पढ़ लीजिए काम की खबर : क्या हिजाब और दुपट्टे से फेस कवर करना सही होगा ? जानिए सब कुछ..

 

पढ़ लीजिए काम की खबर : क्या हिजाब और दुपट्टे से फेस कवर करना सही होगा ? जानिए सब कुछ..

हिजाब को लेकर सोशल मीडिया पर कई तरह की बातें की जा रही हैं। कुछ लोग इसका सपोर्ट कर रहे हैं, तो कुछ विरोध। हिजाब पर बवाल 1 जनवरी से शुरू हुआ था। उडुपी में 6 मुस्लिम छात्राओं को क्लास रूम में बैठने नहीं दिया गया। वजह थी- नई यूनिफॉर्म पॉलिसी।

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इन लड़कियों ने कर्नाटक हाईकोर्ट में याचिका दायर की। तर्क दिया कि हिजाब पहनने से रोकना संविधान के अनुच्छेद 14 और 25 के तहत मौलिक अधिकार का हनन है। इसके बाद देशभर में हिजाब पर हंगामा मच गया।

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हालांकि, हिजाब की तरह ही आजकल लड़कियां कई तरह के प्रोटेक्शन के लिए अपने आप को पूरी तरह से ढक कर चलती हैं। आपने उन्हें स्कूटर, बाइक पर सवार या बसों में ट्रैवल के दौरान देखा होगा। लड़कियां ही नहीं लड़के भी गर्मी के दिनों में अपने फेस को कवर करते हैं।

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अब तो कोरोना के कारण फेस कवर करना आम बात हो गई है। हिजाब की तरह दुपट्टे या स्कार्फ से फेस कवर करने का ट्रेंड कई सालों से देखा जा रहा है। भले ही धार्मिक वजह से हिजाब की बात गर्मा रही है, लेकिन इसे पहनने के कई फायदे हैं। इसे धर्म के बजाय जरूरत के नजरिए से भी देखा जा सकता है।

       समझिए, जरूरत के लिहाज से हिजाब की तरह फेस कवर करना क्यों जरूरी है।

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हिजाब और दुपट्टे/स्कार्फ में क्या अंतर है?

हिजाब- इस्लाम धर्म में लड़कियां हिजाब पहनती हैं। इसे ज्यादातर यंग लड़कियां पहनती हैं। हिजाब की खास बात ये है कि इसे जींस-टॉप के साथ भी पहना जा सकता है। स्कार्फ की तरह इसे भी पूरे सिर पर लपेटा जाता है। हिजाब में गला भी कवर रहता है। चेहरा, आंख और माथा दिखाई देता है।

दुपट्टा या स्कॉर्फ- भारत में हिंदू, मुस्लिम और सिख कम्यूनिटी की औरतें सिर ढकने के लिए सलवार-सूट के साथ दुपट्टे का इस्तेमाल करती हैं। मंदिर और गुरुद्वारे जाते वक्त दुपट्टे से ही सिर ढका जाता है।

लड़के भी स्कॉर्फ तरह चेहरा ढकने के लिए गमछे का इस्तेमाल करते हैं। आज भी गांव या शहर की कई हिंदू महिला सिर ढककर ही घर का काम करती हैं। हालांकि, हिजाब और दुपट्टे का एक ही उद्देश्य है सिर ढकना। इनके धार्मिक मायने अलग हैं, लेकिन उद्देश्य एक ही है।

मौसम के हिसाब से कौन-से रंग के कपड़े से फेस कवर करना चाहिए?

फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टिट्यूट गुरुग्राम के डर्मेटोलॉजिस्ट डॉक्टर सचिन धवन के अनुसार, ठंड के मौसम में डार्क ब्लू या डार्क ब्लैक कलर के कपड़े से फेस कवर करना चाहिए। आमतौर पर डार्क कलर सबसे ज्यादा स्किन प्रोटेक्शन का काम करता है। गर्मी के दिनों में यही डार्क कलर लू को अट्रैक्ट करता है। इसलिए इन दिनों में मीडियम डार्क कलर जैसे- ग्रीनिश या मीडियम ब्लू कलर के कपड़े से फेस कवर करना अच्छा रहेगा।

फेस कवर करने की जरूरत कब होती है?

धूप से बचने के लिए।

ठंड से बचने के लिए।

ज्यादा प्रदूषण वाली जगहों पर।

स्कूटी या बाइक चलाते वक्त।

लड़के और लड़की दोनों फेस कवर करते हैं? 

हिजाब की तरफ दुपट्टा या गमछे में सिर और चेहरा दोनों ढका होता है।

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      हिजाब और दुपट्टे, स्कार्फ से फेस कवर के क्या फायदे हैं? 

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रिंकल्स नहीं आते हैं.

काले दाग धब्बे से राहत मिलती है.

स्किन एलर्जी की परेशानी कम होती है.

फेस पर रैशेज नहीं आते हैं। 

सोर्स  : डॉक्टर सचिन धवन डर्मेटोलॉजिस्ट फोर्टिस हॉस्पिटल गुरुग्राम

ज्यादा फेस या बालों को कवर करने से क्या नुकसान हो सकते हैं?

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स्किन को धूप नहीं मिलेगी तो विटामिन D की कमी हो जाएगी।

बालों में फंगल इन्फेक्शन या डैंड्रफ हो सकती है।

सोर्स  : डॉक्टर सचिन धवन डर्मेटोलॉजिस्ट फोर्टिस हॉस्पिटल गुरुग्राम

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