भारत की वैक्सीन को असरदार नहीं मानता अमरीका, फिर से लगवाने होंगे दूसरे टीके : WHO का कहना है कि ....

 

भारत की वैक्सीन को असरदार नहीं मानता अमरीका, फिर से लगवाने होंगे दूसरे टीके : WHO  का कहना है कि ....

नई दिल्ली। अमरीका ने अपने यहां कोवैक्सीन या स्पूतनिक के टीके लगवाने वाले लोगों को फिर से दूसरे किसी टीके की डोज लेने को कहा है। अमरीका में भारत में बायोटेक की कोवैक्सीन और रूस की स्पूतनिक-वी का टीका लगवाने वाले छात्रों को फिर से टीकाकरण कराने का निर्देश दिया गया है। कोवैक्सीन भारतीय और स्पूतनिक-वी रूस की वैक्सीन है। हालांकि, डब्ल्यूएचओ यानी विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अभी इन दोनों टीके के इस्तेमाल की अनुमति नहीं दी है।

ट्विटर को अल्टीमेटम : नए नियम लागू नहीं करने से सरकार नाराज, कहा- आखिरी मौका दे रहे, कार्रवाई के लिए आप खुद जिम्मेदार होंगे

अमरीकी अखबार न्यूयार्क टाइम्स में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, अमरीका में मार्च से लेकर अब तक करीब चार सौ कॉलेज और यूनिवर्सिटी यह ऐलान कर चुके हैं कि शीत सत्र शामिल होने के लिए छात्रों को कोविड का टीकाकरण कराना अनिवार्य है। यह टीकाकरण डब्ल्यूएचओ से मंजूरी मिले वैक्सीन से ही होना चाहिए।

तीसरी लहर के संकेत को लेकर प्रशासन अलर्ट : 10 बच्चों में मिले नए सिंड्रोम के लक्षण, ये भी कोरोना जैसा घातक

अब यह आदेश अमरीकी संस्थानों में प्रवेश लेने वाले उन भारतीय और रूसी छात्रों के लिए परेशानी की वजह बन गया है, जिन्होंने कोवैक्सीन या स्पूतनिक-वी टीके की डोज लगवाई है। ऐसे में छात्र दो अलग-अलग वैक्सीन लगवाने और उसके संभावित दुष्प्रभाव को लेकर गहरी चिंता में हैं।

EPFO : 6 करोड़ से ज्यादा कर्मचारियों के लिए खुशखबरी : जुलाई के अंत तक 8.5 फीसदी ब्याज देने की घोषणा, श्रम मंत्रालय से मिली मंजूरी

इससे पहले, भारत बायोटेक ने कहा था कि उसे कोरोना महामारी के अपने टीके कोवैक्सीन के लिए डब्ल्यूएचओ से जुलाई से सितंबर तक इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिलने की उम्मीद है। कंपनी ने कहा है कि कोवैैक्सीन के लिए 60 से अधिक देशों में नियामकीय मंजूरी इस साल जुलाई से सितंबर के बीच मिल सकती है। कंपनी की ओर से यह भी बताया गया कि इसे 13 देशों में ईयूए हासिल हो चुका है। कई और देशों में यह प्रक्रिया पूरी होने वाली है। ज्यादातर देशों ने कोवैक्सीन की अनुशंसा भी की है।

फिर आ सकता है बड़ा खतरा, पहली बार इंसान में मिला H10N3 वायरस का स्ट्रैन

वहीं, डब्ल्यूएचओ का कहना है कि वह कोवैक्सीन टीके के इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए कुछ और जानकारियां हासिल करना चाहता है। यदि मूल्यांकन के लिए जमा किया गया कोई दस्तावेज सूची में शामिल करने के योग्य होगा, तो इसकी सूचना दी जाएगी।

सर्वे में हुआ बड़ा खुलासा : अब नाले के पानी में कोरोना वायरस की पुष्टि , पानी में इस पर क्या प्रभाव होगा इसका अलग से अध्ययन किया जाएगा

Related Topics

Latest News