MP : बाजार-दफ्तर खुले, लेकिन स्कूल-कोचिंग- क्लासेज अब भी बंद; नहीं निकल पा रहे कोचिंग के बिजली बिल, स्टाफ का वेतन

 

MP : बाजार-दफ्तर खुले, लेकिन स्कूल-कोचिंग- क्लासेज अब भी बंद; नहीं निकल पा रहे कोचिंग के बिजली बिल, स्टाफ का वेतन

राजधानी के अनलॉक होने पर बाजार खोलने की अनुमति तो दे दी गई है, लेकिन कोचिंग-क्लासेज अब भी बंद हैं। यहां केवल ऑनलाइन ही पढ़ाई की जा सकती है। अब कोचिंग संचालकों ने 50 फीसदी क्षमता के साथ ही कोचिंग संचालन की मांग की हैं। शहर में कोचिंग संचालकों की हर महीने 20-25 करोड़ रुपए की आय होती है। सालाना कोचिंग संचालकों की आय करीब 250 करोड़ रुपए है।

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कोचिंग संचालकों का कहना है कि पिछले साल भी कोचिंग लंबे समय तक बंद रही थी। इसके बाद 50 प्रतिशत क्षमता पर संचालन की अनुमति मिली थी, लेकिन फिलहाल उसे भी बंद कर दिया गया है। कोचिंग संचालकों ने बताया कि अधिकांश कोचिंग एमपी नगर और आसपास के क्षेत्रों में ही संचालित होती हैं। इनमें से ज्यादातर किराए के भवन में लगती हैं।

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यहां का किराया ही औसतन 30 हजार से एक लाख रुपए तक है। कई कोचिंग संचालक दो लाख रुपए से ज्यादा का किराया भी देते हैं। हालांकि इनमें ज्यादातर मेडिकल और आईआईटी से संबंधित कोचिंग संचालित होती हैं। संचालकों का कहना है कि लगातार कोचिंग बंद होने से बिजली बिल, स्टाफ का वेतन और अन्य खर्चे भी नहीं निकल पा रहे हैं।

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