर उसमें अस्थाई रूप से स्कंध का भण्डारण कराया जाए। 

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