MP : भोपाल की बेटी आयुर्षी को अफ्रीका में मिला 62 लाख का पैकेज : पढ़िए इस सफलता की कहानी...

 

MP : भोपाल की बेटी आयुर्षी को अफ्रीका में मिला 62 लाख का पैकेज : पढ़िए इस सफलता की कहानी...

भोपाल की आयुर्षी कापसे को एक मल्टीनेशनल कंपनी ने 62 लाख रुपए का पैकेज दिया है। वह मैनेजमेंट की स्टूडेंट हैं। कोरोना काल के बाद भोपाल की किसी मैनेजमेंट स्टूडेंट को मिला यह सबसे बड़ा पैकेज है। आयुर्षी लखनऊ IIM में मैनेजमेंट की मार्केटिंग ब्रांच की स्टूडेंट हैं। अभी वह भोपाल में अपने ही घर पर हैं। प्लेसमेंट पर आयुर्षी ने कहा- इंटरव्यू के लिए कोई स्पेशल तैयारी नहीं की। सीनियर्स-जूनियर और बैचमेट ने हेल्प की। मैं मई में अफ्रीका के लोगोस शहर में कंपनी जॉइन करूंगी।

Zodiac Sign Astrology : इन राशि वाले लड़के और लड़कियों के अंदर होती है गजब की सिंक्सेथ सेंस पावर

मैं होशंगाबाद रोड स्थित स्नेह नगर कॉलोनी में रहती हूं। मेरे पिता प्रेम कापसे पेट्रो केमिकल कंपनी ब्रह्मपुत्र क्रैकर्स में अधिकारी हैं। वे असम में पदस्थ हैं। मेरी मां हाउस वाइफ हैं। एक छोटा भाई इंजीनियरिंग कर रहा है। मेरी प्रारंभिक शिक्षा भोपाल में हुई। इसके बाद मैंने इंदौर के जीएसआईटीएस संस्थान से इलेक्ट्रॉनिक एंड इंस्ट्रूमेंट में इंजीनियरिंग की। इसके बाद दो साल पुणे में एक मार्केट रिसर्च कंपनी में जॉब की। मेरा एमबीए करने का मन था, लेकिन जॉब के कारण पढ़ाई नहीं कर पा रही थी, इसलिए मैं नौकरी छोड़कर घर आ गई और यहां पढ़ने लगी। मैंने कोई कोचिंग जॉइन नहीं की। 2019 में मैं कैट एग्जाम में शामिल हुई थी। इसमें मेरा सिलेक्शन हो गया था। मैंने लखनऊ IIM में एडमिशन लिया। मैं यहां पढ़ाई कर रही हूं। फर्स्ट ईयर के बाद मेरा फ्लिपकार्ट में भी सिलेक्शन हुआ था। वहां मैंने दो महीने इंटर्नशिप की। वर्चुअल कैंपस प्लेसमेंट ड्राइव में 150 नेशनल और मल्टीनेशनल कंपनियां शामिल हुई थीं। मुझे अफ्रीका की कंपनी ने जॉब ऑफर की। मैं मई में कंपनी जॉइन करूंगी।

लुटेरी दुल्हन से सावधान : पहले भरोसा जीता, फिर रैकी कर चाय में नशीला पदार्थ देकर जेवर और नकदी लेकर हुई फरार

आयुर्षी को ऐसे मिली सफलता

आयुर्षी 27 साल की हैं। उनकी शुरुआती पढ़ाई भोपाल में हुई। इसके बाद GAIL DAV पब्लिक स्कूल औरैया (कानपुर, यूपी) से 12th की पढ़ाई कम्प्लीट की। कैम्पस प्लेसमेंट के दौरान आयुर्षी ने सीनियर्स और बैचमेट की मदद ली कि किस तरह से वे सिलेक्ट हो सकती हैं। पुराने साथी, जिनका प्लेसमेंट हो चुका है, उनसे बात की। उनके प्लेसमेंट के बारे में जाना। जूनियर साथियों के साथ रोज 2 से 3 घंटे तक इंटरव्यू की प्रैक्टिस की। मोबाइल से दूरी बनाकर रखी। सिर्फ जॉब पर फोकस किया। ऐसी स्थिति भी बनी कि कई दिनों तक घरवालों से भी बात नहीं की। परिजन का कहना है- आयुर्षी का पूरा फोकस कैम्पस प्लेसमेंट पर था, इसलिए हमने भी उसे डिस्टर्ब नहीं किया।

Related Topics

Latest News