REWA : बाढ़ की तैयारियां शुरू / रीवा शहर समेत त्योंथर क्षेत्र के 129 गांवों में बाढ़ का खतरा : बाढ़ से बचाने के लिए दो चरणों की ट्रेनिंग जारी

 

REWA : बाढ़ की तैयारियां शुरू / रीवा शहर समेत त्योंथर क्षेत्र के 129 गांवों में बाढ़ का खतरा : बाढ़ से बचाने के लिए दो चरणों की ट्रेनिंग जारी

रीवा। मानसून की दस्तक के साथ विंध्य क्षेत्र के रीवा जिले में बाढ़ की तैयारियां शुरू हो गई है। यहां रीवा शहर के साथ त्योंथर क्षेत्र के 129 गांवों में बाढ़ का खतरा हर साल बना रहता है। ऐसे में होमगार्ड के 280 व एसडीआरएफ के 8 जवानों के भरोसे 28 लाख की आबादी की सुरक्षा की जाएगी।

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बीते दिनों की बैठक में संभाग के आला अधिकारियों ने तय किया है कि गांव गांव में बाढ़ से बचाव के लिए व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर विभिन्न विभागों के संबंधित अधिकारियों को जोड़ें।

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इस ग्रुप में गांव के कुछ व्यक्तियों व पटवारी, ग्राम पंचायत सचिव, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता जैसे मैदानी कर्मचारियों को भी शामिल करें। ऐसे में समय पर सही सूचना मिलने से राहत और बचाव कार्य में असानी होगी। साथ ही जिला एवं तहसील स्तर पर 16 जून से कंट्रोल रूम शुरू कर दिया गया है।

बाढ़ से बचाने का​ दिया जा रहा प्रशिक्षण

डिस्ट्रिक कमांडेंट होमगार्ड मधु राजेश तिवारी ने बताया कि विंध्य क्षेत्र के रीवा, सतना, सीधी और सिंगरौली जिले को बाढ़ से बचाने के लिए दो चरणों की ट्रेनिंग चल रही है। पहले चरण की ट्रेनिंग 15 मई से 30 मई तक हो चुकी है। जब​कि दूसरे चरण की ट्रेनिंग 1 जून से 15 जून तक चलेगी।

16 जून से कैंपों में रहेंगे होमगार्ड के जवान

डिस्ट्रिक कमांडेंट ने बताया कि 16 जून से कैंपों में होमगार्ड के जवान रहेंगे। बाढ़ से लोगों को बचाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा ​निर्धारित थानों में कैंप करना होगा। जहां पर दो स्टीमर के साथ लाइफ जैकेट, रिंग, रस्सा, बोट, नाव, टार्च आदि उपकरण रहेंगे। साथ ही थाना प्रभारियों द्वारा वाहन और रहने खाने की व्यवस्था कराई जाएगी।

त्योंथर क्षेत्र में पांच तो सेमरिया में एक रहेगा कैंप आ​फिस

बता दें कि होमगार्ड व एसडीआरईएफ का कैंप आफिस त्योंथर क्षेत्र में पांच तो सेमरिया क्षेत्र में एक सेंटर बनाया गया है। त्योंथर ब्लॉक में जहां जवा, त्योंथर, सोनौरी, सोहागी और लौर में बाढ़ आपदा कंट्रोल रूप तो सिरमौर ब्लॉक के सेमरिया में एक कैंप रहेगा।

एक कैंप में तैनात रहेंगे 9 जवान

बताया गया कि रीवा जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में 6 बीआरसी केन्द्र बनाए गए है। एक बीआरसी बाढ़ कैंप में 8 जवान व एक प्रभारी रहेगा। इनको अपने एरिया में थाने के द्वारा सूचना दी जाएगी। साथ ही 24 घंटे अलर्ट रहना होगा। वहीं शहरी स्तर पर क्यूआरटी केन्द्र बनाए गए है। जहां पर 12 जवान और एक प्लाटून कमांडर होगा। जिनको 12-12 घंटे की डयूटी करनी होगी।

तराई क्षेत्र में सबसे ज्यादा बाढ़ का खतरा

बैठक में मुख्य अभियंता गंगा कछार सीएम त्रिपाठी ने बताया कि जल संसाधन विभाग के अधिकारी उत्तरप्रदेश के अधिकारियों के साथ सतत सम्पर्क में रहेंगे। जब भारी वर्षा होती है तो इसमें दोनों राज्यों के क्षेत्र शामिल होते हैं। इसे ध्यान में रखकर यदि बांधों को कुछ खाली रखेंगे तो भारी वर्षा से उत्पन्न स्थिति पर हम नियंत्रण कर सकते हैं। त्योंथर क्षेत्र में उत्तरप्रदेश की ओर से 80 क्यूसेक से अधिक पानी आने पर बाढ़ रोकना संभव नहीं होगा। वीडियो कान्फ्रेंसिंग में शामिल उत्तरप्रदेश के अधिकारियों ने बैठक में लिये गये निर्णयों में सहमति व्यक्त की। बीते दिन कलेक्ट्रेट के एनआईसी केन्द्र से पुलिस महानिरीक्षक उमेश जोगा, डीआईजी अनिल सिंह कुशवाह, कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी, पुलिस अधीक्षक राकेश कुमार सिंह, अपर कलेक्टर इला तिवारी सहित अन्य अधिकारियों ने भाग लिया।

एक नजर में तैयारी

- एसडीआरईएफ के 8 जवान

- होमगार्ड के 280 जवान

- स्टीमर (रबर बोट) 3

- एचडीपीट 1

- लाइफ जैकेट 80

- रिंग 75

- रस्सा 5 बंडल

- नाव 3

- बीआरसी केन्द्र में 8 जवान व एक प्रभारी

- क्यूआरटी केन्द्र में 12 जवान व एक प्लाटून कमांडर, 12 घंटे में शिफ्ट बदल जाएगी।

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